आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलें हलाल हैं या हराम?

मेरठ

 31-01-2020 01:00 PM
स्वाद- खाद्य का इतिहास

शब्द ‘हलाल’ से रामपुर का हर कोई व्यक्ति परिचित होगा। क्योंकि अक्सर यह शब्द हम जीवन में कभी न कभी सुनते ही हैं। यह शब्द मुस्लिम धर्म से जुड़ा हुआ है जोकि अरबी भाषा का शब्द है। कुरान के अनुसार हलाल शब्द ‘हराम’ (वर्जित) का विलोम या विपरीत शब्द है। हलाल और हराम शब्द क़ुरान में इस्तेमाल किये गये सामान्य शब्द हैं जो क्रमशः ‘स्वीकृत’ और ‘निषिद्ध’ श्रेणियों को नामित करते हैं। दूसरे शब्दों में मानव द्वारा खाये जाने वाले वे पदार्थ जिन्हें ग्रहण करने की अनुमति ईश्वर ने दी है, हलाल हैं जबकि वे पदार्थ जिन्हें ईश्वर द्वारा ग्रहण करने से मना या निषिद्ध किया गया है, हराम हैं। कई खाद्य कंपनियां (Companies), हलाल प्रसंस्कृत (Processed) खाद्य पदार्थ और उत्पाद पेश करती हैं, जिनमें हलाल स्प्रिंग रोल (Spring rolls), चिकन नगेट्स (Chicken nuggets), रैवियोली (Ravioli), लज़ानिया (Lasagna), पिज़्ज़ा (pizza) और बेबी फ़ूड (Baby food) शामिल हैं। ब्रिटेन (Britain) और अमेरिका (America) में मुसलमानों के लिए हलाल तैयार भोजन एक बढ़ता उपभोक्ता बाज़ार है, जिसे खुदरा विक्रेताओं की बढ़ती संख्या द्वारा पेश किया जा रहा है। शाकाहारी भोजन भी हलाल की श्रेणी में आता है, अगर उसमें अल्कोहल (Alcohol) न मिलायी गयी हो। हराम (गैर-हलाल) भोजन का सबसे आम उदाहरण सुअर के मांस से बने पदार्थ हैं। इस मांस का उपभोग मुसलमानों द्वारा नहीं किया जाता क्योंकि कुरान में इसे निषिद्ध बताया गया है।

जैव प्रौद्योगिकी के विकास के साथ कई ऐसे खाद्य पदार्थ विकसित किये जा रहे हैं जिन्हें आनुवंशिक रूप से संशोधित किया गया है। मकई, सेब, बैंगन, सोयाबीन (Soyabean), आलू, पपीता आदि कुछ ऐसी महत्वपूर्ण फसलें हैं जिन्हें आनुवंशिक रूप से संशोधित किया गया है तथा पूरी दुनिया में उपयोग में लाया जा रहा है। मलेशिया में दिसंबर 2010 में मलेशियाई जैव प्रौद्योगिकी सूचना केंद्र (Malaysian Biotechnology Information Centre - MABIC) और इंटरनेशनल हलाल इंटीग्रिटी एलायंस (International Halal Integrity Alliance-IHIA) द्वारा आयोजित "एग्री-बायोटेक्नोलॉजी: शरिया कम्प्लायंस” (Agri-biotechnology: Shariah Compliance) नामक एक सम्मेलन में, प्रतिभागियों ने आनुवंशिक रूप से संशोधित की गयी फसलों और उत्पादों को हलाल माना है बशर्ते उन्हें विकसित करने के लिए उपयोग की जाने वाली सभी सामग्रियां हलाल स्रोतों से प्राप्त होती हैं। इसके अलावा जो पदार्थ हराम स्रोतों से प्राप्त हुए हैं, उन्हें हराम की श्रेणी में रखा गया है।

इस्लामिक न्यायशास्त्र परिषद (IJC) के अनुसार, आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों से प्राप्त खाद्य पदार्थ हलाल हैं तथा मुस्लिम लोगों द्वारा उपभोग किये जा सकते हैं। कुछ विद्वानों ने सुझाव दिया है कि जैव प्रौद्योगिकी द्वारा विकसित की गयी फसलों से प्राप्त खाद्य पदार्थ संभवतः हराम (गैर-हलाल) बन सकते हैं यदि उनमें निषिद्ध खाद्य पदार्थों का डीएनए (DNA) मौजूद हो। यह मुद्दा अभी भी विद्वानों और प्रमाणित संगठनों के बीच बहस का विषय बना हुआ है। आनुवंशिक रूप से संशोधित जीवों पर इस्लामी दृष्टिकोण जटिल है तथा यह इसकी पारंपरिक और समकालीन दोनों तरीके से जांच करता है। आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों के विरोधी कार्यकर्ताओं का कहना है कि जीवों का आनुवंशिक संशोधन प्रकृति का उल्लंघन है। कुरान का हवाला देते हुए वे कहते हैं कि, किसी को भी अल्लाह की कृतियों को नहीं बदलना चाहिए। हालांकि अन्य छंदों में यह भी वर्णित है कि जो लोग भूखे को खाना खिलाते हैं उन्हें बाद में पुरस्कृत किया जाएगा।

खेती में आनुवंशिक संशोधित तकनीकों का उपयोग करके फसलों की उत्पादकता बढ़ायी जा सकती है तथा लागत दर कम की जा सकती है। किंतु आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों के हानिकारक प्रभावों को देखते हुए पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत, सरकार द्वारा अनुमोदित नहीं होने वाली आनुवंशिक संशोधित फसलों को उगाने पर पांच साल की जेल की सज़ा और, 1 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान बनाया गया है। 2018 में सरकार को सौंपी गई एक उच्च-स्तरीय समिति की रिपोर्ट (Report) के अनुसार, भारत में लगभग 15% कपास पूरे महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और गुजरात में अवैध रूप से उगाया जाता है जोकि एचटी कपास (HT) हो सकता है। आनुवंशिक इंजीनियरिंग (Engineering) प्रौद्योगिकियों का विरोध करके, भारत दुनिया के बाकी हिस्सों से पिछड़ रहा है। इन देशों में वैज्ञानिक फसलों की पैदावार, रोग प्रतिरोध क्षमता और जीवन को बेहतर बनाने के लिए जीन (Gene) संपादन उपकरणों का निर्माण किया जा रहा है।

संदर्भ:
1.
https://en.wikipedia.org/wiki/Halal
2. http://www.agbioworld.org/biotech-info/religion/halal.html
3. https://geneticliteracyproject.org/2013/11/26/debating-genetically-modified-food-an-islamic-perspective/
4. https://www.livemint.com/industry/agriculture/inside-india-s-genetic-crop-battlefield-1561054298998.html
चित्र सन्दर्भ:-
1.
https://pxhere.com/en/photo/790954
2. https://pixabay.com/hu/photos/apple-bio-alma-gy%C3%BCm%C3%B6lcskos%C3%A1r-kos%C3%A1r-1245549/
3. https://www.pxfuel.com/en/free-photo-jrtix
4. https://www.freepik.com/free-vector/modern-halal-stamp-with-flat-design_2641199.htm

RECENT POST

  • आधुनिक हिंदी और उर्दू की आधार भाषा है खड़ी बोली
    ध्वनि 2- भाषायें

     28-12-2024 09:28 AM


  • नीली अर्थव्यवस्था क्या है और कैसे ये, भारत की प्रगति में योगदान दे रही है ?
    समुद्री संसाधन

     27-12-2024 09:29 AM


  • काइज़ेन को अपनाकर सफलता के शिखर पर पहुंची हैं, दुनिया की ये कुछ सबसे बड़ी कंपनियां
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     26-12-2024 09:33 AM


  • क्रिसमस पर लगाएं, यीशु मसीह के जीवन विवरणों व यूरोप में ईसाई धर्म की लोकप्रियता का पता
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     25-12-2024 09:31 AM


  • अपने परिसर में गौरवपूर्ण इतिहास को संजोए हुए हैं, मेरठ के धार्मिक स्थल
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     24-12-2024 09:26 AM


  • आइए जानें, क्या है ज़ीरो टिलेज खेती और क्यों है यह, पारंपरिक खेती से बेहतर
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     23-12-2024 09:30 AM


  • आइए देखें, गोल्फ़ से जुड़े कुछ मज़ेदार और हास्यपूर्ण चलचित्र
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:25 AM


  • मेरठ के निकट शिवालिक वन क्षेत्र में खोजा गया, 50 लाख वर्ष पुराना हाथी का जीवाश्म
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:33 AM


  • चलिए डालते हैं, फूलों के माध्यम से, मेरठ की संस्कृति और परंपराओं पर एक झलक
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:22 AM


  • आइए जानते हैं, भारत में कितने लोगों के पास, बंदूक रखने के लिए लाइसेंस हैं
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:24 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id