मेरठ से लगभग 23 किमी दूर एक परीक्षितगढ़ नाम का किला मौजूद है। जिसे “किला परीक्षितगढ़” के रूप में भी जाना जाता है, और इसका नाम प्राचीन शहर हस्तिनापुर के राजा परीक्षित के नाम पर रखा गया है। किंवदंतियों के अनुसार परीक्षित पाण्डवों में से अर्जुन के पोते थे और उनके द्वारा ही इस किले का निर्माण करवाया गया था। वहीं 1916 में, शाह आलम द्वितीय के समय के कई चांदी के सिक्के किले की सीढ़ी के नीचे पाए गए थे।
वैसे तो मेरठ में इस प्रसिद्ध विरासत स्थल का इतिहास कम ज्ञात है, फिर भी, यह कहा जाता है कि 18वीं सदी में इस किले में गुर्जर राजा नैन सिंह ने सुधार कार्य करवाए थे और इस ऐतिहासिक किले की वास्तुकला में कुछ परिवर्धन और संशोधन भी किया गया था। वहीं महाभारत की कहानी से जुड़ा हुआ हरियाणा के सफीदों में मौजूद ऐतिहासिक किले के बारे में कहा जाता है कि जनमेजय (परीक्षित के पुत्र) द्वारा अपने पिता की मृत्यु (जिसे एक साँप ने काट लिया था) के बाद इस स्थान पर 'सर्पजना' (सर्प-बलि अनुष्ठान) किया था।
सफीदों का यह ऐतिहासिक किला 18 वीं शताब्दी ईस्वी में जींद राज्य के शासकों द्वारा बनवाया गया था। एक अलग शासक राज्य के रूप में जींद का इतिहास 1763 ईस्वी से शुरू होता है। यह जींद राज्य के शासकों (जो फुलकियान परिवार के पूर्वज थे) द्वारा निर्मित पहला किला है। बाद में, इसे राज्य के एक सैन्य छावनी के रूप में इस्तेमाल किया गया था। इस किले में किलेबंदी को मजबूती प्रदान करने के लिए बुर्ज मौजूद हैं, जिनका उपयोग सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी किया जाता था।
संदर्भ :-
1. https://www.holidayiq.com/Parikshitgarh-Meerut-Sightseeing-1164-15456.html
2. https://www.tourmyindia.com/states/uttarpradesh/parikshitgarh-meerut.html
3. https://en.wikipedia.org/wiki/Meerut#Tourist_destinations
4. http://www.haryanatourism.gov.in/Destination/ancient-fort-at-safidon
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