इस्लाम की बुन्याद पांच चीजो पर है |
1. कलमा
2. नमाज़
3. रोज़ा
4. ज़कात
5. हज
जिनमे से एक रोज़ा है। रोज़ा यानी तमाम बुराइयों से परहेज करना। रमजान के रोज़े को अरबी में सोम कहते हैं, जिसका मतलब है रुकना। कुरान के दूसरे पारे के आयत नंबर 183 में रोज़ा रखना हर मुसलमान के लिए जरूरी बताया गया।
आज रमजान का आखिरी दिन यानि ईद उल फितर है, तो आइये आज इस चल चित्र के माध्यम से इस्लाम धर्म के सबसे पाक माह रमजान और इसमें रखे जाने वाले रोजों के इतिहास के साथ ही साथ सहरी, इफ्तार और तरावी में क्या अंतर होता है इसे समझने की कोशिश करें।
इस चलचित्र को प्रसारित किया है श्री कैसेट इस्लामिक (Shree Cassette Islamic)यूटयूब चैनल द्वारा।
सन्दर्भ:-
1. https://www.youtube.com/watch?v=8-HKGZEFpo8
21-11-2024 09:28 AM
20-11-2024 09:29 AM
19-11-2024 09:22 AM
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