क्या जाली समाचारों से निपटने के लिए कोई कानून मौजूद है?

मेरठ

 02-04-2019 07:00 AM
संचार एवं संचार यन्त्र

वर्तमान समय में सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित होने वाली जाली समाचार (Fake News) एक गंभीर मुद्दा बन गये है। लेकिन क्या भारत में जाली समाचारों से निपटने के लिए कोई कानून है? इसका उत्तर है नहीं। भारत में जाली समाचारों से निपटने के लिए कोई विशेष कानून नहीं है, क्योंकि समाचारों का प्रकाशन या प्रसारण संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत निहित अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार में आता है। हालाँकि फर्जी खबरों से प्रभावित व्यक्ति के लिए अप्रत्यक्ष रूप से कुछ कानूनी साधन उपलब्ध हैं।

क्या किया जाए यदि आपके खिलाफ कोई जाली खबर फैलाता है?
• हमारे द्वारा शिकायत को समाचार प्रसारक संघ (न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन)( News Broadcasters Association) में भी दर्ज कराया जा सकता है। वहीं एनबीए (न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन), सरकार के लिए समाचार प्रसारकों की विश्वसनीय आवाज है। यह स्व-नियामक है और निष्पक्ष तरीके से समाचार प्रसारकों के खिलाफ शिकायतों की जांच करती है।
• इंडियन ब्रॉडकास्ट फाउंडेशन (Indian Broadcast Foundation) , जिसे 1999 में 24 घंटे और सातों दिन चैनलों द्वारा प्रसारित सामग्री के खिलाफ शिकायतों को सुनने और उनके निष्पादन के लिए बनाया गया था। इसमें आप किसी भी प्रसारक के खिलाफ असामाजिक तथ्यों, अपशब्द या किसी भी हिंसक कार्रवाई को बढ़ावा देने के लिए ऑनलाइन (Online) या ऑफलाइन (Offline) इंडियन ब्रॉडकास्ट फाउंडेशन (Indian Broadcast Foundation) में अंग्रेजी या हिंदी में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
• वहीं संसद के एक अधिनियम द्वारा बनाई गई एक वैधानिक निकाय “भारतीय प्रेस परिषद (Indian Press Council)” है। जाली समाचारों से संबंधित मामलों को भारतीय प्रेस परिषद के दायरे में निपटाया जाता है। • भारतीय दंड संहिता के तहत जाली खबरों के शिकार हुए लोगों के लिए आईपीसी की धारा 153 और 295 उपलब्ध है, वे इन धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर सकते हैं।
• साथ ही यदि कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को घृणा, अवमानना या उपहास का पात्र बनाता है तो उसके लिए मानहानि की धारा उपलब्ध है।

सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों और बाल पोर्नोग्राफी (Child Pornograpohy) जैसी गैरकानूनी गतिविधियों के बढ़ते दुरुपयोग का सामना करने के लिए सरकार इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट (Information Technology Act) में संशोधन करने की योजना बना रही है और उन एप्लीकेशन (Applications) और वेबसाइटों (Websites) पर सख्त जुर्माना लगाएगी जो इन गतिविधियों में रोक लगाने में विफल रहते हैं। ये संशोधन लोकप्रिय सेवाओं के संचालन को संभावित रूप से प्रभावित कर सकते हैं। विशेष रूप से फेसबुक और व्हाट्सएप में, जहां बहुत बड़ी मात्रा में फर्जी खबरें संचारित होती हैं। हालांकि, कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, फर्जी खबरों से निपटने के लिए इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट (Information Technology Act) में बहुत कम कानून हैं।

संदर्भ :-
1. https://bit.ly/2FOrWms
2. https://bit.ly/2FPzgyo
3. https://bit.ly/2CMUfzT

RECENT POST

  • अपने युग से कहीं आगे थी विंध्य नवपाषाण संस्कृति
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:28 AM


  • चोपता में देखने को मिलती है प्राकृतिक सुंदरता एवं आध्यात्मिकता का अनोखा समावेश
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:29 AM


  • आइए जानें, क़ुतुब मीनार में पाए जाने वाले विभिन्न भाषाओं के शिलालेखों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:22 AM


  • जानें, बेतवा और यमुना नदियों के संगम पर स्थित, हमीरपुर शहर के बारे में
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:31 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस के मौके पर दौरा करें, हार्वर्ड विश्वविद्यालय का
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:30 AM


  • जानिए, कौन से जानवर, अपने बच्चों के लिए, बनते हैं बेहतरीन शिक्षक
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, उदासियों के ज़रिए, कैसे फैलाया, गुरु नानक ने प्रेम, करुणा और सच्चाई का संदेश
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:27 AM


  • जानें कैसे, शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के बीच अंतर को पाटने का प्रयास चल रहा है
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:20 AM


  • जानिए क्यों, मेरठ में गन्ने से निकला बगास, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए है अहम
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:22 AM


  • हमारे सौर मंडल में, एक बौने ग्रह के रूप में, प्लूटो का क्या है महत्त्व ?
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:29 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id