ई-कॉमर्स का शुरुआती चरण से अब तक का सफर

मेरठ

 08-11-2019 11:29 AM
संचार एवं संचार यन्त्र

वर्तमान समय में लोगों की सफलता में इंटरनेट की एक महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इंटरनेट भारत में 1995 में पेश किया गया था और इसके आने के कुछ समय बाद ही ई-कॉमर्स (e-commerce) की पहली लहर शुरू हुई और भारत में पहली ऑनलाइन “व्यापार से व्यापार” निर्देशिका 1996 में शुरू की गई। व्यापार से व्यापार उपयोगकर्ता (जैसे कि सूक्ष्म और लघु उद्यम, जिनके पास ग्राहकों के समक्ष खुद को प्रस्तुत करने के लिए पारंपरिक मीडिया और समाचार पत्रों और टेलीविजन जैसे संभावित स्रोत के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधनों की कमी थी) उस समय ई-कॉमर्स के सबसे आम उपयोगकर्ता थे।

व्यापार से व्यापार निवाहिका के माध्यम से व्यापार ने बाजार में एमएसएमई (MSMEs) की दृश्यता में वृद्धि की और समय, संचार और भूगोल की बाधाओं को दूर करने में भी काफी मदद की। व्यापार से व्यापार गतिविधियों में क्रय और खरीद, आपूर्तिकर्ता प्रबंधन, वस्तुसूची प्रबंधन, भुगतान प्रबंधन, और खुदरा विक्रेताओं और संगठनों के बीच सेवा और समर्थन शामिल है। व्यापार से व्यापार लेनदेन का दायरा भी पिछले कुछ वर्षों में काफी बढ़ चुका है, जिसमें निवेश को बढ़ावा देना, शेयरों में व्यापार और वित्तीय गठजोड़ को शामिल करना शामिल है।

वहीं लगभग 1996 में ही ई-कॉमर्स में “वैवाहिक निवाहिका” (जो भारतीय परिवारों के बीच गठजोड़ की सुविधा के लिए विकसित किए गए थे) के रूप में व्यापार से उपभोक्ता निवाहिका को पेश किया गया था। इस पहल के बाद 1997 में ऑनलाइन "भर्ती निवाहिका" की शुरुआत हुई, जिसके बाद इंटरनेट एक कुशल माध्यम साबित होने लगा, जो नियोक्ताओं और नौकरी चाहने वालों को एक-दूसरे से जुड़ने में सक्षम बनाता था। इसके अलावा, चूंकि यह माध्यम तेज था, इसने प्रिंट मीडिया में भी अपनी तीव्रता को बखूबी निभाया। परंतु इंटरनेट को अभी कई पड़ाव पार करने थे, जैसे इसकी गति उपयोगकर्ताओं के लिए बाधा बन रही थी।

2005 में विमानन क्षेत्र में निम्न लागत वाहक की शुरुआत के साथ परिदृश्य में आमूल-चूल परिवर्तन हुआ, जिससे भारत में हवाई यात्रा को कई गुना बढ़ावा मिला। साथ ही यात्रा संबंधी जानकारी, उड़ान कार्यक्रम और टिकट बुकिंग की सुविधा आईसीसी निवाहिका के माध्यम से ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाने लगी थी। वहीं भारतीय रेलवे ने ऑनलाइन टिकट बुकिंग और यात्रा संबंधी जानकारी प्रदान करने के लिए पहले ही अपना पोर्टल विकसित कर लिया था। ई- टिकटिंग क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर ग्राहकों की संतुष्टि ने ई-खुदरा को प्रोत्साहित किया और 2007 में कई ऑनलाइन वेबसाइट लॉन्च करके ग्राहकों के अनुभवों को समृद्ध करने के लिए व्यवसाइयों के प्रति विश्वास पैदा किया।

यात्रा खंड से 2011 तक कुल व्यापार से उपभोक्ता में राजस्व का हिस्सा 81% पर प्रमुख रहा। 2012 से 2013 तक मोबाइल फोन के बुनियादी ढांचे के माध्यम से उत्पन्न राजस्व आठ गुना बढ़ गया था। 2012 में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 140 मिलियन से बढ़कर 2013 में 213 मिलियन हो गई और 2016 में 400 मिलियन होने का अनुमान लगाया गया। वहीं ई-कॉमर्स उद्योग को 2017 में 2.4 करोड़ पर सूचित किया गया और इसे भारत में सबसे तेजी से बढ़ते उद्योग के रूप में मान्यता दी गई। साथ ही 2018 में इसकी बजारी वृद्धि 3850 करोड़ तक हुई।

ई-कॉमर्स ने अभी तक एक और क्रांति को शुरू किया है, जो व्यवसायों और उत्पादों और सेवाओं को खरीदने और बेचने के तरीके को बदल रही है। भारत में ई-कॉमर्स में जबरदस्त विकास हो रहा है। कंप्युटर की कम लागत और इंटरनेट का बढ़ता उपयोग ही इसके विकास के कारणों में से एक है।

संदर्भ :-
1. http://isid.org.in/pdf/DN1407.pdf
2. https://en.wikipedia.org/wiki/E-commerce_in_India
3. https://www.scribd.com/doc/54549535/History-of-E-Commerce-in-India

RECENT POST

  • मेरठ की ऐतिहासिक गंगा नहर प्रणाली, शहर को रौशन और पोषित कर रही है!
    नदियाँ

     18-09-2024 09:18 AM


  • क्यों होती हैं एक ही पौधे में विविध रंगों या पैटर्नों की पत्तियां ?
    कोशिका के आधार पर

     17-09-2024 09:16 AM


  • आइए जानें, स्थलीय ग्रहों एवं इनके और हमारी पृथ्वी के बीच की समानताओं के बारे में
    पर्वत, चोटी व पठार

     16-09-2024 09:34 AM


  • आइए, जानें महासागरों से जुड़े कुछ सबसे बड़े रहस्यों को
    समुद्र

     15-09-2024 09:27 AM


  • हिंदी दिवस विशेष: प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण पर आधारित, ज्ञानी.ए आई है, अत्यंत उपयुक्त
    संचार एवं संचार यन्त्र

     14-09-2024 09:21 AM


  • एस आई जैसी मानक प्रणाली के बिना, मेरठ की दुकानों के तराज़ू, किसी काम के नहीं रहते!
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     13-09-2024 09:10 AM


  • वर्षामापी से होता है, मेरठ में होने वाली, 795 मिलीमीटर वार्षिक वर्षा का मापन
    जलवायु व ऋतु

     12-09-2024 09:25 AM


  • परफ़्यूमों में इस्तेमाल होने वाले हानिकारक रसायन डाल सकते हैं मानव शरीर पर दुष्प्रभाव
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     11-09-2024 09:17 AM


  • मध्यकालीन युग से लेकर आधुनिक युग तक, कैसा रहा भूमि पर फ़सल उगाने का सफ़र ?
    मध्यकाल 1450 ईस्वी से 1780 ईस्वी तक

     10-09-2024 09:32 AM


  • पेट्रोलियम के महत्वपूर्ण स्रोत हैं नमक के गुंबद
    खनिज

     09-09-2024 09:43 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id