सांकेतिक भाषा (Sign Languages) के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 23 सितम्बर को सांकेतिक भाषा दिवस घोषित किया और इस वर्ष पहली बार सांकेतिक भाषा दिवस मनाया जाएगा| सांकेतिक भाषा (Sign Languages) के लिए विशेष दिन की घोषणा के संकल्प के साथ ही इस बात पर जोर दिया गया है कि सांकेतिक भाषा तथा इससे जुडी सेवाओं को जल्द मूक-बधिर लोगो तक पहुचाया जाए|
विश्व बधिर फेडरेशन के अनुसार विश्व में लगभग 7 करोड़ 20 लाख बधिर है| इनमे से 80 प्रतिशत विकाशशील देशो में रहते है| कुल मिलाकर वे 300 अलग तरह की सांकेतिक भाषा इस्तेमाल करते है| साल 2011 के जनगणना के अनुसार भारत में ढाई करोड़ दिव्यांग है जिनमे से 50 लाख को सुनाई नही देता या सुनने की शक्ति कमजोर है| सांकेतिक भाषा इनके लिए संचार का एकमात्र तरीका है| देश में करीब 700 स्कूल है जहा इसकी मदद से पढाई की जा रही है पर यह अपर्याप्त है| प्रारंग इस चलचित्र के माध्यम से भारत में प्रचलित कुछ सांकेतिक शब्दों और उनके मतलब को आपके साथ साझा करना चाहता है| इस चलचित्र को बीबीसी न्यूज़ हिंदी के द्वारा प्रस्तुत किया है|सन्दर्भ:-
1. https://gajabkhabar.com/international-day-of-sign-languages-essay-in-hindi/
2. https://www.youtube.com/watch?v=Dtf2b9Gohr4
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