वर्तमान समय में पूरे विश्व भर में कृत्रिम बुद्धिमत्ता ने अपनी एक अलग छाप छोड़ रखी है। यह तकनीकी हमारे आधुनिक जीवन के साथ काफी हद तक घुल मिल गई है। जब भी हमारे द्वारा कंप्यूटर या मोबाईल का उपयोग किया जाता है तो जाहीर सी बात है कि हमारे द्वारा कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग किया जा रहा है। ऐसे ही निकट भविष्य में हमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता का फोटोग्राफी और इमेजिंग पर बहुत बड़ा प्रभाव देखने को मिल सकता है।
जी हाँ, ऐसी संभावनाएं हैं कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता जल्द ही मानव फोटोग्राफर की जगह लेने वाली है। इससे केवल फोटोग्राफी का क्षेत्र प्रभावित नहीं होगा बल्कि यह तकनीकी रूप से उन्नत मशीनों की वृद्धि से मानव द्वारा किए जाने वाले अधिकांश कार्यों (जैसे इंजीनियरिंग की नौकरियां, मोटर वाहन, परिवहन और आदि) को प्रतिस्थापित भी कर सकती है। जहां फ़ोटोग्राफ़ी में सबसे प्रभावशाली हालिया प्रगति सेंसर (sensor) या लेंस (lens) के बजाय सॉफ़्टवेयर (software) और सिलिकॉन (silicon) के स्तर पर हुई है और वहीं इसका श्रेय काफी हद तक कृत्रिम बुद्धिमत्ता को जाता है।
गूगल द्वारा भी 2015 में अपने एक ऐप (app) को लॉन्च (launch) करके यह स्पष्ट कर दिया था कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता और फोटोग्राफी कितनी शक्तिशाली है। इससे पहले, कंपनी द्वारा सालों से Google+ में चित्रों को वर्गीकृत करने के लिए मशीन लर्निंग का उपयोग किया जा रहा था, लेकिन गूगल ने अपने फोटो ऐप के लॉन्च में उपभोक्ता के समक्ष कृत्रिम बुद्धिमत्ता की सुविधाओं को प्रदान किया गया। फोटोग्राफी में कृत्रिम बुद्धिमत्ता को शामिल करने के साथ कैमरे की योग्यता में कई प्रारंभिक विकास को देखा जा सकता है। जैसे गूगल क्लिप (एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता से संचालित कैमरा है) द्वारा यह तय किया जा सकता है कि एक तस्वीर में प्रकाश या रचना कब सौंदर्य की दृष्टि से उस तस्वीर को आकर्षक बना सकती हैं। हाल ही में एमआईटी द्वारा "डीप एंजेल" नामक एक उपकरण को जारी किया गया था, जो हमें तस्वीरों से किसी को भी और कुछ भी हटाने की सुविधा प्रदान करता है।
साथ ही, जहां जनरेशन एडवांसरियल नेटवर्क्स और फोटोग्राफी जैसी तकनीकें निविष्ट वस्तुओं से तस्वीरें बनाने में सक्षम हैं। हम इस तथ्य से इंकार नहीं कर सकते, कि भविष्य में ऐसी तकनीकें काफी सरल आदेश के साथ उच्च- विश्लेषण की तस्वीरें और वीडियो बनाने में सक्षम होंगी। ऐसी संभावनाएं हैं कि भविष्य में, छवियों को सुधारने के लिए CorelDRAW और फ़ोटोशॉप (Photoshop) जैसे उपकरणों की भी आवश्यकता नहीं होंगी। इससे हम ये संभावना लगा सकते हैं कि भविष्य में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के फोटोग्राफी में आने से फोटोग्राफर और वास्तविक तस्वीरों की संख्य में काफी गिरावट देखने को मिलेगी।
संदर्भ :-
1. https://www.theverge.com/2019/1/31/18203363/ai-artificial-intelligence-photography-google-photos-apple-huawei
2. https://berify.com/blog/how-ai-is-changing-photography/
3. https://medium.com/hackernoon/future-artificial-intelligence-and-photography-3346457970f0
4. https://medium.com/datadriveninvestor/why-machine-learning-is-so-important-for-the-future-of-photography-135437e66a8d
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