आयुर्वेद में भी मिलता है गम्हड़ के गुणों का वर्णन

मेरठ

 27-01-2020 10:00 AM
पेड़, झाड़ियाँ, बेल व लतायें

जल की तरह पेड़-पौधे भी हमारे जीवन के अविभाज्य अंग हैं। वहीं पेड़-पौधे हमें न केवल प्राणवायु प्रदान करते हैं बल्कि हमें कई बीमारियों से भी निजात दिलाते हैं। लोगों द्वारा साज-सज्जा के लिए इन्हें अपने घरों के बाहर या बगीचों में भी लगाया जाता है। ऐसे ही हम में से अधिकांश लोगों द्वारा एक सुंदर तेज़ी से बढ़ने वाले पर्णपाती वृक्ष ‘गम्हड़’ को भी बगीचों में देखा गया होगा। बगीचों के अलावा इन पेड़ों को कृषि भूमि, ग्रामीण सामुदायिक भूमि और बंजर भूमि पर भी देखा जा सकता है।

यह काफी कम देखरेख की मांग करते हैं तथा केवल सूखे को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं, क्योंकि यह सूखी, रेतीली या खराब मिट्टी पर ठीक से विकसित नहीं होते हैं। लेकिन दूसरी ओर इनमें ठंड को झेलने की अच्छी क्षमता होती है। वहीं इनके पौधों को हिरण और मवेशियों से सुरक्षा की आवश्यकता होती है।

गम्हड़ भारत के 1500 से अधिक हिस्सों में प्राकृतिक रूप से पाए जाते है। भारत में, ग्मेलिना आर्बोरिया (Gmelina arborea – वैज्ञानिक नाम) रावी से पूर्व-हिमालयी इलाकों में, पूरे असम और उत्तरी पश्चिम बंगाल के आस-पास के क्षेत्रों में, दक्षिणी बिहार और ओडिशा में, पश्चिमी और दक्षिणी भारत में छिटपुट रूप से और बाकी जगहों पर बड़े पैमाने पर पाए जाते हैं। गम्हड़ पश्चिम बंगाल के मिश्रित जंगलों में सबसे अधिक रूप से देखे जाते हैं।

यह विभिन्न इलाकों में पनपते हैं और 750-4500 मि.मी. वर्षा के साथ नम उपजाऊ घाटियों में उत्पन्न होते हैं। इस पेड़ का 6.0-9.0 मीटर का स्पष्ट तना और 1.5-2.5 मीटर का घेर होता है। शाखाएं और कई भाग महीन सफ़ेद घनी पपड़ी से ढके हुए होते हैं। साथ ही इसकी पत्तियां साधारण, उलटी, चौड़ी अण्डाकार, हृदयाकार और ग्रंथिमय होती हैं। वहीं इसमें खिलने वाले फूल 2.5-5.0 सेंटीमीटर व्यास के साथ भूरे रंग के छोटे गुच्छे की तरह होते हैं।

गम्हड़ के पेड़ का कई चीजों में उपयोग किया जाता है, जैसे इसकी लकड़ी काफी मज़बूत होती है, जिसका उपयोग फर्नीचर (Furniture), गाड़ी, खेल के सामान, संगीत वाद्ययंत्र और कृत्रिम अंगों के निर्माण में किया जाता है। वहीं गम्हड़ की जड़ "दशमूल" का एक घटक है। यह पाचन शक्ति को बढ़ावा देता है और स्मृति में सुधार करता है। ये जड़ें बुखार, अपच, बवासीर, पेट में दर्द, हृदय रोग, तंत्रिका संबंधी विकार, बवासीर और जलन में उपयोगी होती हैं। इसके पत्तों के पेस्ट (Paste) को सिर में लगाने से सिरदर्द से राहत पहुंचाई जाती है। साथ ही इसके फूल मीठे, शीतल, कड़वे, तीखे और कसैले होते हैं, जो कुष्ठ और रक्त रोगों में उपयोगी होते हैं।

आयुर्वेद में यह देखा गया है कि गम्हड़ के फल तीखे, खट्टे, कड़वे, मीठे और शीतल होते हैं, जो बालों के विकास को बढ़ावा देते हैं, एनीमिया (Anaemia), कुष्ठ, व्रण और कई अन्य बीमारियों में उपयोगी होते हैं। साँप के काटने और बिच्छू के डंक के उपचार के लिए अन्य दवाओं के साथ संयोजन में इस पौधे का उपयोग किया जाता है। सांप के काटने पर जड़ का काढ़ा और छाल को सेवन करने के लिए दिया जाता है।

आयुर्वेद की प्राचीन कविता जो गम्हड़ के बारे में बात करती है:

“गंभारी भद्रपर्णी च श्रीपर्णी मधुपर्णिका। काश्मीरी काश्मरी हीरा काश्मर्यः पीतरोहिणी।।
कृष्णवृन्ता मधुरसा महाकुसुमिकाsपि च। काश्मीरी तुवरा तित्का वीर्योष्णा मधुरा गुरुः।।
दीपनी पाचनी मेध्या भेदिनी भ्रमशोषजित्। दोषतृष्णाऽऽमशूलार्शोविषदाहज्वरापहा।।”

प्रारंग पर उपलब्ध सभी लिखित सामग्री और मीडिया केवल सूचना के प्रयोजन से प्रकाशित किये जाते हैं। यह पेशेवर चिकित्सा सलाह (professional medical advice) के विकल्प के रूप में नहीं है और इसे स्वास्थ्य या व्यक्तिगत सलाह के रूप में प्रयोग में नहीं लाया जाना चाहिए।

संदर्भ:
1.
https://en.wikipedia.org/wiki/Gmelina_arborea
2. http://www.flowersofindia.net/catalog/slides/Gamhar.html
3. https://bit.ly/2uCkqrK
4. https://www.planetayurveda.com/library/gambhari-gmelina-arborea/

RECENT POST

  • अपने युग से कहीं आगे थी विंध्य नवपाषाण संस्कृति
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:28 AM


  • चोपता में देखने को मिलती है प्राकृतिक सुंदरता एवं आध्यात्मिकता का अनोखा समावेश
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:29 AM


  • आइए जानें, क़ुतुब मीनार में पाए जाने वाले विभिन्न भाषाओं के शिलालेखों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:22 AM


  • जानें, बेतवा और यमुना नदियों के संगम पर स्थित, हमीरपुर शहर के बारे में
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:31 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस के मौके पर दौरा करें, हार्वर्ड विश्वविद्यालय का
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:30 AM


  • जानिए, कौन से जानवर, अपने बच्चों के लिए, बनते हैं बेहतरीन शिक्षक
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, उदासियों के ज़रिए, कैसे फैलाया, गुरु नानक ने प्रेम, करुणा और सच्चाई का संदेश
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:27 AM


  • जानें कैसे, शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के बीच अंतर को पाटने का प्रयास चल रहा है
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:20 AM


  • जानिए क्यों, मेरठ में गन्ने से निकला बगास, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए है अहम
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:22 AM


  • हमारे सौर मंडल में, एक बौने ग्रह के रूप में, प्लूटो का क्या है महत्त्व ?
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:29 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id