शारीरिक एवं मानसिक विकास को प्रभावित करता मोबाइल फ़ोन के प्रति आत्ममोह

मेरठ

 03-06-2019 11:30 AM
संचार एवं संचार यन्त्र

प्रौद्योगिकी के विकास ने मानव को पिछले कई दशकों में सामुदायिकता से स्‍वकेन्‍द्रण की ओर लाकर खड़ा कर दिया है। यह प्रवृत्ति आज युवाओं में ज्‍यादा नज़र आ रही है, जिसे अंग्रेज़ी में नार्सिसिज्म (Narcissism) या आत्ममोह के रूप में इंगित किया जाता है। आत्ममोह की प्रवृत्ति मानव में प्रारंभ से ही निहित होती है, लेकिन एक सीमित स्‍तर तक, जिसे सकारात्‍मक रूप से उपयोग किया जा सकता है। किंतु मोबाइल फोन (Mobile phones), सोशल नेटवर्क (Social networks) और मोबाइल सॉफ्टवेयर (Mobile software) आदि ने मानव की प्राकृतिक विकास प्रक्रिया को प्रभावित करते हुए आत्ममोह की प्रवृत्ति को अपने चरम पर लाकर खड़ा कर दिया है। यह सर्वविदित है कि ‘अति कहीं नहीं खपती’ इसलिए यह प्रवृत्ति आज युवाओं के लिए एक विकट समस्‍या बनती जा रही है।

नार्सिस्टिक पर्सनालिटी डिसऑर्डर (Narcissistic Personality Disorder (NPD)) एक मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य विकार बन गया है। इसमें व्‍यक्ति आत्‍मकेंद्रित होने लगता है तथा दूसरों के प्रति असंवेदनशील बन जाता है। वह अपने लिए ज्‍यादा से ज्‍यादा प्रशंसा सुनना चाहता है, वह सदैव अपने मित्रों के बीच विशिष्‍ट बना रहना चाहता है। वह अपनी आलोचना के प्रति संवेदनशील होता है। प्रत्‍येक व्‍यक्ति बचपन में या किशोरावस्‍था में आत्ममोह की प्रवृत्ति से गुज़रता है, किंतु वास्तविकता से रूबरू होने के बाद इस प्रवृत्ति से उभर जाता है। जब हम लोगों से मिलते हैं उनके भिन्‍न-भिन्‍न विचारों को सुनते हैं, तो उनसे बहुत कुछ सीख लेते हैं, जो हमें आलोचना सहने और उसका प्रत्‍युत्‍तर देने के लिए दृढ़ बनाते हैं। किंतु मोबाइल फोन ने हमें मित्र समूह और व्यक्तिगत आलोचना दोनों से रहित एक आत्म-केंद्रित सामाजिक वातावरण में रहने के लिए सक्षम बना दिया है।

जब हमारा शारीरिक एवं मानसिक विकास हो रहा होता है, उस समय हमारे लिए अनिवार्य होता है कि हम अपने आस-पास के समाज को देखें समझें और उससे सीख लें। जिससे हमारे भीतर सहानुभूति और सामुदायिकता जैसी भावना विकसित हो। किंतु मोबाइल गैजेट (Gadgets) ने व्‍यक्ति को इन सभी प्रक्रियाओं से कहीं दूर धकेल दिया है। यह व्‍यक्ति को अपनी दुनिया में इतना मग्‍न कर देते हैं कि उन्‍हें बाह्य जगत में होने वाली गतिविधियों से कोई फर्क नहीं पड़ता है। कुछ समय पूर्व किए गए एक शोध में आत्ममोह और सेल्फी-पोस्टिंग (Selfie-posting) के बीच एक कड़ी पायी गई। यह अध्‍ययन अमेरिका के कुछ लोगों में किया गया, इसमें इन्‍होंने कुछ लोगों द्वारा साझा की गयी सेल्फी का अध्‍ययन करके, सेल्फी और आत्ममोह के मध्‍य संबंध स्‍थापित किया, जिसमें पाया गया कि आत्ममोह व्‍यक्ति के एक गुण से नहीं वरन् कई गुणों से संबंधित होता है।

आत्मनिर्भरता – व्‍यक्ति सोचता है कि वह सब कुछ अपने दम पर कर सकता है तथा उसे किसी अन्‍य की आवश्‍यकता नहीं है;
अभिमान – दिखावे को लेकर गंभीरता और अपनी खुद की शारीरिक दिखावट की प्रशंसा करने की प्रवृत्ति;
नेतृत्व - यह विश्वास करना कि अन्य लोगों पर हमारा अधिकार होना चाहिए, और यदि आवश्यक हो तो दूसरों का शोषण करने के लिए तत्‍पर रहना; तथा
प्रशंसा की मांग – प्रदर्शन प्रवृत्ति, इसके अंतर्गत व्‍यक्ति के भीतर यह भावना विकसित हो जाती है कि विशेष दिखने का अधिकार सिर्फ उसके पास ही है।

इस शोध में पाया गया कि पुरूषों में सेल्‍फी साझा करने की प्रवृत्ति और आत्ममोह के मध्‍य सकारात्‍मक सहसम्बन्ध है, जबकि महिलाओं का उद्देश्‍य अधिकांशतः प्रशंसा प्राप्‍त करना ही होता है। आज लोग, विशेषकर युवा, सेल्‍फी के माध्‍यम से लोगों का ध्‍यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए किसी भी प्रकार के भयानक कदम उठाने को तैयार हो जाते हैं। इनके द्वारा साझा की गयी तस्‍वीरें उनके आत्ममोह का पता लगाने में सहायक होती हैं।

फोन में ली गयी कुछ तस्‍वीरें मेरठ की एक महिला के लिए आत्‍महत्‍या का कारण बन गयी। उत्‍तर प्रदेश के एक व्‍यक्ति ने अपना फोन बेचा जिसमें वह अपनी कुछ पुरानी तस्‍वीरें मिटाना भूल गया। यह तस्‍वीरें व्‍यक्ति ने अपनी पूर्व प्रेमिका के साथ ली थी, जिसकी अब तक शादी हो गयी थी और एक बच्‍चा भी था। यह महिला अब मेरठ में रह रही थी। जिस व्‍यक्ति को फोन बेचा गया, उसने इन तस्‍वीरों को सोशल मीडिया पर फैला दिया। जिसकी सूचना महिला को मिलते ही उसने अपने बच्‍चे के साथ मुज़फ्फरनगर में गंगानहर में कूद मार दी। इसमें बच्‍चे को तो बचा लिया गया किंतु महिला की मृत्‍यु हो गयी। इस प्रकार की अनेक अनगिनत घटनाएं हैं, जिन्‍होंने कई लोगों के जीवन को तबाह कर दिया है। इसलिए ध्‍यान रखें इस प्रकार के उपकरण हमारे उपयोग के लिए हैं, न कि हम इनके उपयोग के लिए, अपने जीवन में इन्‍हें उतना ही महत्‍व दें, जितने में यह आपके व्‍यक्तिगत जीवन को प्रभावित न करें।

संदर्भ:
1. https://www.infoworld.com/article/2630877/does-mobile-and-social-technology-breed-narcissism-.html
2. https://bit.ly/2M7ZtZi
3. https://www.yourtango.com/2015272679/12-selfies-that-basically-tell-the-world-youre-a-narcissist
4. https://bit.ly/2I9nNtA
5. https://bit.ly/2WjN4ef

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