भारत एक भिन्नता से सम्पूर्ण राष्ट्र है। इतनी भिन्नता होने के बावजूद भी हम अपनी अनेकता में एकता के लिए जाने जाते हैं। हाँ ये सच है कि कई बार इस एकता में कुछ छोटे-मोटे विघ्न पड़ते रहते हैं, परन्तु अंत में हम एक परिवार के रूप में उभरकर फिर खड़े हो उठते हैं। इसी एकता को प्रदर्शित करते हुए हाल ही में गुजरात में एक स्मारक का निर्माण कराया गया। और एकता को चिह्नित करने के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल से बेहतर और कौन हो सकता था।
सरदार पटेल के नाम से लोकप्रिय, वल्लभभाई पटेल (31 अक्टूबर 1875 - 15 दिसंबर 1950), एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने भारत के पहले उप प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया। वे एक भारतीय बैरिस्टर और राजनेता थे, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता और भारतीय गणराज्य के एक संस्थापक भी थे जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए देश के संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभाई और एक एकीकृत और स्वतंत्र राष्ट्र का निर्माण करने में मार्गदर्शन दिया।
सरदार पटेल सदैव अपने भाषणों में भारत की सम्पूर्ण आबादी को कुछ इस तरह संबोधित करते थे जैसे मानो वे अपने परिवारजनों से ही वार्तालाप कर रहे हों। तो आइये उनके द्वारा एकता का पाठ पढ़ाते हुए इस भाषण को सुना जाए। भाषण सुनने के लिए ऊपर दिए गए विडियो पर क्लिक करें। आशा है कि सभी पाठकों में इसे सुनने के बाद अपने साथी देशवासियों के प्रति एक प्रेम भाव का जन्म होगा।
1.https://en.wikipedia.org/wiki/Vallabhbhai_Patel
2.https://www.youtube.com/watch?v=QLAbNqKKxY0
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