मेरठ एक ऐतिहासिक शहर है जिसका इतिहास महाभारत काल से लेकर वर्तमान काल तक अत्यंत ही रोचक रहा है। मेरठ में कई ऐसे महोत्सव मनाये जाते हैं जो कि विभिन्न कालखंडो से सम्बंधित हैं। इन्ही महोत्सवों में से एक है नवचंडी (नौचंदी) का मेला। नवचंडी मेला मेरठ में हजारों वर्षों से चला आ रहा है और यह मेला भारत के सबसे बड़े मेलों की फेहरिश्त में शामिल है। यह मेला आज तक कोई भी संकट हो अनवरत ही चल रहा है चाहे वह 1857 की क्रान्ति हो या 1947 का विभाजन। यह मेला इतना प्रसिद्द है कि लखनऊ से मेरठ के लिए एक प्रमुख ट्रेन (Train) नवचंडी एक्सप्रेस (Navchandi Express) चलाई जाती है। यह ट्रेन इसी मेले के तर्ज पर चलाई जाती है। यह वर्ष भारत ही नहीं अपितु विश्व के लिए एक काले अध्याय के रूप में निकल कर सामने आया है जब कोरोना (Corona) नामक महामारी ने इस पूरे विश्व को सकते में डाल दिया है। यह हजार साल में पहली बार हुआ है कि यहाँ का प्रसिद्द नवचंडी मेला स्थगित कर दिया गया है। यह एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण कदम है।
मेरठ के पडोसी जिले बुलंदशहर में भी वार्षिक मेले को इस वर्ष स्थगित कर दिया गया है। नवचंडी मेले में लाखों की संख्या में लोग आते हैं और ऐसे में कोरोना (Corona) के विस्फोट होने का प्रतिशत अत्यत्न ही बढ़ जाता है। अतः यह एक सराहनीय कदम है। बुलंदशहर से हमें एक बात जरूर सीखनी चाहिए और वह यह कि यहाँ पर वार्षिक मेला तो नहीं पर हेल्थकेयर चेकअप मेला (Healthcare Checkup fair) का आयोजन किया गया था, जिसमें 10087 मरीजो ने अपनी जांच कराई। इस मेले में विभिन्न बीमारियों के साथ साथ कोरोना (Corona) की भी जांच की गयी। इस वाकिये से हम मेरठ के विषय में भी सोच सकते हैं जैसा कि हमें पता है कि मेरठ में यह कोई नयी बात नहीं होगी क्यूंकि मेरठ में काफी प्राचीन काल से ही इस प्रकार के शिविर लगते रहे हैं। तो इस बार क्यूँ न नवचंडी मेले को पूर्ण रूप से स्वास्थ्य चेक (Check) के शिविर पर केन्द्रित किया जाए। मेरठ में स्थित श्राफ चैरिटी आई केयर अस्पताल (SCEH) इस प्रकार के शिविर लगाती रहती है। ये संस्था मुफ्त में नजर सम्बंधित स्वास्थ्य सेवाऐं प्रदान करता है।
मेरठ में यह माथुर नेत्र क्लिनिक बुढ़ाना गेट (Mathur eye clinic Budhana gate) के क्षेत्र में संचालित होता है। इसी साल जनवरी 15 को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association) के 75 चिकित्सकों ने मेरठ में स्वास्थ्य सेवा का शिविर लगाया था जिसमे लोगों का मुफ्त में चेकअप (Checkup) किया गया था। अतः यह एक अत्यंत ही सही समय है कि नवचंडी मेला को एक स्वास्थ्य शिविर के रूप में संचालित किया जाए और इसे कोरोना (Corona) महामारी के तपास के रूप में व्यवस्थित किया जाए। इस प्रकार का मेला एक मिशाल के रूप में देखा जा सकता है और यह एक ऐतिहासिक कदम होगा। इस प्रकार के शिविर से जरूरतमंदों का इलाज किया जा सकना संभव हो सकेगा और नवचंडी मेला स्थल पर ही एकांतवास के वार्ड (Isolation Ward) का भी निर्माण किया जा सकता है जहाँ पर लोगों को एकांत में चिकित्सकीय व्यवस्था में रखा जा सकता है। मेरठ में यह स्वास्थ्य मेला आवश्यक है लेकिन इस मेले के आयोजन को लेकर प्रशासन को यह तो जरूर समझना होगा कि इस प्रकार के आयोजन में सामाजिक दूरी (Social Distancing) का ख़ास ख्याल रखा जाना अनिवार्य हो ताकि कोरोना (Corona) महामारी से लड़ा जा सके। मेरठ में यदि यह संभव हो पाया तो इस प्रकार का मेला पूरे भारत में एक मिसाल के तौर पर देखा जा सकता है और इस प्रकार के स्वास्थ्य सम्बन्धी क़दमों से भविष्य में भी लोगों कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।
सन्दर्भ:
1. https://bit.ly/2wFSvJ4
2. https://www.patrika.com/bulandshahr-news/administration-organise-health-camp-to-aware-against-corona-5898383/
3. https://bit.ly/2xhGSII
4. http://www.sceh.net/locations/uttar-pradesh/index.php
5. https://bit.ly/3a81PD7
चित्र सन्दर्भ:
1. youtube.com - मुख्य चित्र में दिखाया गया दृश्य मेरठ में लगने वाले नौचंदी मेले का दृश्य है।
2. needpix.com - ऊपर दिया गया चित्र एक डॉक्टर द्वारा एक मरीज का निरिक्षण करते हुए सांकेतिक (क्रियात्मक) अंकन है।
3. youtube.com - अंतिम चित्र एक स्वास्थ्य शिविर के दौरान एक मरीज का निरिक्षण करते हुए डॉक्टर को प्रदर्शित कर रहा है।
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