गुलाब जामुन का नाम लो और मुंह में पानी ना आए ऐसे हो ही नही सकता। ये मिठाई भू-मध्यसागरीय देशों ओर ईरान से आई थी जहां इसे लुक़मत अल क़ादी कहते हैं। लुक़मत अल क़ादी आटे से बनाया जाता है। आटे की गोलियों को पहले तेल में तला जाता है फिर शहद की चाशनी मे डुबाकर रखा जाता है। फिर इसके ऊपर चीनी छिड़की जाती है लेकिन इसके भारतीय संस्करण में कुछ बदलाव किए गए। गुलाब जामुन भारत की पसंदीदा मिटाईयों में से एक है।
तीज-त्योहारों और खास मौकों पर जब गुलाब जामुन सामने आता है तो सभी उम्र वर्ग के लोग झटपट चट कर जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गुलाब-जामुन का भी अपना एक इतिहास है। शायद आप हैरान हों, लेकिन पर्शिया (वर्तमान में ईरान) से आई यह मिठाई दरअसल एक अरेबिक डजर्ट (Arebic Desert) लुकमत-अल-कादी से उपजी है। इसका अर्थ है 'जज की बाइट'। यह डैजर्ट मुगल काल में काफी प्रचलित हुआ था और बाद में इसमें गुलाब जामुन का नाम दे दिया गया। इसमें पर्शियन (Perssian) शब्द गुल (फूल), अब (पानी) और जामुन (भारतीय फल, जिसका आकार और लुक इस मिठाई जैसा ही है।) शब्दों का मेल है।
इस रविवार प्रारंग आपके लिए स्वादिष्ट गुलाब जामुन बनाने की विधि लेकर आया है। इस आसान विधि के माध्यम से आप बड़ी ही आसानी गुलाब जामुन बना सकते हैं। इस विधि को निशा मधुलिका जी द्वारा प्रस्तुत किया है।
सन्दर्भ:-
1. https://www.youtube.com/watch?v=QdRC_BlV8K0
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