हज यात्रा को पर्यावरण के अनुकूल बनाने हेतु एक कदम

शहरीकरण - नगर/ऊर्जा
09-08-2019 03:35 PM
हज यात्रा को पर्यावरण के अनुकूल बनाने हेतु एक कदम

आज से (09 अगस्‍त) इस्‍लाम धर्म की सबसे पवित्र यात्रा अर्थात् हज यात्रा प्रारंभ हो रही है, जो लगभग 6 दिनों तक जारी रहने वाली है। हज यात्रा का उद्देश्‍य पैगंबर मोहम्‍मद के कृत्‍यों को पुनः दोहराना है, जिसके माध्‍यम से सभी मुस्लिम यात्री अपने पापों को समाप्‍त कर ईश्‍वर के निकट आने का प्रयास कर सकें। हज इस्लाम के पाँच स्तंभों में से एक है तथा प्रत्‍येक मुसलमान के लिए इसकी यात्रा अनिवार्य है यदि वह शारीरिक व आर्थिक रूप से सक्षम है। इस यात्रा में प्रत्येक दिन का अपना एक विशेष महत्‍व होता है। यह यात्रा मक्‍का (सऊदी अरब) में आयोजित होती है, जिसमें प्रतिवर्ष विश्‍व के विभिन्‍न देशों से मुस्लिम तीर्थयात्री हिस्‍सा लेते हैं। यहां आने वाला जन सैलाब (लगभग 20 लाख तीर्थयात्री) वास्‍तव में बहुत विशाल होता है। इस वर्ष भी हज यात्रा में लगभग 20 लाख यात्रियों के जाने की संभावना है।

यह यात्रा निम्न 12 चरणों में संपन्‍न की जाती है:
1. मक्‍का में प्रवेश
2. काबा में तवाफ अदा करना
3. सफा और मारवा पहाड़ियों की सात बार परिक्रमा करना (जिसे साई कहा जाता है)
4. मीना से प्रस्‍थान करना
5. मांउट अराफत (Mount Arafat) में चढ़ाई करना
6. मुजदालिफा में रात्रि गुजारना, यह अराफत और मीना के मध्‍य एक खुला मैदान है जहां पर अगले दिन की रस्‍म के लिए पत्‍थर एकत्रित किए जाते हैं
7. मीना में स्थित एक स्‍तंभ को शैतान का प्रतीक माना जाता है तथा उस पर पत्‍थर मारने की रस्‍म अदा की जाती है
8. आठवें चरण में पशु बलि दी जाती है
9. बाल काटकर, तीर्थयात्री वाले इहराम को उतारा जाता है
10. अब तवाफ और साई के लिए काबा वापस आतें हैं
11. मीना में स्थित स्‍तंभ (शैतान का प्रतीक) पर पुनः पत्‍थर मारते हैं
12. काबा में अंतिम तवाफ अदा करना

हज यात्रा की ये कुल 12 प्रक्रियाएं 6 दिनों में पूरी की जाती हैं। पहला, दूसरा, तथा तीसरा चरण पहले दिन में सम्पन्न किया जाता है। चौंथे, पांचवें तथा छठें चरण की रस्में दूसरे दिन पूरी की जाती हैं। तीसरे दिन तीर्थ यात्री समूह में जमारात जाकर स्‍तंभ जोकि शैतान का प्रतीक है, को पत्थर से मारने की रस्म पूरी करते हैं। चौंथे से छठवें दिन तीर्थयात्री मक्का में तवाफ और साई की रस्में निभाते हैं जिसके बाद वे मक्का से मीना जाकर वहां दो से तीन रातों के लिए रूकते हैं।

हज यात्रियों की संख्‍या प्रतिवर्ष बढ़ती जा रही है, जो आने वाले समय में पर्यावरण की दृष्टि से चिंता का विषय बन सकता है। इसको ध्‍यान में रखते हुए इस वर्ष सउदी अरब की सरकार इस यात्रा को पर्यावरण के अनुकूल बनाने का प्रयास कर रही है, जिसके लिए ‘ग्रीन हज’ (Green Hajj) परियोजना प्रारंभ की गयी है। मक्‍का से बाहर मीना शहर, जहां हज यात्रियों के लिए कैंप (Camp) लगाए जाते हैं, में 30 ग्रीन हाउस (Greenhouse) कैंप या शिविर लगाए गए हैं। इनमें ठोस अपशिष्ट के प्रबंधन का विशेष ध्‍यान रखा जा रहा है। इस परियोजना के अंतर्गत पुनर्नवीनीकरण हेतु यात्रियों को अपशिष्‍ट पदार्थों में जैविक और अजैविक को अलग-अलग करने के लिए प्रोत्‍साहित किया जा रहा है। यह परियोजना अभी 30 शिविरों में ही लागू होगी, जहां पर पत्‍थर फेंकने की रस्‍म को निभाया जाता है।

संदर्भ:
1.https://bit.ly/2YuF37z
2.https://bit.ly/2YnBBL8
चित्र सन्दर्भ:-
1. https://commons.wikimedia.org/wiki/File:Kaaba_during_the_Hajj_-_1886.jpg
2. https://www.flickr.com/photos/aljazeeraenglish/4141337909
3. https://picryl.com/media/hajj-from-cassells-illustrated-universal-history-c6f44e