कैसे हुई हमारे उपनामों की उत्पत्ति?

मेरठ

 10-05-2019 12:00 PM
विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

किसी भी व्‍यक्ति विशेष की पहली पहचान उसका नाम होती है, जिसके आधार पर वह समाज में जाना जाता है। विश्व में विभिन्न देश हैं जहां धर्म, मान्‍यताएं, संस्‍कृति, और परंपराएं भी भिन्‍न-भिन्‍न हैं। यहां तक कि बोली और भाषाओं में भी भिन्‍नता देखने को मिलती है। यह भिन्‍नता लोगों के उपनामों में भी साफ झलकती है। आपके दिमाग में भी अक्सर ये बात जरूर आती होगी कि आखिर इन उपनामों की उत्पत्ति कैसे हुई? ये उपनाम किसी विशेष अर्थ के आधार पर व्यक्ति को दिए जाते हैं। भारत में रखे जाने वाले उपनाम अधिकांशतः धर्म, जाति या आध्‍यात्मिक ग्रन्‍थों से प्रभावित होते हैं और इनका भी एक विशेष अर्थ होता है। इसी प्रकार अंग्रेजी उपनामों का भी अपना एक विशिष्ट अर्थ है। आमतौर पर विश्वभर में वर्षों से चले आ रहे उपनाम पेशे के आधार पर दिये गये हैं। विदेशों में भी अधिकतर यही तरीका या प्रणाली अपनायी गयी है। उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति एक बढ़ई था, तो उसे जॉन कारपेंटर (Carpenter- बढ़ई) कहा जाता था और आगे की पीढ़ियों द्वारा वही पेशा अपनाने से कारपेंटर उनका उपनाम बन गया। इसी प्रकार विदेशों में स्मिथ (Smith), पॉटर (Potter), कूपर (Cooper), मेसन (Mason), टेलर (Tailor), स्पिनर (Spinner), वीवर (Weaver), डायर (Dyer), थैचर (Thatcher), टायलर (Tyler), स्लेटर (Slater), मिलर (Miller), बेकर (Baker), चेसमैन (Chessman), स्पाइसर (Spicer), कुक (Cook), फिशर (Fisher), शेफर्ड (Shepherd), कार्टर (Carter), क्लार्क (Clarke), स्किनर (Skinner), फाउलर (Fouler), वाटरमैन (Waterman), व्हीलर (Wheeler), हूपर (Hooper) जैसे उपनाम दिए गये हैं, जो कि पेशे पर आधारित हैं। कुछ व्यक्तियों का पेशा बाध्य होता था इसलिए उन्हें बोंड (Bond) उपनाम दिया गया जबकि जो स्वतंत्र थे उन्हें फ्राई (Fry) उपनाम दिया गया।

विदेशों में उपनाम विशेष रूप से निम्न आधार पर दिए गये हैं:
व्यक्तिगत नाम के आधार पर:
रॉबिन या विलियम का पुत्र या वंशज होने के कारण रॉबिन्सन या विलियमसन (Son/सन – अर्थात पुत्र) जैसे उपनाम दिए गये। इसी आधार पर बेंसन, स्टीवेंसन, डिक्सन, रॉबर्टसन, रिचर्डसन, जैक्सन, विल्सन और जॉनसन जैसे उपनाम रखे गये। इसके अलावा उपनाम के अंत में ‘एस’ (s) का होना भी पुत्र या वंशज को संदर्भित करता था, इसलिये स्टीवंस, रोजर्स, जैकब्स और विलियम्स जैसे उपनाम दिए गये।
स्थानों के नाम के आधार पर:
किसी निश्चित भौगोलिक विशेषता वाले स्थान में रहने के कारण भी उपनाम दिये जाते थे जैसे हर्स्ट (Hurst - लकड़ी की पहाड़ी के लिए एक पुराना शब्द), ग्रीन (Green - किसी हरे गाँव में रहने के कारण), हिल (Hill), बैंक (Bank), ब्रुक (Brooke), बेक (Beck) और बायवाटर्स (Bywaters) आदि।
घरेलू नाम के आधार पर:
कई अंग्रेजी उपनाम घरेलू नामों से लिए गए हैं जैसे अभिमानी लोगों के लिए किंग, प्रिंस, बिशप आदि जैसे उपनामों का प्रयोग किया गया। इसी प्रकार कुछ लोगों को उनके शारीरिक रूप के आधार पर उपनाम मिला जैसे लिटिल (Little – छोटा), स्मॉल (Small - छोटा)। शरीर से मजबूत व्यक्ति को आर्मस्ट्रांग, काले बालों वाले व्यक्तियों को ब्लेक (Blake), और बड़े शरीर वाले व्यक्ति को बुल (Bull - सांड) उपनाम दिया गया।

विदेशी और कई भारतीय उपनामों का अर्थ जानने के लिये आप निम्नलिखित लिंक का प्रयोग कर सकते हैं: https://surnames.behindthename.com/names/list
भारत में भी उपनामों की परंपरा कई सदियों पुरानी है, जिसमें व्‍यक्ति की जातीय पृष्‍ठभूमि के आधार पर उपनाम दे दिया जाता था। इसने समाज के समक्ष व्‍यक्ति की अलग पहचान बना दी। उपनाम व्यक्ति की पृष्‍ठभूमि को बता देता है कि वह किस वर्ग, जाति और समूह से है। कुछ इससे गौरवान्वित महसूस करते हैं तो कुछ को ग्‍लानि का अनुभव होता है। भारतीय नाम विभिन्न प्रकार की प्रणालियों और नामकरण नियमों पर आधारित हैं, जो एक दूसरे से भिन्न होते हैं। यहाँ कुछ उपनाम धर्म और जाति से प्रभावित हैं तो कुछ महाकाव्यों से। भारत की जनसंख्या विभिन्न प्रकार की भाषाएं बोलती है और दुनिया के अधिकांश धर्मों के लोग यहाँ निवास करते हैं। इस विविधता के आधार पर भी नामकरण शैलियां बनायी गयी है। ऐतिहासिक भारतीय सांस्कृतिक प्रभावों के कारण, दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के कई नाम भारतीय नामों या शब्दों से संदर्भित हैं। कुछ भारतियों के लिए, उनका जन्म नाम उनके आधिकारिक नाम से अलग होता है, क्यूंकि जन्म का नाम व्यक्ति की कुंडली के आधार पर चयनित किया जाता है। भारत में विभिन्न राज्यों में उपयोग किए जाने वाले उपनामों के कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं:

कुछ जगहों पर नाम का प्रारूप अलग है जैसे- कश्मीरी नामों में अक्सर नाम का प्रारूप पहला नाम, मध्य नाम (वैकल्पिक), और परिवार का नाम होता है, उदहारण के लिये जवाहर लाल नेहरू। यहां परिवार के नाम ही उपनाम होते हैं- जैसे‌ राजदान और नेहरू। भारत में कई प्रदेशों जैसे आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु में भी नाम का प्रारूप अलग होता है। यहां नाम में पहले गाँव, पिता, और जाति का प्रयोग किया जाता है, तथा अंत में व्यक्ति का नाम लिखा जाता है जैसे आर. रमेश, वी.वी.एस लक्ष्मण, आर. अश्विन आदि।

भारत में कुछ प्रसिद्ध उपनाम और उनकी उत्पत्ति निम्नप्रकार से है-
1. अग्रवाल: अग्रवाल की व्युत्पत्ति 'अग्रोहा' से हुई है जो हिसार शहर का प्राचीन नाम था। अग्रोहा में 18 जिले थे - गर्ग, मंगल, कुच्छल, गोयन, गोयल, बंसल, कंसल, सिंघल, जिंदल, थिंगल, ऐरण, धरन, मधुकुल, बिंदल, मित्तल, तायल, भंडल, और नागल, ये सभी उपनाम अग्रवाल के अंतर्गत हैं।
2. आहलूवालिया: अहलू एक गाँव (लाहौर के पास) का नाम है। यहां के वंशज आहलूवालिया कहलाये।
3. आहूजा: यह उपनाम आहू (स्थान) से लिया गया है और इनके वंशज आहूजा के नाम से जाने गये।
4. अरोड़ा: अरोड़ (सिंध में रोहड़ी) के वंशजों को यह उपनाम दिया गया।
5. बंदोपाध्याय: इसका अर्थ है आदरणीय शिक्षक। बंगाल में यह उपनाम प्रयोग किया जाता है।
6. बनर्जी: बंदोघाट (एक गाँव) के शिक्षकों का उपनाम बनर्जी रखा गया।
7. चतुर्वेदी: जिन्हें चारों वेदों की जानकारी थी उन्हें यह उपनाम दिया गया।
8. चट्टोपाध्याय: बंगाल के चट्टा गाँव के शिक्षक चट्टोपाध्याय उपनाम से जाने गये।
9. भट्ट: पुजारी या विद्वानों को भट्ट उपनाम दिया गया।
10. भट्टाचार्य: पुजारी और शिक्षकों को यह उपनाम दिया गया।
11. गाँधी: इसकी उत्पत्ति शब्द गंध से हुई है, और इसका अर्थ है इत्र बेचने वाला।
12. गुप्ता: शासकों और रक्षकों को यह उपनाम दिया गया।
13. जैन: जैन धर्म के अनुयायी जैन उपनाम से जाने गये।
14. जोशी: यह उपनाम ज्योतिषों के लिये प्रयोग किया गया।
15. द्विवेदी: यह उपनाम उन लोगों को संदर्भित करता है, जिन्हें दो वेदों का ज्ञान हो।
16. त्रिवेदी: यह उपनाम उन लोगों को दिया गया है, जिन्हें तीन वेदों का ज्ञान हो।

संदर्भ:
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Indian_name
2. http://www.localhistories.org/surnames.html
3. https://ind.pn/2GKy9Px
4. https://surnames.behindthename.com/
5. https://bit.ly/30gerV8
6. http://www.indianhindunames.com/indian-surnames-origin-meaning.htm

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