आपने विश्व प्रसिद्ध महाभारत के बारे में तो सुना ही होगा। रामायण के साथ-साथ महाभारत भी सबसे महान भारतीय महाकाव्यों में से एक है। यह जीवन की हर परिस्थिति और क्षण का सम्पूर्ण वृत्तांत है। एक कविता के रूप में लिखा गया यह धर्म और सत्य का महाकाव्य पांच भाइयों की कहानी को व्यक्त करता है। इसमें सावित्री, द्रौपदी, आदि किंवदंतियों के अलावा केंद्रीय कथानक के माध्यम से जीवन के कई गुणों को दर्शाया गया है। हिंदू धर्म के विकास, कुरुक्षेत्र में अंतिम धर्मयुद्ध, पांडवों की विजय और भगवान विष्णु-कृष्ण के अवतार को यह महाकाव्य व्यक्त करता है। भारत में जहां इसका प्रबल प्रभाव तो है ही वहीं साथ ही साथ अन्य देश जैसे कंबोडिया, लाओस, मॉरीशस, थाईलैंड, सिंगापुर, वियतनाम, श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान, बर्मा, इंडोनेशिया और मलेशिया भी इससे बहुत अधिक प्रभावित हैं। यहां तक कि विश्व में डाक टिकटों पर भी इस महाकाव्य ने अपनी छाप छोड़ी हुई है। दुनिया भर में, डाक टिकटों पर भिन्न-भिन्न चित्रों की छपाई राष्ट्र के नायकों, महत्वपूर्ण घटनाओं, प्रतीकों और संस्कृति का सम्मान करने के लिए की जाती है। ठीक इसी प्रकार यह महाकाव्य भी डाक टिकटों पर अपने किरदारों और घटनाओं के चित्रण के माध्यम से हिन्दू धर्म की संस्कृति और सभ्यता को प्रसारित और गौरवान्वित कर रहा है। लिफाफों के साथ ये टिकट देश के साथ-साथ दुनिया भर में पहुंचते हैं और अपने संदेश को व्यक्त करते हैं।
25 अगस्त 1978 को भारत सरकार द्वारा एक डाक टिकट जारी की गयी थी जो कि युद्ध के मैदान में कृष्ण और अर्जुन की विशेषता पर आधरित थी। 2017 में भारत सरकार द्वारा महाभारत के 18 दिनों वाली 18 डाक टिकटों को जारी किया गया और इस डाक टिकट की शीट की कीमत 430 रुपए निर्धारित की गई। ये सभी डाक टिकटें अलग-अलग कीमतों की थीं। इन डाक टिकटों में महाभारत के नाम के साथ इससे जुड़े अलग-अलग दृश्यों को भी दिखाया गया है। इंडिया पोस्ट (India Post) द्वारा जारी महाभारत को दर्शाने वाले 18 डाक टिकटों के समूह के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं:
• 100 रुपये प्रति के स्टैम्प भगवान कृष्ण के ‘विराट रूप’ को दर्शाते हैं।
• 25 रुपये प्रति के टिकट में युधिष्ठिर को दिखाया गया है जिसमें वे द्रौपदी (हस्तिनापुर की महारानी) के साथ ताज पहने हुए हैं।
• 15 रुपये प्रति वाले टिकट पर बंगाल-बिहार क्षेत्र से द्रौपदी के साथ पांडवों का एक चित्रण दिखाया गया है।
• 25 रुपये प्रति वाले टिकट पर ‘भागवत पुराणम’ का एक दृष्टांत है जिसमें हस्तिनापुर में भीष्म, धृतराष्ट्र और विदुर पांडवों और कौरवों का युद्ध रोकने की कोशिश करते हैं।
• 15 रुपये प्रति वाले टिकट पर द्रौपदी और अर्जुन के विवाह के जयमाल के दृश्य को दिखाया गया है जब अर्जुन ने स्वयंवर की शर्त को पूरा किया था।
• 15 रुपये प्रति वाले एक टिकट पर चौसर के खेल का दृश्य दिखाया गया है जिसमे पांडवों ने द्रौपदी को दाव पर लगाया था।
सदियों से, इस महाकाव्य ने बुद्धिजीवियों और आम लोगों को समान रूप से प्रेरित किया है और अपनी विशेषताओं के कारण अन्य देशों से भी मजबूती से जुड़ा हुआ है। महाभारत आधारित डाक टिकटें केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्व के कई अन्य देशों में भी प्रसिद्ध हैं। पोज़ इंडोनेशिया (Pos Indonesia- इंडोनेशिया की डाक सेवा) ने 18 जून 2012 को पांडव बंधुओं युधिष्ठिर, अर्जुन, नकुल, सहदेव के चित्रण वाला टिकट जारी किया था जिसका मूल्य 5000 प्रति इंडोनेशियाई रुपये था। इंडोनेशिया (जहां लगभग 87.2% मुस्लिम आबादी है तथा 2% से भी कम लोग हिंदू धर्म का अनुसरण करते हैं) ने 1974 में महाभारत के 3 डाक टिकटों का एक सेट जारी किया था जिसमें बलदेव, कृष्ण और भीम को दर्शाया गया था। 2010 में फिर से यहां टिकटों का एक सेट जारी किया गया, जिसमें महाभारत के पात्रों को दर्शाया गया था।
संदर्भ:
1.https://www.mintageworld.com/media/detail/3039-mahabharata-on-indonesian-stamps/
2.https://bit.ly/2IzfYR6
3.https://bit.ly/2JAk9uY
4.https://bit.ly/2HiDuiK
5.https://bit.ly/2A5glMV
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