क्या है बायो हथियारों का इतिहास एवं इस विषय में वर्तमान परिस्थिति?

मेरठ

 28-11-2019 11:42 AM
हथियार व खिलौने

युद्ध वैसे तो कई प्रकार के होते हैं, किन्तु इनमें से कुछ ऐसे युद्ध हैं जो कि पूरी मानवजाति के लिए खतरे की घंटी का कार्य करते हैं। इन्हीं युद्धों में से उदाहरण स्वरुप देखा जाए तो परमाणु युद्ध और जैविक युद्ध हैं। इस लेख में हम जैविक युद्ध की बात करेंगे और उससे सम्बंधित कानूनों और उसके प्रभाव के साथ-साथ उसके इतिहास पर भी चर्चा करेंगे।

जैव युद्ध कई प्रकार के खतरनाक जीवों और रसायनों का उपयोग करता है जो कि महामारी के कारण बन सकते हैं और बेहद अनियंत्रित तरीके से फ़ैल सकते हैं। उदाहरण के लिए हम इबोला (Ebola) नामक वायरस (Virus) को ले सकते हैं। ये रसायन और जीव ऐसे होते हैं जो कि पूरी पारिस्थितिकी तंत्र को नष्ट करने की क्षमता रखते हैं। यदि हम इसकी ऐतिहासिकता में जाएँ तो यह तरीका करीब 1500 ईसा पूर्व तक जाता है और इसका उदाहरण है एशिया में हित्तियों द्वारा अपने दुश्मनों पर ऐसे हथियारों का इस्तेमाल।

हाल के दिनों की यदि बात करें तो विश्वयुद्ध में जैव हथियारों का प्रयोग हुआ था। जर्मनी की सेना ने प्रथम विश्वयुद्ध में एन्थ्रेक्स (Anthrax) नामक जैव का प्रयोग युद्ध में किया था। द्वितीय युद्ध में दोनों और के पक्षों ने बायो-हथियारों (Bioweapons) का प्रयोग किया था। 1939 में जापान ने आँतों में टाईफाईड (Typhoid) उपजने वाले वाइरस को सोवियत के जल आपूर्ति करने वाले पाइपों में मिला दिया था। यह पहला ऐसा युद्ध था जब दोनों पक्षों द्वारा जैव शक्तियों का प्रयोग किया गया था।

युद्ध ख़त्म होने के बाद इस हथियार की गुणवत्ता पता होने के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस जैसे देशों ने इसकी गुणवत्ता में सुधार करने का कार्य किया था। जैसा कि साल दर साल चिकित्सा के क्षेत्र में कई बदलाव आ रहे हैं और चिकित्सा क्षेत्र में उन्नति हो रही है तो कई प्रकार के टीकों का निर्माण हो चुका है जिनसे कई ऐसी बीमारियों से बचा जा सकता है जो कि इन जैसे जैव हथियारों से पनपते हैं। जैसा कि यह एक अत्यंत ही विनाशक हथियार है तो ऐसे में इससे जुड़े अत्यंत कड़े कानूनों की स्थापना की गयी है और विभिन्न देशों ने यह माना है कि इस हथियार का प्रयोग वे नहीं करेंगे। इस उपयोग ना करने के विषय में यह तर्क दिया गया है कि जैविक हथियार को किसी भी प्रकार से नियंत्रित नहीं किया जा सकता है। इस प्रकार के युद्ध में किसी भी देश के लिए ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए नुकसान है क्योंकि पूरे विश्व भर में यह फ़ैल सकता है।

जैविक हथियार इस प्रकार से भी होते हैं जो कि कृषि, जीव पालन आदि को भी क्षतिग्रस्त कर सकते हैं जिससे उस देश की जनसँख्या बिना भोजन के भूख से ही मर जाए। भारत के सन्दर्भ में यदि बात की जाए तो अभी हाl ही के दिनों में भारत ऑस्ट्रेलियाई समूह (ए जी) का हिस्सा बना। यह एक ऐसी संस्था है जो कि रासायनिक और जैविक हथियार के प्रसार को रोकने का कार्य करती है। भारत हमेशा से ही जैव इंधन के उपयोग को लेकर सक्रिय रहा है। भारत ने परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर नहीं किया है लेकिन यह अपने पक्ष पर सदैव कायम है कि वह सामूहिक विनाश के हथियारों के इस्तेमाल और प्रसार को बढ़ावा नहीं देता है। भारत में वर्तमान काल में जैव प्रौद्योगिकी एक बड़े स्तर पर फ़ैल रही है। 3 जून 2015 में भारत ने अमेरिका के साथ नए रक्षा ढाँचे पर हस्ताक्षर किया जिसमें रासायनिक और जैविक खतरों से निपटने आदि सुरक्षा जैसे मुद्दे शामिल हैं।

संदर्भ:
1.
https://en.wikipedia.org/wiki/Biological_warfare
2. https://bit.ly/2QZpJe0
3. https://www.nti.org/learn/countries/india/biological/
4. https://bit.ly/2KFRQed
5. https://bit.ly/2OCzUTg

RECENT POST

  • चलिए अवगत होते हैं, भारत में ड्रॉपशिपिंग शुरू करने के लिए लागत और ज़रूरी प्रक्रियाओं से
    संचार एवं संचार यन्त्र

     15-01-2025 09:30 AM


  • आध्यात्मिकता, भक्ति और परंपरा का संगम है, कुंभ मेला
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     14-01-2025 09:26 AM


  • भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लचीलेपन का श्रेय जाता है, इसके मज़बूत डेयरी क्षेत्र को
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     13-01-2025 09:26 AM


  • आइए, आज देखें, भारत में पोंगल से संबंधित कुछ चलचित्र
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     12-01-2025 09:30 AM


  • जानिए, तलाक के बढ़ते मामलों को कम करने के लिए, कुछ सक्रिय उपायों को
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     11-01-2025 09:26 AM


  • इस विश्व हिंदी दिवस पर समझते हैं, देवनागरी लिपि के इतिहास, विकास और वर्तमान स्थिति को
    ध्वनि 2- भाषायें

     10-01-2025 09:31 AM


  • फ़िनलैंड के सालाना उपयोग से अधिक विद्युत खपत होती है, क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग में
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     09-01-2025 09:27 AM


  • आइए जानें, भारत और अमेरिका की न्यायिक प्रणाली के बीच के अंतरों को
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     08-01-2025 09:26 AM


  • आइए जानें, हमारी प्रगति की एक प्रमुख चालक, बिजली के व्यापार के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     07-01-2025 09:43 AM


  • भारत में परमाणु ऊर्जा का विस्तार: स्वच्छ ऊर्जा की ओर एक सशक्त कदम
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     06-01-2025 09:30 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id