हमारा शरीर विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर बना होता है जो कि शरीर में विभिन्न कार्यों को संचालित और नियंत्रित करती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन कोशिकाओं की उत्पत्ति कहां से होती है? वास्तव में इन कोशिकाओं का निर्माण मूल कोशिकाओं (Stem cells) के माध्यम से होता है।
मूल कोशिकाएं एक विशेष प्रकार की मानव कोशिकाएं हैं, जो मांसपेशियों की कोशिकाओं से लेकर मस्तिष्क की कोशिकाओं तक कई अलग-अलग प्रकार की कोशिकाओं में विकसित होने की क्षमता रखती हैं। जब हम बीमार होते हैं या हमें चोट लगती है तो हमारी कोशिकाएं क्षति-ग्रस्त हो जाती हैं या मर जाती हैं। ऐसी अवस्था में मूल कोशिकाएं इन क्षति ग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत या इनका पुनर्निर्माण करती हैं। ये कोशिकाएं प्रायः अस्थि-मज्जा में उपस्थित होती हैं। इन कोशिकाओं को दो भागों में वर्गीकृत किया गया है:
भ्रूणीय मूल कोशिका: ये वे मूल कोशिकाएं हैं जिन की उत्पत्ति भ्रूण की आंतरिक कोशिकाओं से होती है। इन मूल कोशिकाओं के निर्माण में मानव भ्रूण या अन्य स्तनधारी प्रजातियों के भ्रूण का उपयोग किया जाता है। भ्रूणीय मूल कोशिकाएं एक से अधिक प्रकार की कोशिकाओं में परिवर्तित होने की क्षमता रखती हैं।
वयस्क मूल कोशिका: ये कोशिकाएं पुनः दो प्रकार की होती हैं। पहली वह मूल कोशिका जो पूर्ण विकसित ऊतकों जैसे मस्तिष्क, त्वचा और अस्थि मज्जा के ऊतकों से बनती हैं तथा दूसरी प्रेरित प्लुरिपोटेंट (Pluripotent) मूल कोशिका जिन्हें भ्रूणीय मूल कोशिकाओं के प्लुरिपोटेंट गुणों को ग्रहण करने के लिये प्रयोगशाला में प्रवर्धित किया जाता है।
वर्तमान में कई बीमारियों के इलाज के लिये एकमात्र मूल कोशिका हीमेटोपोइटिक (Hematopoietic) मूल कोशिका का उपयोग किया जाता है। ये एक प्रकार की रक्त कोशिकाएं हैं जो वयस्क मूल कोशिका का निर्माण करने में सक्षम है तथा अस्थि-मज्जा में पाई जाती है। अस्थि मज्जा में हर प्रकार की रक्त कोशिका एक मूल कोशिका के रूप में कार्य करती है। वर्तमान में इन कोशिकाओं का उपयोग अस्थि-मज्जा प्रत्यारोपण जैसी प्रक्रियाओं में किया जा रहा है। इन कोशिकाओं का उपयोग फ़ैनकोनी एनीमिया (Fanconi anemia) और रक्त विकार जैसी बीमारियों का इलाज करने के लिए किया जा सकता है। अस्थि-मज्जा से प्राप्त ये कोशिकाएं, आजीवन शरीर में रक्त का उत्पादन करती हैं। कैंसर (Cancer) आदि रोगों में इनका प्रत्यारोपण कर पूरी रक्त प्रणाली को पुनर्संचित किया जा सकता है।
शोधकर्ताओं और डॉक्टरों का मानना है कि मूल कोशिकाओं का अध्ययन निम्नलिखित में मदद कर सकता है:
• बीमारियाँ कैसे होती हैं और इससे जुड़े अन्य तथ्यों को समझना।
• पुनर्योजी चिकित्सा द्वारा रोगग्रस्त कोशिकाओं को स्वस्थ कोशिकाओं से बदलना।
• मूल कोशिका चिकित्सा द्वारा रीढ़ की हड्डी में चोट, टाइप 1 मधुमेह (Type 1 Diabetes), पार्किंसंस (Parkinson's) रोग, स्क्लेरोसिस (Sclerosis), अल्ज़ाइमर (Alzheimer), हृदय रोग, कैंसर आदि से ग्रसित लोगों का उपचार करना।
• प्रत्यारोपण और पुनर्योजी चिकित्सा के द्वारा मूल कोशिका से अन्य कोशिकाओं को विकसित करना आदि।
वर्तमान में गर्भनाल रक्त मूल कोशिकाओं का भी संचय किया जा रहा है, जिसे पहले के समय में दोनों तरफ से काट कर फेंक दिया जाता था। किंतु वर्तमान में इस संदर्भ में हुई नई खोज ने गर्भनाल को बेहद महत्वपूर्ण बना दिया है। गर्भनाल को सुरक्षित रखने का चलन अब तेज़ी से बढ़ता जा रहा है। गर्भनाल के इस संचय को कॉर्ड ब्लड बैंकिंग (Cord blood banking) कहा जाता है। गर्भनाल रक्त, मूल कोशिकाओं का एक समृद्ध स्रोत है जोकि प्लेटलेट्स (Platelets), लाल रक्त कोशिकाओं और सफ़ेद रक्त कोशिकाओं सहित रक्त के प्रमुख घटकों में विकसित होती हैं। गर्भनाल में रक्त और प्रतिरक्षा प्रणाली के कुछ रोगों के इलाज की क्षमता होती है।
गर्भनाल को सुरक्षित रखने का बड़ा लाभ यह भी है कि इससे बच्चे के साथ ही गंभीर रूप से बीमार परिवार के दूसरे सदस्यों का भी उपचार किया जा सकता है। गर्भनाल में मौजूद मूल कोशिकाओं की सहायता से ही डाक्टरों ने घातक बीमारियों के इलाज में सफलता हासिल की है। इन कोशिकाओं को कॉर्ड ब्लड बैंक में कई साल तक सुरक्षित रखा जा सकता है। गर्भनाल के रक्त में मौजूद मूल कोशिकाएं, रक्त कोशिकाओं के रूप में विकसित हो सकती हैं, जो कि संक्रमण से लड़ती हैं, पूरे शरीर में ऑक्सीजन (Oxygen) पहुंचाती हैं।
कॉर्ड ब्लड बैंकिंग के निम्न फायदे हैं:
• यदि आपके बच्चे को मूल कोशिका प्रत्यारोपण की आवश्यकता हुई तो गर्भानाल की इन कोशिकाओं का उपयोग किया जा सकता है।
• जहां पहले प्रत्यारोपण के लिये संभावित दाताओं की राष्ट्रीय रजिस्ट्री (Registry) के द्वारा असंबंधित दाता की खोज की जाती थी वहीं कॉर्ड ब्लड बैंक के माध्यम से इसकी आवश्यकता समाप्त हो जायेगी।
• परिवार के अन्य सदस्यों के लिये भी इन कोशिकाओं का उपयोग किया जा सकता है।
जहां गर्भ नाल रक्त संचय के लाभ हैं वहीं इसकी कुछ कमियां भी हैं जैसे-
• इसकी लागत बहुत अधिक है जो कि अलग-अलग होती है। वाणिज्यिक कॉर्ड ब्लड बैंक इसके वार्षिक रखरखाव के लिये लगभग $100 (करीब ₹7000) का शुल्क लेते हैं। इसके अलावा संग्रहित करने के लिए लगभग $1,000 से $ 1,500 (₹70,000-₹1,00,000) का शुल्क भी लिया जाता है।
• इस बात की कोई गारंटी (Guarantee) नहीं होती है कि आपके बच्चे या परिवार के किसी अन्य सदस्य में गर्भनाल रक्त मूल कोशिका का उपयोग किया जा सकेगा।
• यदि आप गर्भनाल रक्त मूल संचय को आगे बढ़ाने का निर्णय लेते हैं, तो आपको पहले से ही कॉर्ड ब्लड बैंक के साथ बातचीत करनी होगी।
संदर्भ:
1. https://bit.ly/30WpFO2
2. https://bit.ly/2EluLKT
3. https://mayocl.in/2ildZDN
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