मेरठ मिम्हंस (MIMHANS) तंत्रिका विज्ञान का एक केंद्र है जहाँ मस्तिष्क के बारे में और न्यूरोसाइंस का अध्ययन होता है। ऐसे में यह जानना बेहद ज़रूरी है कि मस्तिष्क की क्रियाशैली क्या है और यह किस आधार पर कार्य करता है। मानव का दिमाग एक पहेली की तरह कार्य करता है और इसको समझना एक अत्यंत ही अनसुलझी पहेली की तरह है। मानव के मस्तिष्क में कई प्रकार की भावनाएं आती हैं तथा यह सदैव किसी न किसी विषय पर सोचता रहता है। आखिर यह सोच कैसे होती है और मस्तिष्क में कहाँ होती है? यह न्यूरोसाइंस (Neuroscience) का एक विषय है। तो आइये जानने की कोशिश करते हैं इस गूढ़ रहस्य को।
हम सभी के अन्दर एक ऐसा तंत्र है जो कि सोचता है और महसूस भी करता है। यही तंत्र प्रेम और फैसला भी करता है। यह संज्ञान और चेतना पूर्ण रूप से स्थापित होने में और अनुसंधान में पिछले 500 वर्षों का समय लगा। विभिन्न वैज्ञानिकों और संज्ञात्मक वैज्ञानिकों के अथक प्रयत्न के बाद भी यह काफी हद तक समझा नहीं जा सका है कि आखिर मांस के लोथड़े में भावनाओं और प्रेम का संचार कैसे हो जाता है और शरीर को क्रिया कैसे प्रदान होती है। यह मानना 100% सही है कि पृथ्वी पर मौजूद सभी मनुष्यों की मानसिक संरचना एक सी होती है। शरीर कई ऐसी क्रियाएं करता है जिसे समझना संभवतः अत्यंत ही कठिन विषय है। मस्तिष्क जिस प्रकार से पूरे समाज में एक सम्बन्ध बना कर रखता है और मौलिकों का ध्यान रखता है यह एक रहस्य ही है और इसे समझने के लिए हमें अपने सर में स्थित इस मस्तिष्क को समझना पड़ेगा।
मानव का मस्तिष्क एक गाड़ी के इंजन (Engine) की तरह होता है जिसे चलने के लिए इंजन के साथ-साथ और अन्य चीज़ों का, जैसे पहिये, हैंडल (Handle) आदि का होना भी जरूरी होता है। वैसे ही मानव का मस्तिष्क यदि बात करना चाहता है तो उसके लिए मस्तिष्क के साथ-साथ मुँह और उसमें स्थित तमाम अंगों का होना भी आवश्यक है। यह मस्तिष्क ही है जो कि मानव के अन्य विभिन्न प्रकार के कार्यों को समझने का कार्य करती है जैसे कि चेहरे पहचानना, ऐसे तंत्र को फ्युसीफॉर्म फेस एरिया (Fusiform Face Area - FFA) के नाम से जाना जाता है। वैसे ही घर और स्थान को जानने वाले तंत्र को पैराहिपोकैंपल प्लेस एरिया (Parahipocampal Place Area - PPA) के नाम से जाना जाता है।
हाल ही में जॉन डिलन हेन्स और उनकी तकनीकी टोली ने मस्तिष्क पढ़ने की तकनीकी में एक बड़ा कार्य किया। इस तकनीकी की मदद से मानव के मस्तिष्क की संरचना और उसके क्रिया का एक चित्र उतारने में मदद मिलती है जिसे कि fMRI के नाम से जाना जाता है। यह अब सोचनीय है कि क्या यह मस्तिष्क पढ़ना है? यह वैसे मस्तिष्क को पढ़ने की धारणा को समर्थित ज़रूर करती है।
मानव के मस्तिष्क में प्रेम एक ऐसा बिंदु है जो तीव्रता से पनपता है। तो आइये जानने की कोशिश करते हैं कि यह भावना किस प्रकार से मस्तिष्क में उपजती है। मस्तिष्क में उत्पन्न होने वाली भय और प्रेम की भावनाएं लिम्बिक (Limbic) प्रणाली द्वारा उपजती हैं जो कि मस्तिष्क के कई हिस्सों से बनी होती है। इसका भावनात्मक प्रसंस्करण केंद्र एमिग्डाला (Amygdala) है जो कि स्मृति और ध्यान जैसे अन्य मस्तिष्क के कार्यों से जानकारी प्राप्त करता है। एमिग्डाला का आकार बादाम की तरह होता है जो प्यार, भय, क्रोध और यौन इच्छा आदि जैसी भावनात्मक प्रतिक्रियाएं उत्पादित करता। भावना से सम्बंधित हिप्पोकैंपस (Hippocampus) लिम्बिक प्रणाली का ही एक हिस्सा है जो कि एमिग्डाला को सूचना भेजने का कार्य करता है। यह मस्तिष्क के प्रसंस्करण केन्द्रों में से एक है जो एमिग्डाला के साथ बात करता है। अगली इंद्री है प्रीफ्रंटल कोर्टेक्स (Prefrontal Cortex) जो कि सर के सामने वाले हिस्से में स्थित होती है और यह भावनाओं के जवाब में निर्णय लेने का कार्य करती है। वेंट्रल टेग्मेंटल एरिया (Ventral Tegmental Area) एक ऐसी इंद्री है जो कि भावनाओं और प्रेम को बढ़ाती है। यह व्यक्ति के आनंद को बढ़ाने में मददगार साबित होता है। इन्हीं में डोपामीन (Dopamine) मार्ग मौजूद होता है। डोपामीन एक न्यूरोट्रांसमीटर (Neurotransmitter) है जो कि व्यक्ति के मूड में शामिल होता है और इसके बढ़ने पर व्यक्ति के आनंद का स्तर बढ़ता है।
संदर्भ:
1. https://n.pr/2mu6egS
2. https://www.livestrong.com/article/77419-parts-human-brain-correspond-emotion/
3. https://bit.ly/2Yopkmq
4. https://bit.ly/2o2beK6
5. https://bit.ly/2nj4M1i
चित्र सन्दर्भ:-
1. https://bit.ly/2n9rnxr
© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.