सूर्य और चंद्रग्रहण की भविष्यवाणी

विचार II - दर्शन/गणित/चिकित्सा
09-06-2020 10:45 AM
सूर्य और चंद्रग्रहण की भविष्यवाणी

आए दिन हम विभिन्न विषयों पर भविष्यावाणियों के बारे मे सुनते रहते हैं, इसके अलावा कई पंचांग भी हैं जिनमे भविष्यवाणियाँ लिखी होती हैं। ये सभी पद्धतियाँ प्राचीन तकनीकियों के आधार पर होती हैं। इन्ही भविष्यवाणियों मे एक है सूर्य और चन्द्र ग्रहण की भविष्यवाणी जिसे की हम विगत 2000 वर्षों से सटीक तौर पर करते आ रहे हैं। यदि सूर्य ग्रहण पर बात की जाए तो चीन (China) से लेकर बेबीलोन (Babylon) तक इसका एक बेहद ही वृहत इतिहास है जो कि 2500 ईसा पूर्व तक जाता है। प्राचीन चीन के विषय मे यदि बात करें तो हमे पता चलता है कि 2300 ईसा पूर्व के करीब चीन मे वेधशालाओं का निर्माण किया जा चुका था और करीब 2650 ईसा पूर्व मे चीन के ही ली शू (Li Shu) ने खगोल विज्ञान के विषय में कई लेख लिखे हैं जिनसे हमे पता चलता है कि खगोल विज्ञान या सौर मण्डल के विषय मे लोगों को ज्ञान मिल चुका था। उस समय के ज्योतिष (जो कि सौर गतिविधियों पर नजर रखते थे) का मुख्य कार्य वहाँ के सम्राट के भविष्य स्वास्थ आदि का पूर्वानुमान लगाना होता था।

शुरुआती दौर मे कई भविष्यवाणियाँ गलत साबित हुयी जिस कारण कई ज्योतिषशास्त्रियों को काल के गाल मे समाना पड़ा। यह 20वीं शताब्दी ईसा पूर्व की बात है जब चीनी ज्योतिषों ने महीनों, दिनों और पृथ्वी की गति के संयोग से ग्रहण के विषय मे जानकारी प्राप्त करना शुरू की और उसी के आधार पर भविष्यवाणी करना प्रारम्भ किया। बेबीलोन की सभ्यता मे मिट्टी के गोलियों को आधार मानकर विभिन्न ग्रहों के दिशा और गति आदि का आंकड़ा रखा जाता था और इन्हीं आंकड़ों के आधार पर ही वे ग्रहण की जानकारी लिया करते थे। प्राचीन मिश्र मे जो भी खगोलीय ज्ञान व्याप्त था उसकी जानकारी वहाँ के मकबरों के चित्रों मे, मंदिरों, शिलालेखों पेपीरस (papyrus) के दस्तावेजों में हमे प्राप्त हो जाती है। अलेक्जेंड्रिया मे एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण पुस्तकालय हुआ करता था जिसे क्लियोपेट्रा और जूलियस सीजर (Cleopatra and Julius Caesar) के समय मे नष्ट कर दिया गया था और कालांतर मे 390 और 640 ईस्वी मे मिश्र मे 400,000 से अधिक पुस्तकों को नष्ट कर दिया गया था जोकि धर्मनिरपेक्ष साहित्य, गणित, चिकित्सा और खगोल विज्ञान आदि विषयों पर थी।

इस तबाही को दुनिया की सबसे बड़ी बौद्धिक तबाही की संज्ञा दी गयी। ऐसा माना जाता है कि इस से मिश्र की एक विशाल खगोलीय जानकारी नष्ट हो गयी जो बची है वह टुकड़ों मे स्थित है। इसके अलावा कई जानकरियाँ मिश्र (Egypt) में चित्रों आदि के जरिये प्राप्त हो जाता है यह 7वीं शताब्दी ईसा पूर्व का समय था जब यूनानी सभ्यता अपने पूर्ण अस्तित्व में थी के बाद 6ठी शताब्दी मे विश्व के प्रथम इतिहासकर हेरोडोटस (Herodotus) ने यह उल्लेखित किया है कि थेल्स यह भविष्यवाणी करने मे सक्षम था और यह भी बता दिया था की सूर्यग्रहण कब से शुरू होगा। भारतीय समाज मे भी भविष्यवाणियों की एक लंबी फहरिश्त है और यहाँ पर भी ग्रहणों के विषय मे कई प्राचीन खगोलशास्त्रियों ने जानकारी प्रस्तुत की है।

ऐतिहासिक रूप से शुरुआती पंचांग चंद्र मासिक पंचांग हुआ करते थे जिसका कारण यह है कि चंद्रमा पृथ्वी से नजदीक है जिस कारण इसकी गणना करना ज्यादा आसान होता था। विभिन्न विषयों पर बात करने से यह समझना तो आसान हो गया है कि मनुष्य वैज्ञानिक पद्धतियों के अलावा खुद से भी सूर्य और चंद्र ग्रहण की जानकारी प्रस्तुत कर सकता है। इस विषय पर जानकारी लेने के लिए गणित के उत्तरों का आहारा लिया जा सकता है जिसमे एक्स और वाई अक्षांशों को ध्यान मे रखकर सूर्य और चंद्रमा चक्रण का मान लेकर हम सूर्य और चंद्रग्रहण के विषय में भविष्यवाणी कर पाने मे सक्षम हो सकते हैं।

ΔT=62.92+0.32217∗t+0.005589∗t2ΔT=62.92+0.32217∗t+0.005589∗t2
जहाँ
y=year+(month−0.5)/12y=year+(month−0.5)/12
t=y−2000
उपरोक्त दिये गए सूत्र से भी ग्रहों की दिशा और दशा का अंदाजा लगाया जा सकता है तथा भविष्यवाणी की जा सकती है।

चित्र सन्दर्भ:
1. मुख्य चित्र में विभिन्न चरणों में सूर्य ग्रहण दिखाया गया है। (Picseql)
2. दूसरे चित्र में पूर्णचन्द्रग्रहण का चित्रण है। (Freepik)
3. तीसरे चित्र में ग्रहण के दौरान आने वाला स्वर्णकाल का चित्रण है। (Pikero)
4. अंतिम चित्र में अर्ध्चन्द्रग्रहण का चित्रण है। (publicdomainpictures)

संदर्भ :
1. https://www.atlasobscura.com/articles/how-to-predict-eclipse-computer-math-antikythera
2. https://www.space.com/predicting-solar-eclipses-newton-halley.html
3. https://image.gsfc.nasa.gov/poetry/ask/a11846.html
4. https://www.popsci.com/people-have-been-able-to-predict-eclipses-for-really-long-time-heres-how/
5. https://astronomy.stackexchange.com/questions/231/what-is-the-formula-to-predict-lunar-and-solar-eclipses-accurately