विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश (भारत) के नागरिक होने के नाते कुछ अधिकार हमें जन्म के साथ ही प्राप्त हो जाते हैं, क्योंकि लोकतन्त्र में प्रमुख सत्ता जनता के हाथ में निहित होती है न कि किसी व्यक्ति विशेष के हाथ में। अतः देश के प्रत्येक नागरिक को यह अधिकार है कि वह सार्वजनिक क्षेत्र में संलग्न सरकारी संगठन एवं गैर सरकारी संगठन के विषय में सूचना प्राप्त कर सकता है। जिसके लिए हमारे देश में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 (आर.टी.आई. -2005) लाया गया।
सूचना का अधिकार अधिनियम 15 जून 2005 को संसद द्वारा पारित किया गया और यह 12 अक्टूबर 2005 को पूरी तरह से लागू हो गया। भारत में आर.टी.आई. लागू करवाने में अरूणा रॉय का विशेष योगदान रहा। इस अधिनियम के अंतर्गत लोकतंत्र के तीनों स्तंभ कार्यपालिका, न्याय पालिका और विधानसभा आते हैं। लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ मीडिया (Media) को इसके दायरे में नहीं रखा गया है। भारतीय संविधान में दिए गए 'वाक् स्वतंत्रता’ के मौलिक अधिकार को मज़बूत करने के लिए यह अधिनियम बनाया गया था जो जनता को सीधे सवाल करने का अधिकार प्रदान करता है। इसके साथ ही संबंधित अधिकारी इसकी जवाबदेही के लिए उत्तरदयी होता है।
यह अधिनियम जम्मू और कश्मीर को छोड़कर संपूर्ण भारत में लागू होता है। सार्वजनिक रूप से कार्यरत निजी निकाय भी इस अधिनियम के दायरे में आते हैं। 2014 से, वे सभी निजी संस्थान और स्वयं सहायता समूह जो 95% से अधिक अपनी अवसंरचना निधि सरकार से प्राप्त कर रहे हैं, इस अधिनियम के दायरे में आ गए हैं।
कोई भी व्यक्ति जो भारत का नागरिक है, एक आर.टी.आई. (RTI – Right To Information) आवेदन दायर कर सकता है। जब भी वह किसी भी सरकारी संगठन, या उसके किसी चल रहे कार्यक्रम, किसी भी सार्वजनिक प्राधिकरण आदि के बारे में कोई जानकारी लेना चाहता है, तो वह इसके लिए किसी भी समय आर.टी.आई. दायर कर सकता है।
आर.टी.आई. को अब ऑनलाइन (Online) भी दायर किया जा सकता है, जिसकी प्रक्रिया निम्नवत है:
• सर्वप्रथम इसके वेबपेज (Webpage) (https://rtionline.gov.in/guidelines.php?appeal) पर जाएं तथा उस पर दिए गए निर्देशों को ध्यानपूर्वक पढ़ें।
• इसके बाद सबमिट रिक्वेस्ट (Submit Request) पर क्लिक करें। अब आवेदक के लिए एक पृष्ठ खुलकर आयेगा जिसमें आपसे कुछ आवश्यक विवरण मांगे जाऐंगे जिन्हें आपको भरना है।
• चिह्नित क्षेत्र भरने अनिवार्य होंगे तथा अन्य वैकल्पिक होंगे।
• आवेदन का विवरण निर्धारित कॉलम (Column) पर अपलोड (Upload) किया जा सकता है, जिसकी शब्द सीमा 3,000 अक्षरों तक सीमित है। यदि किसी की शब्द सीमा इससे अधिक है तो वह अनुलग्नक का उपयोग कर सकता है।
• पहले पृष्ठ को भरने के बाद, आवेदक को निर्धारित शुल्क का भुगतान करने के लिए "मेक पेमेंट (Make Payment)" पर क्लिक करना होगा।
• आवेदक निम्नलिखित साधनों के माध्यम से निर्धारित शुल्क का भुगतान कर सकता है:
(a) एस.बी.आई. (SBI) और उससे जुड़े बैंकों की इंटरनेट बैंकिंग (Internet banking) माध्यम से;
(b) मास्टर / वीज़ा (Master/Visa) के क्रेडिट / डेबिट कार्ड (Credit / Debit card) के माध्यम से;
(c) RuPay कार्ड का उपयोग करके।
• आवेदन करने के लिए शुल्क को RTI नियम, 2012 में निर्धारित किया गया है।
• भुगतान करने के बाद आपका आवेदन सबमिट (Submit) किया जा सकता है।
• RTI नियम, 2012 के अनुसार जो व्यक्ति गरीबी रेखा के नीचे आता है, उसे RTI शुल्क जमा करने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, आवेदक को इस संबंध में सरकार द्वारा जारी प्रमाण पत्र की एक प्रति संलग्न करनी होगी।
• आवेदन जमा करने पर, आपको एक विशिष्ट पंजीकरण संख्या जारी की जायेगी, जिसे भविष्य में किसी भी संदर्भ के लिए आवेदक द्वारा संदर्भित किया जा सकता है।
• इस वेब पोर्टल (Web Portal) के माध्यम से दायर किया गया आवेदन इलेक्ट्रॉनिक (Electronic) रूप से संबंधित मंत्रालय / विभाग के ‘प्रधान अधिकारी’ तक पहुंच जाएगा, जो संबंधित सी.पी.आई.ओ. (CPIO) को इलेक्ट्रॉनिक रूप से आर.टी.आई. आवेदन प्रेषित करेगा।
• यदि सूचना प्रदान करने की लागत जमा किए गए शुल्क से अतिरिक्त होगी तो सी.पी.आई.ओ. इस पोर्टल के माध्यम से आवेदक को सूचित करेगा, जिसे आवेदक स्टेटस रिपोर्ट (Status Report) या ई-मेल (E-mail) के माध्यम से जांच सकता है।
• पहले अपीलीय प्राधिकारी के पास अपील करने के लिए, आवेदक को ‘सबमिट फर्स्ट अपील’ (Submit First Appeal) पर क्लिक करके जो पृष्ठ खुलेगा उसे भरना होगा।
• प्रारम्भिक आवेदन की पंजीकरण संख्या को संदर्भ के लिए उपयोग करना चाहिए।
• आर.टी.आई. अधिनियम के अनुसार, प्रथम अपील (Appeal) के लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है।
• आवेदक / अपीलकर्ता को एस.एम.एस. अलर्ट (SMS Alert) प्राप्त करने के लिए अपना मोबाइल नंबर (Mobile Number) सबमिट करना चाहिए।
• आवेदक अपनी अपील की स्थिति को व्यू स्टेटस (View Status) पर क्लिक करके ऑनलाइन देख सकता है।
राष्ट्रीय सुरक्षा संगठन, सीबीआई (CBI), राजस्व खूफिया निदेशालय, आईटी के महानिदेशक (जांच), केंद्रीय आर्थिक खूफिया ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (Narcotics Control Bureau) और विमानन अनुसंधान केंद्र इस अधिनियम से बाहर हैं। मात्र भ्रष्टाचार और मानवाधिकारों के हनन की स्थिति में ही यह आर.टी.आई. के दायरे में आते हैं। राष्ट्र की संप्रभुता, अखण्डता, सुरक्षा, वैज्ञानिक हित या आर्थिक हित को प्रभावित करने वाले कारकों के विषय में आर.टी.आई. के माध्यम से कोई सूचना प्राप्त नहीं की जा सकती है। इसके साथ ही भारत के अन्य देशों के साथ संबंध और उच्चतम न्यायालय द्वारा निषिद्ध विषयों की जानकारी भी इसके माध्यम से प्राप्त नहीं की जा सकती है।
संदर्भ:
1. https://en.m.wikipedia.org/wiki/Right_to_Information_Act,_2005
2. https://www.nitinbhatia.in/views/right-to-information-act/
3. https://rtionline.gov.in/guidelines.php?appeal
4. https://bit.ly/30riJYQ
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