क्या है कैंसर का इतिहास और कैसे हुई इसमें वृद्धि?

मेरठ

 04-02-2020 12:00 PM
विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

हम सभी जानते हैं कि कैंसर (Cancer) एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है और बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जो इस बीमारी से बच पाते हैं। कैंसर से शरीर के किसी भी हिस्से की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से विभाजित हो जाती हैं। वैसे यह बीमारी मौजूदा दौर में लाइलाज बन गई है, इसका एक कारण समय से कैंसर के ज़िम्मेदार कारकों का पता न चलना है। वहीं दूसरा कारण इस बीमारी के इलाज का बहुत खर्चीला होना भी है। जिससे बहुत से लोग कैंसर की चपेट में आके बिना इलाज के दम तोड़ देते हैं।

हिप्पोक्रेट्स (Hippocrates), एक यूनानी चिकित्सक द्वारा ‘कैंसर’ शब्द लाया गया था। हिप्पोक्रेट्स ने ट्यूमर (Tumor) का वर्णन करने के लिए ग्रीक शब्द ‘कार्सिनोस’ (Carcinos) और ‘कार्सिनोमा’ (Carcinoma) का उपयोग किया, इस प्रकार कैंसर को ‘कर्किनोस’ (Karkinos) कहा जाता है। हालाँकि हिप्पोक्रेट्स ने इस बीमारी का नाम रखा होगा, लेकिन वह निश्चित रूप से इस बीमारी का पता लगाने वाले पहले व्यक्ति नहीं थे। कैंसर का इतिहास वास्तव में बहुत पहले शुरू होता है। कैंसर से पीड़ित लोगों का विश्व में सबसे पुराना प्रलेख 1500 ईसा पूर्व में प्राचीन मिस्र से मिलता है। ये प्रलेख पेपीरस (Papyrus) में दर्ज किया गया था, जिसमें वक्ष पर होने वाले ट्यूमर के आठ मामलों का दस्तावेजीकरण पाया जाता है। इन मामलों का कॉटराइज़ेशन (Cauterization) द्वारा इलाज किया गया था, जिसमें "द फायर ड्रिल" (The fire drill) नामक एक गर्म उपकरण की मदद से ऊतक को नष्ट किया गया था। वहीं इस बात का भी सबूत मिलता है कि प्राचीन मिस्र के लोग घातक और सौम्य ट्यूमर के बीच अंतर बताने में सक्षम थे। शिलालेखों के अनुसार, सतह के ट्यूमर को उसी तरह शल्यचिकित्सा से हटाया जाता था, जैसे आज की तकनीकी से हटाया जाता है।

15वीं शताब्दी की शुरुआत के दौरान वैज्ञानिकों ने मानव शरीर और उसकी रोग प्रक्रियाओं के कामकाज की अधिक समझ को विकसित करना शुरू किया था। वहीं हार्वी (1628) द्वारा की गई शव परीक्षाओं से हृदय और शरीर के माध्यम से रक्त के संचलन को समझना शुरू किया गया था। हार्वी के बाद 1761 में पडुआ (Padua) के जियोवानी मोर्गाग्नी (Giovanni Morgagni) ने बीमारियों का कारण खोजने के लिए शव परीक्षण को नियमित रूप से करना शुरू किया। इस परीक्षण ने कैंसर के अध्ययन की भी नींव रखी थी।

वे स्कॉटिश सर्जन (Scottish Surgeon) जॉन हंटर (John Hunter) (1728−1793) थे जिन्होंने सुझाव दिया था कि कुछ कैंसर सर्जरी द्वारा ठीक हो सकते हैं। यह लगभग एक शताब्दी बाद था कि बेहोशी की दवाइयों के विकास ने "गतिशील" कैंसर के लिए नियमित सर्जरी को प्रेरित किया जो अन्य अंगों में नहीं फैला हो। रुडोल्फ विरचो (Rudolf Virchow - जिन्हें अक्सर सेलुलर पैथोलॉजी (Cellular Pathology) का संस्थापक कहा जाता है) ने माइक्रोस्कोप (Microscope) से कैंसर के विकृति संबंधी अध्ययन के लिए आधार की स्थापना की थी। उन्होंने उन ऊतकों पर भी अध्ययन करना शुरू किया जो सर्जरी के बाद निकाल दिए जाते थे।

कैंसर का पता लगाने के लिए स्क्रीनिंग (Screening) काफी मददगार साबित हुई थी। कैंसर के लिए व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला पहला स्क्रीनिंग परीक्षण “पैप परीक्षण (Pap test)” था। पैप परीक्षण को आर्तवचक्र को समझने के लिए एक शोध पद्धति के रूप में जॉर्ज पापनिकोलाउ (George Papanicolaou) द्वारा विकसित किया गया था। जॉर्ज पापनिकोलाउ द्वारा तब उल्लेख किया गया था कि यह परीक्षण ग्रीवा के कैंसर को जल्दी पहचानने में मदद कर सकता है और 1923 में उन्होंने अपने निष्कर्ष प्रस्तुत किए थे।

पुरातनता के बाद से भारतीय उपमहाद्वीप में कैंसर जैसी बीमारी का दस्तावेजीकरण किया गया है। कैंसर का वास्तविक निदान 19वीं शताब्दी में शुरू हुआ और 20वीं शताब्दी में कैंसर का बोझ बढ़ने लगा। इस बात की पुष्टि करने के लिए कि मध्यम आयु वर्ग के और बुजुर्ग भारतीयों की मृत्यु में कैंसर एक आम कारण था, नाथ और ग्रेवाल ने 1917 से 1932 के बीच भारत भर के विभिन्न मेडिकल कॉलेज अस्पतालों से शव परीक्षा, निदान और रोग-विषयक विवरण का इस्तेमाल करके ऐतिहासिक अध्ययन किया था। उस समय भारत में मूल निवासियों की अल्प जीवन प्रत्याशा के परिणामस्वरूप कैंसर का बोझ स्पष्ट रूप से कम था। पिछली सदी में भारत में कैंसर के बढ़ते बोझ के बारे में कई अग्रदूतों ने चेतावनी दी थी, लेकिन उनकी चेतावनी पर काफी देर से ध्यान दिया गया। वहीं 1946 में, स्वास्थ्य सुधार पर एक राष्ट्रीय समिति ने सभी भारतीय राज्यों में बढ़ते कैंसर के बोझ का निदान और प्रबंधन करने के लिए पर्याप्त सुविधाओं के निर्माण की सिफारिश की थी। ऐसा माना जा रहा है कि अधिकतम वृद्धि सबसे अधिक आबादी वाले और सबसे कम विकसित राज्यों में होगी, जहां वर्तमान कैंसर उपचार की सुविधाएं अपर्याप्त हैं।

संदर्भ:
1.
https://en.wikipedia.org/wiki/Cancer#History
2. https://ascopubs.org/doi/full/10.1200/JGO.19.00048
3. https://www.news-medical.net/health/Cancer-History.aspx
4. https://www.verywellhealth.com/the-history-of-cancer-514101
चित्र सन्दर्भ:-
1.
https://en.wikipedia.org/wiki/History_of_cancer#/media/File:Clara_Jacobi-Tumor.jpg

RECENT POST

  • चलिए अवगत होते हैं, भारत में ड्रॉपशिपिंग शुरू करने के लिए लागत और ज़रूरी प्रक्रियाओं से
    संचार एवं संचार यन्त्र

     15-01-2025 09:30 AM


  • आध्यात्मिकता, भक्ति और परंपरा का संगम है, कुंभ मेला
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     14-01-2025 09:26 AM


  • भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लचीलेपन का श्रेय जाता है, इसके मज़बूत डेयरी क्षेत्र को
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     13-01-2025 09:26 AM


  • आइए, आज देखें, भारत में पोंगल से संबंधित कुछ चलचित्र
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     12-01-2025 09:30 AM


  • जानिए, तलाक के बढ़ते मामलों को कम करने के लिए, कुछ सक्रिय उपायों को
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     11-01-2025 09:26 AM


  • इस विश्व हिंदी दिवस पर समझते हैं, देवनागरी लिपि के इतिहास, विकास और वर्तमान स्थिति को
    ध्वनि 2- भाषायें

     10-01-2025 09:31 AM


  • फ़िनलैंड के सालाना उपयोग से अधिक विद्युत खपत होती है, क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग में
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     09-01-2025 09:27 AM


  • आइए जानें, भारत और अमेरिका की न्यायिक प्रणाली के बीच के अंतरों को
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     08-01-2025 09:26 AM


  • आइए जानें, हमारी प्रगति की एक प्रमुख चालक, बिजली के व्यापार के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     07-01-2025 09:43 AM


  • भारत में परमाणु ऊर्जा का विस्तार: स्वच्छ ऊर्जा की ओर एक सशक्त कदम
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     06-01-2025 09:30 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id