कृषि के लिए अनुकूलित है बलुई मिट्टी

मेरठ

 30-08-2019 01:29 PM
भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

मेरठ आज औद्योगिक नगरी बनने की ओर अग्रसर है, किंतु कृषि की दृष्टि से भी मेरठ शहर काफी समृद्ध रह चुका है। मेरठ में मुख्‍यतः बलुई मिट्टी पायी जाती है, जो कृषि के लिए एक आदर्श मृदा मानी जाती है। यहां की औसत वार्षिक वर्षा 795 मि.मी. है। यहां की सापेक्ष आर्द्रता 32% से 85% और तापमान 2.50 C से 430 C तक है। गन्ना, गेहूं, धान, आलू, सब्ज़ी, ज्‍वार यहां की प्रमुख फसले हैं। मेरठ की बलुई मिट्टी का pH मान 7.5 – 8.5 है, जिस पर मुख्‍यतः गन्ना-रतून-गेहूं, कृषि वानिकी और ज्‍वार-गेहूं की खेती की जाती है। इस क्षेत्र के प्रमुख पशुधन भैंस, गाय, मुर्गी, भेड़ और बकरी हैं।

बलुई मिट्टी गाद (28-50%), रेत (52% से कम) और मिट्टी (7-27%) का मिश्रण है। इसके उपजाऊपन के कारण इसे खेती के लिए आदर्श माना जाता है। इसमें अन्‍य मिट्टी की अपेक्षा अधिक सांद्रता होती है। बलुई मिट्टी में चिकनी मिट्टी की अपेक्षा अधिक पोषक तत्‍व मौजूद होते हैं। इसमें उपस्थित गाद जल अवशोषित करने में सहायता करती है तथा रेत जल निकासी में सहायक होती है। इसकी यही अद्भुत क्षमता इसे फसल उगाने के लिए आदर्श बनाती है। बलुई मिट्टी में गाद, बालू और चिकनी मिट्टी के अंश अलग-अलग होने से भिन्न-भिन्न प्रकार की बलुई बनती हैं जैसे बलुई दोमट, सिल्टी दोमट, चिकनी दोमट, बलुई चिकनी दोमट आदि। फूलों के पौधे जिनके लिए अधिक पानी की आवश्‍यकता होती है, के लिए बलुई मिट्टी उपयुक्‍त है।

नए बागवानों के निर्माण हेतु बलुई मिट्टी को ही प्राथमिकता दी जाती है। पौधों के भरण पोषण हेतु सभी आवश्‍यक कारक बलुई मिट्टी में मौजूद होते हैं। बलुई मिट्टी भुरभुरी होती है, जिस कारण हवा आसानी से इसमें मिल जाती है, जो पौधों के विकास में सहायक होती है। अधिकांश पौधों की किस्मों को उगाने के लिए बलुई मिट्टी उपयुक्त होती है। बलुई मिट्टी का उपयोग प्राचीन काल से ही ईंटों को बनाने के लिए भी किया जाता है। भवन निर्माण में भी बलुई मिट्टी का उपयोग किया जाता है।

संदर्भ:
1.
http://meerut.kvk4.in/district-profile.html
2. https://home.howstuffworks.com/what-is-loam-soil.htm
3. https://www.thespruce.com/what-is-loam-1401908
4. https://en.wikipedia.org/wiki/Loam

RECENT POST

  • आधुनिक हिंदी और उर्दू की आधार भाषा है खड़ी बोली
    ध्वनि 2- भाषायें

     28-12-2024 09:28 AM


  • नीली अर्थव्यवस्था क्या है और कैसे ये, भारत की प्रगति में योगदान दे रही है ?
    समुद्री संसाधन

     27-12-2024 09:29 AM


  • काइज़ेन को अपनाकर सफलता के शिखर पर पहुंची हैं, दुनिया की ये कुछ सबसे बड़ी कंपनियां
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     26-12-2024 09:33 AM


  • क्रिसमस पर लगाएं, यीशु मसीह के जीवन विवरणों व यूरोप में ईसाई धर्म की लोकप्रियता का पता
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     25-12-2024 09:31 AM


  • अपने परिसर में गौरवपूर्ण इतिहास को संजोए हुए हैं, मेरठ के धार्मिक स्थल
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     24-12-2024 09:26 AM


  • आइए जानें, क्या है ज़ीरो टिलेज खेती और क्यों है यह, पारंपरिक खेती से बेहतर
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     23-12-2024 09:30 AM


  • आइए देखें, गोल्फ़ से जुड़े कुछ मज़ेदार और हास्यपूर्ण चलचित्र
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:25 AM


  • मेरठ के निकट शिवालिक वन क्षेत्र में खोजा गया, 50 लाख वर्ष पुराना हाथी का जीवाश्म
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:33 AM


  • चलिए डालते हैं, फूलों के माध्यम से, मेरठ की संस्कृति और परंपराओं पर एक झलक
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:22 AM


  • आइए जानते हैं, भारत में कितने लोगों के पास, बंदूक रखने के लिए लाइसेंस हैं
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:24 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id