अर्थव्यवस्था को प्रभावित करती उद्यमशीलता

मेरठ

 30-10-2019 12:46 PM
वास्तुकला 2 कार्यालय व कार्यप्रणाली

वर्तमान में युवा रोज़गार के अभाव, अपनी कुशलता, रचनात्मकता या अन्य कुछ कारकों की वजह से खुद के नये व्यावसायिक संगठन प्रारम्भ करने की ओर अग्रसर हैं। हालांकि इसमें अनिश्चितता तथा अन्य नुकसान की सम्भावना होती है किंतु इसके द्वारा भरपूर लाभ की प्राप्ति भी की जा सकती है। उद्यमशीलता न केवल व्यक्ति विशेष को प्रभावित करती है बल्कि इसके द्वारा देश की पूरी अर्थव्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव होता है। जैसे-जैसे अर्थव्यवस्थाएं वैश्वीकरण के कारण एकीकृत होती जा रही हैं तथा भारत और चीन जैसे देश उदारीकरण की ओर अग्रसर हैं, वैसे-वैसे यहाँ उद्यमशीलता भी बढ़ रही है। इसलिए अर्थव्यवस्था के विकास के लिए उद्यमशीलता का प्रभावी होना अत्यंत आवश्यक है। उद्यमशीलता बहुत से ऐसे कारकों को उत्पन्न करती है जो देश के नागरिकों के साथ-साथ अर्थव्यवस्था के लिए भी लाभकारी हैं।

इनमें से कुछ कारक निम्न हैं:
नवाचार:

व्यक्ति अक्सर रोज़गार या आय के उपयुक्त साधन खोजने में असमर्थ रहता है, जिस कारण वह उद्यम का सहारा लेता है। इस प्रकार वह अपनी रचनात्मकता का उपयोग करके अपने लिए आय का स्रोत तो उत्पन्न करता ही है, साथ ही साथ नई तकनीकों या अन्य वस्तुओं का आविष्कार भी करता है। इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि अर्थव्यवस्था में उद्यमियों का सबसे बड़ा प्रभाव उनके द्वारा किया गया नवाचार है।

रोज़गार निर्माण
व्यक्ति को प्रायः जब उचित रोज़गार प्राप्त नहीं होता तब वह उद्यमों की ओर अग्रसर होता है। परिणामस्वरूप वो न केवल अपने लिए आय उत्पन्न करने में सक्षम बनता है बल्कि अपने व्यवसाय संचालन में अन्य व्यक्तियों को भी रोज़गार दे सकता है। इस प्रकार उद्यमी रोज़गार सृजन कर बेरोज़गारी के स्तर को कम करता है जिससे अर्थव्यवस्था में सुधार होता है। विकसित देशों में लगभग 40-50% लोग छोटे और मध्यम स्तर के व्यावसायिक उद्यमों में कार्यरत हैं जो उद्यमी व्यक्तियों द्वारा ही संचालित किए गये हैं।

प्रतिस्पर्धा का बढ़ता स्तर:
अर्थव्यवस्था पर उद्यमिता का एक और सकारात्मक प्रभाव प्रतिस्पर्धा का बढ़ता स्तर है क्योंकि नए उद्यमी मौजूदा घरेलू बाज़ारों में शामिल हो रहे हैं। उद्यमियों के बीच प्रतिस्पर्धा बाज़ारों को संतुलन प्रदान करती है जिससे अर्थव्यवस्था भी संतुलित होती है। प्रतिस्पर्धा बाज़ार में एकाधिकार और कुलीन वर्गों की संभावना को कम करती है और ग्राहक और अर्थव्यवस्था के लिए समग्र रूप से फायदेमंद है।

उत्पादकता में वृद्धि
बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण संसाधनों का अधिक कुशलता से उपयोग होता है तथा उत्पादकता में भी वृद्धि होती है। इससे अर्थव्यवस्था को लाभ प्राप्त होता है।

नए बाज़ार
बढ़ती प्रतिस्पर्धा के फलस्वरूप कई उद्यमी अपने उत्पादों और सेवाओं के लिए नए बाज़ार तलाशने या बाज़ार में प्रवेश करने की नै रणनीति को अपनाने के लिए प्रेरित होते हैं जो, अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव डालती है।

इस प्रकार यह स्पष्ट है कि उद्यमी रोज़गार सृजन और आय सृजन के माध्यम से अर्थव्यवस्था पर बहुत अधिक प्रभाव डाल सकते हैं। हालांकि उद्यमशीलता अर्थव्यवस्था के लिए बहुत उपयोगी है किंतु इसके कुछ नकारात्मक प्रभाव भी हैं। उद्यमियों का सबसे बड़ा नकारात्मक प्रभाव यह है कि इनके द्वारा संसाधनों का अत्यधिक दोहन किया जाता है जो पर्यावरण को क्षति पहुंचाता है। हालांकि पर्यावरण संरक्षण मानकों और नियमों के प्रवर्तन के कारण विकसित अर्थव्यवस्थाओं में इस तरह के नकारात्मक प्रभावों को कुछ हद तक कम किया जा रहा है, लेकिन विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में ऐसा नहीं है। उद्यमशीलता के लिए कुछ हद तक व्यावसायिक ज्ञान की आवश्यकता होती है, जिसके बिना उद्यम विफल हो सकते हैं। यह विफलता कई वित्तीय कठिनाइयों का कारण बन सकती है।

सामाजिक उद्यमिता के माध्यम से अर्थव्यवस्था पर उद्यमियों के नकारात्मक प्रभावों को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। इसके माध्यम से लाखों लोगों की गरीबी दूर करने में मदद मिली है, बेरोज़गारी कम हुई है तथा सामाजिक कल्याण पर निर्भर लोगों की संख्या में कमी आई है। इसके ज़रिए जहां लाखों लोगों के जीवन स्तर में वृद्धि हुई है वहीं यह पर्यावरण पर भी ध्यान केंद्रित करती है।

जहां पहले केवल बड़े शहर ही उद्यम जगत में प्रवेश करने वाले स्टार्टअपस (Startups) को प्रभावित करते थे तो अब छोटे शहर भी स्टार्टअपस को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। पूंजी और नौकरियों की आमद स्थानीय कर राजस्व को बढ़ाती है और अचल संपत्ति की कीमतें बढ़ाती है। यह स्थानीय बुनियादी ढांचे को भी प्रभावित करता है जिससे स्थानीय नेताओं पर शहरों में कार्य करवाने के लिए दबाव पड़ता है। स्टार्टअप को आकर्षित करने के लिए स्थानीय नेताओं को यह पहचानना आवश्यक है कि उद्यमियों की दृष्टि से उनके क्षेत्र में क्या विशिष्ट है? इस प्रकार छोटे शहर उद्यमियों को आकर्षित कर सकते हैं। दुनिया में लगभग 4,000 से भी अधिक शहर 1,00,000 उद्यमियों को आकर्षित करते हैं।

संदर्भ:
1.
https://bit.ly/36hRIeb
2. https://bit.ly/2WpBFq3
3. https://bit.ly/2poAtHy

RECENT POST

  • अपने युग से कहीं आगे थी विंध्य नवपाषाण संस्कृति
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:28 AM


  • चोपता में देखने को मिलती है प्राकृतिक सुंदरता एवं आध्यात्मिकता का अनोखा समावेश
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:29 AM


  • आइए जानें, क़ुतुब मीनार में पाए जाने वाले विभिन्न भाषाओं के शिलालेखों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:22 AM


  • जानें, बेतवा और यमुना नदियों के संगम पर स्थित, हमीरपुर शहर के बारे में
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:31 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस के मौके पर दौरा करें, हार्वर्ड विश्वविद्यालय का
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:30 AM


  • जानिए, कौन से जानवर, अपने बच्चों के लिए, बनते हैं बेहतरीन शिक्षक
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, उदासियों के ज़रिए, कैसे फैलाया, गुरु नानक ने प्रेम, करुणा और सच्चाई का संदेश
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:27 AM


  • जानें कैसे, शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के बीच अंतर को पाटने का प्रयास चल रहा है
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:20 AM


  • जानिए क्यों, मेरठ में गन्ने से निकला बगास, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए है अहम
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:22 AM


  • हमारे सौर मंडल में, एक बौने ग्रह के रूप में, प्लूटो का क्या है महत्त्व ?
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:29 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id