मधुबनी पेंटिंग में आरी कढ़ाई का संयोजन

मेरठ

 08-04-2019 07:15 AM
घर- आन्तरिक साज सज्जा, कुर्सियाँ तथा दरियाँ

भारत को हमेशा अपनी पारंपरिक कला और शिल्प के माध्यम से सांस्कृतिक और पारंपरिक जीवंतता को चित्रित करने वाली भूमि के रूप में जाना जाता है। भारत के 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की अपनी अलग–अलग सांस्कृतिक और पारंपरिक पहचान है और ये वहां के प्रचलित कला के विभिन्न रूपों के माध्यम से प्रदर्शित की जाती है। आरी का काम एक विशेष हुक(hook) जैसे सुई की मदद से कपड़े को एक फ्रेम पर टांका लगा कर किया जाता है, साथ ही यह बहुत ही महीन कढ़ाई का एक रूप है जिसमें फूलों के विस्तृत रूप शामिल होते हैं। ऊपर दी गयी आकृति मधुबनी कला से प्रेरित है जिसे आरी की कढ़ाई के मेल के साथ बनाया गया है, जिससे दोनों की खूबसूरती निखर के आती है।

‌वैसे तो आरी कढ़ाई काफी सुंदर है लेकिन आज यह पतन की ओर बढ़ रही है। इसे बचाने का एक तरीका यह भी है कि इसे मधुबनी पेंटिंग के साथ जोड़कर इसका प्रयोग किया जाए। पेंटिंग के विशेष लक्षणों के साथ आरी के कार्य का संयोजन, उत्पादों के चयन और रुचि के अनुसार विभिन्न प्रकार के कपड़ा उत्पादों को उपभोक्ताओं तक पहुँचाने में मदद करेगा। आरी के कार्य के माध्यम से डिजाइन करना कठिन समय लेने वाला, महंगा और श्रमसाध्य काम है। वहीं विभिन्न तकनीकों के साथ पारंपरिक कलाओ के संयोजन से समय और ऊर्जा की बचत के साथ-साथ डिजाइनिंग की लागत को प्रभावी बनाकर इस समस्या का हल निकाला जा सकता है। पारंपरिक चित्रों के विशेष भावों और आरी के कार्य के संयोजन के माध्यम से प्राचीन कलाओ को जीवित रखने के साथ-साथ वर्तमान समय की आवश्यकता को पूरा किया जा सकता है।

आरी कारीगरी, हैंड-पेंटिंग(hand-painting), पैच-वर्क(patch-work) और स्टैंसिल-प्रिंटिंग(stencil-printing) के साथ मधुबनी पेंटिंग को तैयार करने पर वे काफी आकर्षक बन जाते हैं। वहीं इन्हें तैयार करने में श्रमिक शुल्क लगभग 380 रुपये की दैनिक वेतन तक लगती है। साथ ही इसकी लागत की गणना कच्चे माल के उपयोग के आधार पर की जा सकती है यानी कपड़े, धागा, रंग, पत्थर, ब्रश, स्टैंसिल और कुशल श्रम की लागत के अनुसार। मधुबनी पेंटिंग डिजाइन (design) के मामले में आरी के कार्य के साथ तैयार की गई आरी वर्क वाली हैंड पेंटिंग तथा पैच और आरी वर्क वाली स्टैंसिल प्रिंटिंग की कुल लागत लगभग 500-900 रुपये तक की हो सकती है।

संदर्भ :-

1. https://www.ijcmas.com/6-12-2017/Suman%20Sodhi,%20et%20al.pdf
2. https://newsourcingmarkets.com/india-sourcing-craft-gifts-2017/

RECENT POST

  • आइए देखें, विभिन्न खेलों के कुछ नाटकीय अंतिम क्षणों को
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     29-12-2024 09:21 AM


  • आधुनिक हिंदी और उर्दू की आधार भाषा है खड़ी बोली
    ध्वनि 2- भाषायें

     28-12-2024 09:28 AM


  • नीली अर्थव्यवस्था क्या है और कैसे ये, भारत की प्रगति में योगदान दे रही है ?
    समुद्री संसाधन

     27-12-2024 09:29 AM


  • काइज़ेन को अपनाकर सफलता के शिखर पर पहुंची हैं, दुनिया की ये कुछ सबसे बड़ी कंपनियां
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     26-12-2024 09:33 AM


  • क्रिसमस पर लगाएं, यीशु मसीह के जीवन विवरणों व यूरोप में ईसाई धर्म की लोकप्रियता का पता
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     25-12-2024 09:31 AM


  • अपने परिसर में गौरवपूर्ण इतिहास को संजोए हुए हैं, मेरठ के धार्मिक स्थल
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     24-12-2024 09:26 AM


  • आइए जानें, क्या है ज़ीरो टिलेज खेती और क्यों है यह, पारंपरिक खेती से बेहतर
    भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

     23-12-2024 09:30 AM


  • आइए देखें, गोल्फ़ से जुड़े कुछ मज़ेदार और हास्यपूर्ण चलचित्र
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:25 AM


  • मेरठ के निकट शिवालिक वन क्षेत्र में खोजा गया, 50 लाख वर्ष पुराना हाथी का जीवाश्म
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:33 AM


  • चलिए डालते हैं, फूलों के माध्यम से, मेरठ की संस्कृति और परंपराओं पर एक झलक
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:22 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id