प्राचीन काल के मुगल सम्राट अकबर की रोचक कहानियां आपने अक्सर ही सुनी और पढ़ी होंगी लेकिन शायद ही आपने अकबर के शक्तिशाली हाथी ‘हवाई’ के बारे में कभी सुना होगा। तो आईये आज बात करते हैं मुगल राज्य के साहसी हाथी हवाई की। मुगल बादशाह अकबर को हाथी जैसे बड़े जानवरों में बहुत अधिक रुचि थी। उसका मानना था कि हाथी मजबूती और शक्ति का प्रतीक होते हैं। अपने मनोरंजन के लिये वह अक्सर हाथियों को आपस में लड़ाई भी करवाया करता था। हाथी मुगल दरबार के सबसे मजबूत, शक्तिशाली और खतरनाक जानवर थे जिनका उपयोग विशेष रूप से युद्ध के समय किया जाता था। उस समय मान्यता थी कि सम्राटों को हाथियों से मुकाबला और उनका अनुसरण करना चाहिये जिससे वे आगे जाकर महान शासक बन सकेंगे। किंतु अकबर यह साबित करना चाहता था कि वह इन हाथियों से भी अधिक शक्तिशाली और महान है। शक्तिशाली जानवरों को वह अपने साहस से बखूबी वश में कर लेता था।
अफगान राजा मुहम्मद आदिल शाह के सैन्य प्रमुख हेमू (हेमचंद्र) ने अकबर के पिता हुमायूँ की मृत्यु का लाभ उठाते हुए आगरा और दिल्ली की ओर कूच किया और यहां अपना कब्ज़ा जमा लिया। उस समय अकबर की आयु केवल 13 वर्ष ही थी। हेमू भारत से मुगलों को बाहर निकालकर अफगान सत्ता का विस्तार करना चाहता था। राज्य पर पुनः अपना आधिपत्य स्थापित करने के लिये अकबर के संरक्षक बैरम खान ने दिल्ली की ओर कूच किया तथा युद्ध के लिये सेना तैयार की। दोनों सेनाओं के बीच पानीपत का द्वितीय युद्ध 5 नवंबर, 1556 को हुआ। इस युद्ध में अकबर की जीत हुई। आदिल शाह और हेमू की इस हार ने भारत में अफगान सत्ता के अंत का परिचय दिया। इस युद्ध में हेमू के 1500 शक्तिशाली हाथी भी शामिल थे जिनमें से एक शक्तिशाली हाथी हवाई भी था। शाह क़ुली ख़ान जो कि मुगल साम्राज्य का एक अधिकारी था, ने यह हाथी अकबर को सौंप दिया।
हवाई हाथी अकबर के महान और शक्तिशाली हाथियों में से एक था। सन 1561 में बसावन द्वारा बनाये गये एक चित्रण जिसे 1590-95 में चेतर मुंती ने रंगित रूप दिया, में इस हाथी को स्पष्ट रूप से दिखाया गया है। इस चित्रण में अकबर हवाई हाथी पर चढ़ने और सवारी करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा कहा जाता है कि कुछ लोग ही इस भयंकर हाथी की सवारी कर सकते थे। अकबर के लिये इस हाथी पर काबू पाना जैसे कोई खेल था। इस चित्रण में अकबर के जीवन के उस क्षण को दिखाया गया है जिसमें वे दो हाथियों को एक दूसरे के विरूद्ध खड़ा करते हैं। सम्राट अकबर पहले हवाई हाथी के ऊपर कूदकर उस पर काबू पा लेते हैं। तथा इसके बाद वे शक्तिशाली हाथी रण बाघा का पीछा करते हैं। इन खतरनाक हाथियों के कारण यमुना नदी पर बना पुल ढह जाता है तथा नदी की कई नौकाएं पलट जाती हैं। इस साहसिक कार्य में अकबर और हवाई हाथी की जीत होती है। ऊपर दिया गया मुख्य चित्र इसी लड़ाई के दौरान का है जो अकबरनामा से उद्ध्रत है। यह लड़ाई विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह अकबर के लिए अपनी दिव्य शक्ति का प्रदर्शन करने का एक तरीका था। उनके अनुसार जानवरों का शिकार करने की बजाय उन पर काबू पाकर अपने आप को महान और शक्तिशाली बनाया जा सकता है। यह चित्रण अकबरनामा से लिया गया है, जो कि न केवल अकबर और हवाई हाथी की शक्ति को प्रदर्शित करता है बल्कि उनके बीच के संबंध को भी व्यक्त कर रहा है।
संदर्भ:
1. https://bit.ly/2Z9DTtT
2. https://bit.ly/2Xw75en
3. https://wp.nyu.edu/thereignoftheelephant/2017/05/10/akbar-and-hawai/
4. https://bit.ly/2MvGzRd
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