कैसे उगाए चौकोर आकार के तरबूज को ?

मेरठ

 29-04-2020 07:35 AM
साग-सब्जियाँ

उत्तर प्रदेश भारत के सबसे बड़े तरबूज उत्पादक राज्यों में से एक है। चूंकि मेरठ गंगा और यमुना के मैदानी इलाकों के बीच स्थित है, यहाँ कृषि कार्य बड़े पैमाने पर किया जाता है। मेरठ के नदी के भागों में बड़े पैमाने पर तरबूज की खेती की जाती है। चूंकि भारत की जलवायु ज्यादातर उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय है, इसलिए ग्रीष्मकाल भारत में तरबूज के लिए सबसे अच्छा मौसम है। तरबूज बहुत गर्म या नम स्थितियों में जीवित नहीं रह सकते हैं और अच्छी तरह से विकसित होने के लिए कम से कम तीन शुष्क और धूप के महीनों की आवश्यकता होती है।

उत्तर भारतीय राज्य में तरबूज को फरवरी-मार्च में उगाया जाता है और पश्चिमी राज्य इन्हें सर्दियों के दौरान उगाते हैं। जबकि, दक्षिणी और मध्य राज्यों की जलवायु तरबूजों की साल भर की खेती के लिए उपयुक्त है। भारत में शीर्ष तरबूज उत्पादक राज्यों में उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, हरियाणा, तेलंगाना, महाराष्ट्र शामिल हैं। जिससे तमिलनाडु, महाराष्ट्र, आंद्रा प्रदेश जैसे दक्षिणी राज्य साल भर तरबूज की खेती करते हैं। भारत में तरबूज की लोकप्रिय किस्में निम्न हैं :-
1) अर्का ज्योति :- ये उत्तर और दक्षिण भारत दोनों के लिए उपयुक्त है, इस किस्म के पौधे में 6-8 किलोग्राम वजन वाले तरबूज लगते हैं।
2) अर्का माणिक: सुस्त हरी धारियों के साथ ये अंडाकार होते हैं। इनका गूदा बहुत मीठा और गहरा लाल रंग का होता है। प्रत्येक फल का वजन लगभग 6 किलोग्राम होता है।
3) दुर्गापुरा केसर: इसका वजन लगभग 4-5 किलोग्राम होता है। वहीं दूसरों के विपरीत, इन फलों में पीला गूदा होता है, जो बहुत मीठा नहीं होता है।
4) दुर्गापुरा मीठा: इस किस्म के फल मीठे-लाल गूदे के साथ हल्के हरे रंग के होते हैं। प्रत्येक फल का वजन लगभग 6-8 किलोग्राम होता है।
5) सुगर बेबी (Suger Baby): यह संयुक्त राज्य अमेरिका से लाई गई किस्म है। इस फल का आकार गोल होता है और लगभग 4-6 किलोग्राम वजन होता है।
6) पूसा बेदाना: यह तरबूज की एक संकर किस्म है जो मोटी, कुरकुरी और गहरे हरे रंग के गूदे के साथ बीज रहित होती है।

तरबूज के स्वास्थ्य लाभ को भी आप निम्न पंक्तियों से जान सकते हैं :-
• तरबूज में 90% पानी और कई महत्वपूर्ण इलेक्ट्रोलाइट्स (electrolytes) होते हैं। इसलिए, यह एक उत्तम जलयोजित के घटक के रूप में काम करता है। इसके अलावा, ये फाइबर से भरा होता है, जो पाचन में सहायता कर सकता है।
• तरबूज विभिन्न कैरोटीनॉयड (carotenoid) में समृद्ध होता है, लाइकोपीन (lycopene) उनमें से एक है। इस कैरोटीनॉयड में अनुत्तेजक गुण होते हैं, इसलिए तरबूज भी सूजन के इलाज में मदद कर सकता है।
• विटामिन सी से भरपूर, ये फल प्रतिरक्षा को बढ़ाने में भी मदद करता है। इसमें विटामिन बी 6 भी होता है, जो प्रतिरक्षी और आरबीसी (RBCs) के उत्पादन में प्रतिरक्षा प्रणाली की सहायता करता है। इसके अलावा, विटामिन ए की उपस्थिति संक्रमण को रोकने में मदद करती है।
• तरबूज में विटामिन सी और ए की अच्छी मात्रा मौजूद होती है। ये दोनों विटामिन नई त्वचा कोशिकाओं की मरम्मत और निर्माण में महत्वपूर्ण साबित होते हैं। इसलिए, यह त्वचा के स्वास्थ्य और कायाकल्प में भी सहायक हो सकते हैं।
• साथ ही तरबूज वजन घटाने में भी उपयोगी हो सकता है। इसकी उच्च पानी की मात्रा के कारण, यह आपके शरीर से चयापचय को तेज करने, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद कर सकता है और आपको कम मात्रा में ऊष्मांक से भरा हुआ महसूस कराता है।

वहीं स्वस्थ्य के लिए इतने लाभदायक इन तरबूजों का आकार आमतौर पर गोल या अंडाकार होता है। लेकिन जापान के किसानों द्वारा दिल और चौकोर आकार के तरबूज को उगाया जा रहा है, परंतु सवाल यह उठता है कि उनके द्वारा ये कैसे उगाए गए और प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करने की क्या आवश्यकता है? दरसल चौकोर तरबूज उगाना वास्तव में बहुत आसान है। जब तरबूज बेल पर छोटा-सा होता है, तब उसके चारों ओर एक चौकोर या संतुलित कांच के डब्बे को लगाया जाता है। जब तरबूज बड़े होते हैं, तब वो डब्बे का आकार ले लेते हैं। बस ये याद रखें कि गिलास या पारदर्शी सांचे का उपयोग करें ताकि तरबूज को पर्याप्त धूप मिल सकें। अब यह जानते हैं कि इन आकार के तरबूज उगाने के पीछे क्या कारण है, इसके पीछे दो कारण है। पहला चौकोर आकार के तरबूज को ढेर करने और परिवहन करने में काफी आसानी होती है। दूसरा, और शायद सबसे सटीक यह है कि चौकोर तरबूज छोटे जापानी फ्रिज के अंदर पूरी तरह से उपयुक्त होने के लिए डिज़ाइन किया गया है। वहीं तरबूज के आकार से तरबूज के स्वाद और मिठास में कोई फर्क नहीं पड़ता है और यह कहना कुछ गलत नहीं होगा कि तरबूज के विभिन्न आकार उन्हें और अधिक आकर्षक और शीतल बनाते हैं।

चित्र(सन्दर्भ):
1.
मुख्य चित्र में तरबूज का फल दिखाया गया है।, Pexels
2. दूसरे चित्र में चौकोर तरबूज की प्रजाति दिखाई दे रही है।, Wikiwand
3. तीसरे चित्र में बेल पर लगा हुआ तरबूज दिखाई दे रहा है।, Pexels
4. चौथे चित्र में तरबूज की दानपुरी प्रजाति दिखाई दे रही है।, Peakpx
5. प्राचीन काल में पत्रक पर किया हुआ तरबूज का चित्रण, Wallpaperflare
संदर्भ :-
1.
https://indiagardening.com/growing-fruits/watermelon-season-in-india/
2. https://en.wikipedia.org/wiki/Watermelon
3. https://www.whataboutwatermelon.com/index.php/2009/07/how-and-why-square-watermelons-are-made/

RECENT POST

  • अपने युग से कहीं आगे थी विंध्य नवपाषाण संस्कृति
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:28 AM


  • चोपता में देखने को मिलती है प्राकृतिक सुंदरता एवं आध्यात्मिकता का अनोखा समावेश
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:29 AM


  • आइए जानें, क़ुतुब मीनार में पाए जाने वाले विभिन्न भाषाओं के शिलालेखों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:22 AM


  • जानें, बेतवा और यमुना नदियों के संगम पर स्थित, हमीरपुर शहर के बारे में
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:31 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस के मौके पर दौरा करें, हार्वर्ड विश्वविद्यालय का
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:30 AM


  • जानिए, कौन से जानवर, अपने बच्चों के लिए, बनते हैं बेहतरीन शिक्षक
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, उदासियों के ज़रिए, कैसे फैलाया, गुरु नानक ने प्रेम, करुणा और सच्चाई का संदेश
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:27 AM


  • जानें कैसे, शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के बीच अंतर को पाटने का प्रयास चल रहा है
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:20 AM


  • जानिए क्यों, मेरठ में गन्ने से निकला बगास, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए है अहम
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:22 AM


  • हमारे सौर मंडल में, एक बौने ग्रह के रूप में, प्लूटो का क्या है महत्त्व ?
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:29 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id