कैसे काम आता है गन्ना, अल्कोहॉल बनाने में?

मेरठ

 05-02-2019 04:23 PM
पेड़, झाड़ियाँ, बेल व लतायें

भारत की एक प्रमुख नकदी फसल होने के साथ-साथ गन्ने का कई चीजों में उपयोग किया जाता है। गन्ने और उसकी प्रौद्योगिकी से निकलने वाले कई उत्पादों और उपोत्पाद के अनेक लाभ होते हैं और यह रासायनिक और जैव रासायनिक उद्योग में कच्चे माल के रुप में उपयोग किये जाते हैं। व्यावहारिक रूप से गन्ने से प्राप्त सभी उत्पाद और उपोत्पाद तरल या ठोस अवस्था की किण्वन प्रक्रियाओं के लिए उपलब्ध दूसरे और तीसरे उत्पादन की जैव प्रौद्योगिकी का उपयोग करके महत्वपूर्ण संख्या में उत्पादन प्रक्रिया विकसित की जा सकती है। गन्ने से विभिन्न प्रकार के उपोत्पाद उत्पन्न किये जाते हैं, जिनमें से एक गुड़ है।

गुड़ का उपयोग अल्कोहॉल बनाने के लिए कच्चे माल के रूप में किया जाता है। गुड़ में लगभग 50% चीनी होती है और इसका उपयोग अल्कोहॉल पोषण खमीर या मवेशी चारे, साइट्रिक एसिड ग्लूटामिक में किया जाता है। परंपरागत रूप से गुड़ का उपयोग भारत में शोधित मद्यसार और मानव उपभोग के लिए 95% शुद्ध अल्कोहॉल बनाने और विभिन्न रसायनों के उत्पादन के लिए किया जाता है। हालांकि आज कल तकनीकी विकास के साथ, ईंधन के रूप में पेट्रोल के साथ सम्मिश्रित करने के लिए उपयोग किया जाने लगा है। भारत में 400 करोड़ लीटर से अधिक शोधित मद्यसार और 150 करोड़ लीटर से अधिक ईंधन इथेनॉल का उत्पादन करने की स्वदेशी स्थापित की गई उत्पादन क्षमता है, जो पेट्रोल के साथ 7-8% इथेनॉल के मिश्रण की आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।

यह तो अब आप जान चुकें हैं कि अल्कोहॉल का उत्पादन गुड़ से होता है, जिसमें किण्वित शर्करा होती है, जिसको मिलों द्वारा आर्थिक रूप से पुनर्प्राप्त(Recycle) नहीं किया जा सकता है। गन्ने की पिराई के हर टन से मिलों द्वारा 95 किलो चीनी और 45 किलो गुड़ का उत्पादन किया जाता है, जो लगभग 10.8 लीटर इथेनॉल का उत्पादन करता है। वहीं यदि मिल को अल्कोहॉल में किण्वन के लिए गन्ने के पूरे रस का उपयोग करना होता है, तो हर टन से शून्य चीनी और लगभग 72 लीटर इथेनॉल का उत्पादन होगा।

रामपुर उत्तर प्रदेश राज्य का सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक शहर है, साथ ही रामपुर में एक मद्यशाला भी स्थित है, जो गन्ने और उसके उपोत्पाद का उपयोग करती है। भारत में उनकी सबसे कुशलता से चलने वाली भट्टियों में गुड़ से उच्च श्रेणी ईएनए प्राप्त की जाती है, जो गन्ने का उपोत्पाद है। रामपुर की मद्यशाला की उत्पादन क्षमता प्रति वर्ष 12.5 करोड़ लीटर है। यह गुड़ और अनाज से उच्च श्रेणी ईएनए का उत्पादन 7.5 करोड़ लीटर उच्च श्रेणी ईएनए, 3 करोड़ लीटर अनाज निष्पक्ष मद्यसार और 460 हजार लीटर माल्ट व्हिस्की की सालाना उत्पादन क्षमता है। रामपुर डिस्टिलरी देशी मदिरा और आईएमएफएल भी बनाती है। यह मद्यशाला अपने ईंधन और बिजली की जरूरतों को स्वयं पूरा करता है, क्योंकि गन्ने की खोई से बिजली का उत्पादन भी किया जा सकता है।

संदर्भ:-

1. https://bit.ly/2RFAbnG
2. https://bit.ly/2TvWDBp
3. https://en.wikipedia.org/wiki/Radico_Khaitan
4. http://www.radicokhaitan.com/rampurdistillery.html

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