मेरठ में आपने अक्सर मेंढक तथा कछुए आदि जीवों को देखा ही होगा। अक्सर इनमें समानताओं को देखकर हम ये समझ लेते हैं कि ये सभी एक ही वर्ग के प्राणी हैं। परंतु ऐसा नहीं है, कुछ समानताओं के बावजूद, उन्हें अपनी शारीरिक बनावट और जीवन के विभिन्न चरणों की वजह से अलग-अलग वर्गों (उभयचर और सरीसृप) में विभाजित किया गया है। तो चलिये जानते हैं उभयचर और सरीसृप किस प्रकार एक दूसरे से भिन्न हैं और इनके बीच क्या-क्या समानताएं जो अक्सर इन्हें एक समझे जाने में हमें भ्रमित कर देती हैं।
उभयचर और सरीसृप के बीच अंतर
उभयचर और सरीसृप के बीच समानताएं
निम्नलिखित लक्षण हैं जो उभयचरों और सरीसृपों के बीच समानता दिखाते हैं:
1. सबसे पहले दोनों एक ही फाइलम (Phylum) कोरडाटा (Chordata) और सबफाइलम वर्टेब्रेटा (Vertebrata) में आते हैं।
2. दोनों ही एक्टोथर्मिक (ठंडे खून वाले) जीव हैं। ये अपने शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए बाह्य तापमान पर निर्भर होते हैं।
3. ये ज्यादातर सर्वाहारी होते हैं।
4. दोनों ही अपनी त्वचा के कुछ लक्षणों को कुछ हद तक काबू कर सकते हैं जिससे शिकारी से बचा जा सके और शरीर का तापमान बनाया जा सके।
5. आहार नाल, मूत्राशय तथा जनन पथ एक कोष्ठ में खुलते हैं जिसे क्लोअका (Cloaca) कहते हैं और जो बाहर खुलता है।
6. दोनों ही रक्षा के लिये छलावरण, काटने और शरीर को फुलाने जैसी प्रक्रियाएं अपनाते हैं।
7. दोनों की ही दृष्टि बड़ी तेज़ होती है।
संदर्भ:
1.https://biodifferences.com/difference-between-amphibians-and-reptiles.html
2.https://www.diffen.com/difference/Amphibian_vs_Reptile
3.http://www.reptilesmagazine.com/Differences-Between-Reptiles-and-Amphibians/
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