मेरठ में भी पाए जाते हैं प्राच्य कछुआ कबूतर (Oriental turtle dove)

मेरठ

 16-03-2020 04:07 AM
पंछीयाँ

इस संसार में अनगिनत जीव-जन्तु रहते हैं, जो इस संसार को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कोलंबिडे (Columbidae) परिवार के प्राच्य कछुआ कबूतर (Oriental Turtle Dove) पक्षी को मेरठ में भी देखा जा सकता है। प्राच्य कछुआ कबूतर पक्षी यूरोप (Europe), एशिया (Asia) से लेकर जापान (Japan) तक विस्तृत रूप से पाए जाते हैं। इस प्रजाति के विभिन्न पक्षियों के पंख के पैटर्न (Pattern) में बदलाव देखा जा सकता है और इसे छह उप-प्रजातियों में नामित किया गया है। आमतौर पर उच्च अक्षांशों में इन पक्षियों की आबादी सर्दियों में दक्षिण की ओर पलायन करती है।

व्यापक रूप से फैली हुई ये प्रजाति विश्व स्तर पर कम खतरे वाली श्रेणी में आती है। इस प्रवासी पक्षी की उप-प्रजाति की प्रजनन सीमा यूराल पर्वत (Ural Mountains) से साइबेरिया (Siberia) में उत्तरी कज़ाकिस्तान (North Kazakhstan), उत्तरी मंगोलिया (North Mongolia), सखालिन द्वीप (Sakhalin Island) और उत्तरी जापान तक शामिल हैं। प्राच्य कछुए-कबूतर की 6 मान्यता प्राप्त उप-प्रजातियां हैं। प्राच्य टर्टल-डव की पहली उप-प्रजाति अत्यधिक प्रवासी है और मध्य साइबेरिया से चीन, कोरिया (Korea), जापान और कुरील द्वीपों (Kuril Island) में पाई जाती है। वहीं इसकी दूसरी उप-प्रजाति भी प्रवासी है और दक्षिण-पश्चिमी साइबेरिया से ईरान (Iran), अफगानिस्तान (Afghanistan), कश्मीर और नेपाल (Nepal) होते हुए उत्तरी कज़ाकिस्तान के यूराल पर्वत तक पाई जाती हैं। साथ ही इसकी तीसरी (ये दक्षिणी जापान के र्युक्यु द्वीप पर पाई जाती है), चौथी (ये ताइवान तक सीमित है), पाँचवी (प्रायद्वीपीय भारत में) और छठी (उत्तर-पूर्वी भारत से म्यांमार तक और दक्षिण-मध्य चीन में पाई जाती है) उप-प्रजाति गैर-प्रवासी हैं।

एशियाई कछुए कबूतर और यूरोपीय कछुए कबूतर दोनों के पंख एक समान होते हैं, बस एशियाई कछुए कबूतर आकार में थोड़े बड़े होते हैं। इसकी गर्दन के किनारे में चांदी रंग के पंखों से बने काले और सफेद धारीदार किनारों को देखा जा सकता है, लेकिन इसकी छाती कम गुलाबी रंग की होती है, और इस कबूतर के पंख भूरे रंग के होते हैं। इनके द्वारा निकाली जाने वाली आवाज़ दो कर्कश सुर के बाद दो स्पष्ट सुर का अनुगमन करती है, जो कुछ इस प्रकार है - “ह्र-ह्र-ऊ-ऊ”। प्राच्य कछुआ कबूतर भांग, सूरजमुखी, गेहूं, बाजरा और अम्लान के बीज का सेवन करते हैं।

संदर्भ:
1.
https://en.wikipedia.org/wiki/Oriental_turtle_dove
2. https://ebird.org/species/ortdov
3. https://ibis.geog.ubc.ca/biodiversity/efauna/documents/ORTD-article-RT.pdf
चित्र सन्दर्भ:
1.
https://www.rawpixel.com/search/orientalis?sort=curated&page=1
2. https://www.peakpx.com/414846/gray-pigeon
3. https://www.flickr.com/photos/kkoshy/48410405116
4. https://bit.ly/2QimE7A

RECENT POST

  • ज्योग्राफिका: प्राचीन भारत के दुर्लभ इतिहास को उजागर करता बहुमूल्य विश्वकोश
    छोटे राज्य 300 ईस्वी से 1000 ईस्वी तक

     23-09-2023 10:21 AM


  • मेरठ की ज़रूरतों को पूरा करने में कितनी प्रभावशाली है मेट्रो व् रैपिड रेल परियोजना ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     22-09-2023 09:25 AM


  • कई फायदों के कारण ग्राफ़िक उपन्यास भारतीय पाठकों को भी रास आने लगे हैं
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     21-09-2023 09:39 AM


  • ऋग्वेद में सबसे अधिक वर्णन होने पर भी, देवराज इंद्र की पूजा क्यों है निषिद्ध ?
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     20-09-2023 09:32 AM


  • हिंदू धर्म के साथ ही बौद्ध धर्म में भी है श्री गणेश भगवान का महत्त्वपूर्ण स्थान
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     19-09-2023 09:33 AM


  • हमारी रोज़ मर्रा की ज़िन्दगी के अभिन्न अंग कागज का विश्व भर में प्रचलित मानक
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     18-09-2023 09:50 AM


  • अवैध शिकारियों पर वार पर आधारित डॉक्यूमेंट्री फिल्म आकाशिंगा: द ब्रेव वन्‍स (2000)
    द्रिश्य 2- अभिनय कला

     17-09-2023 11:17 AM


  • हमारे उत्तर पूर्वी राज्यों की इदु-मिश्मी जनजाति से सम्बंधित मानी जाती हैं, देवी रुक्मिणी
    सिद्धान्त 2 व्यक्ति की पहचान

     16-09-2023 09:36 AM


  • भगवान शिव और हमारी सेहत, दोनों को रास आता है शिव लिंग वृक्ष या कैननबॉल ट्री
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     15-09-2023 09:31 AM


  • पंच महा-भूत एवं पेंटाग्राम के चिन्ह में क्या संबंध जोड़ा जा सकता है
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-09-2023 09:37 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id