जंगल हमारे संसार की अमूल्य निधी है, जो कि हमारे जीवन को विभिन्न रूपों से प्रभावित करते है। ये पर्यावरण की विभिन्न गतिविधयों में संतुलन बनाने में प्रमुख भूमिका निभाते है। संसार के विस्तृत भूभाग में जंगल ही पाए जाते है जो कि धरातलिय आकृतियों और परिस्थितियों के अनुसार ही उनका नामकरण भी किया गया है। जैसे नम उष्णकटिबंधीय,उष्णकटिबंधीय, पर्वतीय आदि।
जब हम भारत की तरफ़ देखते है तो पाते है की भारत में जंगलो का महत्व बहुत ही अधिक है, यहाँ मनुष्य जाति का एक बड़ा भाग( लगभग 300 लाख लोग) प्रत्यक्ष रूप से अपने जीवन यापन के लिए जंगलो पे निर्भर है। भारत के 21.54% भूभाग पे जंगलो का विस्तार पाया जाता है, जो की 708,273 Sq Km है। ये आकड़े भारतीय जंगल सर्वेक्षण के द्वारा प्रस्तुत किए गये है। जिसका गठन जून 1981 में हुआ था, इसका मुख्यालय उतराखंड (देहरादून) में स्तिथ है। वर्तमान में इसके मुख्य निर्देशक डॉक्टर सुभाष आशुतोष हैं।इसकी वेब साइट www.fsi.nic.in है, यह संगठन हर दो साल के अंतराल पे अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करता है। जिसमें भारतीय जंगलो की विस्तृत जानकारी होती है।
इस संगठन के अनुसार भारत में 5 प्रकार के जंगल पाए जाते है, जो की निम्न है -
- सदा बाहर जंगल
- उष्णकटिबंधीय जंगल
- सम उष्णकटिबंधीय जंगल
- पर्वतीय जंगल
- अल्पाइन जंगल
सदा बाहर जंगल :- ये जंगल मुख्य रूप से वहाँ पाए जाते है, जहाँ पे वर्षा 200-250 cm होती है, तापमान औसतन 24 - 27 के मध्य रहता है और नमी लगभग 80% विद्यमान रहती है।ये मुख्यता पश्चिमी घाट, असम, पूर्वीय हिमालय, मेघालय,मिज़ोरम, मणिपुर आदि भागो में पाया जाता है। इनमे पायी जाने वाली पाधों की प्रजातीय कुछ इस प्रकार होती है, जैसे सदा बाहर, चीड़, बाँस इत्यादि।
उष्णकटिबंधीय जंगल :- ये मुख्यता उन छेत्रो में पाए जाते है, जहाँ पे वर्षा 50 - १००cm पायी जाती है।इन जंगलो में पाए जाने वाले पाधों की जड़े अत्यंत नीचे तक जाती है और ऊपर तना कम होता है, इनकी पातियाँ छोटी है, ऐसे पौधों में बाबुल, बेर तथा अन्य काटेदार पौधे शामिल है।
सम उष्णकटिबंधीय जंगल :- ये जंगल उस छेत्र में पाए जाते है जहाँ पे न ज़्यादा गरमी पड़ती है और न ज़्यादा ठंड, वार्षिक वर्षा लगभग १०० से २०० तक होती है, ये मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश तथा इनसे लगे छेत्रो में पाए जाते हैं, जिनमे नीम, शाल, आम इत्यादि प्रमुख प्रजातियाँ है।
पर्वतीय जंगल :- इन जंगलो में ओक, मेपल, जूनिपर, देओदर आदि प्रजातियों के पेड़ पाए जाते है, जिनका विस्तार मुख्य रूप से हिमालय की पहाड़ियों में है जिनकी ऊँचाई १८०१ से ३००१ के मध्य है।
अल्पाइन जंगल :- ये जंगल भी हिमालय के छेत्र में ही पाए जाते है परंतु ये ३००० की ऊँचाई से प्रारम्भ होकर हिम रेखा के नीचे तक ही पाए जाते है। इनमे मुख्य रूप से घास ही है।
इन जंगलो का विस्तार विस्तृत भारत में पाया जाता है कहीं पे कम तो कहीं पे ज़्यादा। जंगलो के विस्तार के अनुसार भारतीय जंगल सर्वेक्षण ने विभिन्न प्रदेशों की सूची जारी करता है, जिनमे वर्तमान समय में अरुणाचल प्रदेश में सबसे ज़्यादा जंगल पाए जाते है, वही ऊत्तर प्रदेश के 6.09% भूभाग पे जंगल पाए जाते है, जिनमे 0.12% की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है।ऊत्तर प्रदेश के कुल भाग में से रामपुर में 3.25% भूभाग पे जंगल पाए जाते है वही मेरठ में 2.55% भूभाग पे जंगल पाए जाते है।
सन्दर्भ:-
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Forest_Survey_of_India
2. https://en.wikipedia.org/wiki/Forest_cover_by_state_in_India
3. https://bit.ly/30ccN7q
4. http://frienvis.nic.in/KidsCentre/Types-of-Indian-Forest_1811.aspx
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