कैसेट्स और सीडी का सफर

मेरठ

 12-01-2019 10:00 AM
संचार एवं संचार यन्त्र

आज के युवाओं के लिए कैसेट्स और सीडी पुराने ज़माने की बात है, लेकिन वक़्त को थोड़ा रिवाइंड करते हैं और चलिये जानते है कैसेट्स और सीडी के इतिहास के बारे में कुछ रोचक तथ्य। शायद आप विश्वास न करें परंतु 1962 में कैसेट्स युवाओं की पहली पसंद थी इसे मूल रूप से "कॉम्पैक्ट कैसेट" (compact cassette) कहा जाता था और यूरोप से इसकी शुरूआत हुई। उस समय में इसका उपयोग व्यक्तिगत संगीत संग्रह रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता था। युवा अक्सर अपने दोस्तों के साथ इसे साझा करने के लिए रिकॉर्डिंग करते थे। यह संगीत सुनने का एक सस्ता और उपयोगी तरीका था।

कॉम्पैक्ट ऑडियो कैसेट (CAC) जिसे आमतौर पर कैसेट टेप या केवल टेप या कैसेट भी कहा जाता है। ऑडियो रिकॉर्डिंग और प्लेबैक के लिए एक एनालॉग चुंबकीय टेप रिकॉर्डिंग प्रारूप है। यह फिलिप्स द्वारा हैसेल्ट (बेल्जियम) में विकसित किया गया था और 1962 में जारी किया गया था। फिलिप्स दुनिया भर में अपने कैसेट टेप को सबसे ज्यादा बैचने की दौड़ में टेलीफुंकेन और ग्रुंडिग के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहा था, और यह जापानी इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माताओं से समर्थन चाहता था। फिलिप्स ने नवंबर 1964 में अमेरिका में नोरेल्को कैरी-कॉडर 150 रिकॉर्डर/प्लेयर भी जारी किया। 1966 तक इसके 250,000 से अधिक रिकॉर्डर अकेले अमेरिका में बेचे गए थे और जापान जल्द ही रिकॉर्डर का प्रमुख स्रोत बन गया। 1960 के दशक के अंत तक, कैसेट व्यवसाय अनुमानित 1.5 करोड़ डॉलर का था।

ये कैसेट दो तरह के होते थे, एक जिनमें पहले से संगीत रिकॉर्ड होता था और दुसरे पूरी तरह से खाली होता था ताकि रिकॉर्डिंग की जा सके, और इन कैसेटों को उपयोगकर्ता द्वारा उलट पुलट कर दोनों तरफ से इस्तेमाल किया जाता था। पहले से रिकॉर्ड किये हुए कैसेटों को भी “आठ-ट्रैक” नामक एक टेप कार्ट्रिज (tape cartridge) के रूप में कुछ प्रारंभिक प्रतिद्वंद्विता का सामना करना पड़ा, जिसे 1965 में विलियम लेयर द्वारा पेश किया गया था। लीयर ने कारों में इस्तेमाल किए जाने वाले आठ-ट्रैक को डिजाइन किया और उन्हें फोर्ड मोटर कंपनी का समर्थन प्राप्त था। रिकॉर्डिंग इतिहास के अनुसार, 6566 आठ-ट्रैक प्लेयर 1966 के फोर्ड वाहनों में विकल्प के रूप में स्थापित किए गए थे।

जल्द ही कैसेट टेप की ध्वनि की गुणवत्ता में सुधार के लिए इंजीनियरों ने कई तरीकों पर काम करना शुरू कर दिया। इन इंजीनियरों में से एक रे डॉल्बी(Dolby) थे; उन्होंने 1968 में डॉल्बी नोइस रिडक्शन (Dolby noise reduction) नामक एक हिस-रिडक्शन (hiss-reduction) तकनीक विकसित की। साथ ही होम और ऑटोमोबाइल कैसेट प्लेयर में भी सुधार किये गये। इन सुधारों से कैसेट टेप, आठ-ट्रैक से की तुलना में कम महंगे और अधिक सुविधाजनक बन गये और इनसे आगे निकल गये। कैसेट की संगीत सुनने का एक प्रभावी, सुविधाजनक और पोर्टेबल तरीका होने के कारण लोकप्रियता बढ़ी। 1980 का दशक कैसेट टेप के लिए एक शानदार दशक था, परंतु डिजिटल ऑडियो(Digital Audio) की शुरुआत हुई और 1982 में कॉम्पैक्ट ऑडियोडिस्क(Compact Audio Disc) (सीडी) को फिलिप्स(Philips) और सोनी(Sony) द्वारा लॉन्च किया गया। देखते ही देखते बाजार में डिजिटल ऑडियो वाली सीडी ने कैसेट की जगह ले ली। कॉम्पैक्ट डिस्क (इसे सीडी के रूप में भी जाना जाता है) मूल रूप से इसका विकास ध्वनि रिकॉर्डिंग के संचय के लिए हुआ था, लेकिन बाद में इसके प्रयोग अन्य आंकड़ों के संचय के लिए भी किया जाने लगा।

सीडी के अविष्‍कार का श्रेय अधिकांशतः जेम्स रसेल को दिया जाता है, सीडी को कई ऑप्टिकल माध्यमों से विकसित किया गया, और अंततः 1980 में इसे इसका अंतिम रूप दिया गया, जब सोनी और फिलिप्स ने इसे प्रसिद्ध "रेड बुक" मानक बनाया, जो दस्तावेजों की एक श्रृंखला थी जिसमें 120 मिमी व्यास वाले डिस्क संगीत की 16 बिट / 44.1kHz की एक रिज़ॉल्यूशन (resolution) रेखा तैयार की गई थी। पहली बार अक्टूबर 1982 में व्यावसायिक रूप से सीडी प्लेयर, आइकोनिक सोनी CDP-101, जापान में इलेक्ट्रॉनिक्स दिग्गज द्वारा पेश किया गया था। सोनी के रूप में जन्मे, पहले फोनोग्राफ प्‍लेयर के लगभग 100 साल बाद, CDP-101 ने यूएस (और दुनिया भर में) के लिए 1983 में अपनी पहली शुरुआत के लगभग छह से सात महीने बाद अपनी जगह बनाई, और इसकी कीमत $ 1,000 जितनी थी।

प्रक्षेपण के समय लगभग 20 उपलब्ध एल्बमों की प्रारंभिक पेशकश के बाद, सीडी(CD) अगले कुछ वर्षों में तीव्रता से फैल गई। द गार्जियन (Guardian) की रिपोर्ट के अनुसार, सीडी का अनौपचारिक आगमन आर्म्ज़ (Arms ) एल्बम में डायर स्ट्रैट्स ब्रदर्स की रिलीज़ के साथ हुआ, जिसे नवीनतम डिजिटल उपकरणों पर रिकॉर्ड किया गया था और फिलिप्स द्वारा प्रायोजित किया गया था, मई 1985 में सीडी पर जारी किया गया, हिट एल्बम एक संगीतमय मुख्य आधार बन गया, और विनाइल प्रशंसकों और ऑडियोफाइल्स ने बढ़ते हुए प्रारूप को अपनाने के लिए सीडी प्‍लेयर को समूह में खरीदना शुरू कर दिया। 1988 तक, सीडी की बिक्री ने विनाइल (vinyl) को ग्रहण कर लिया तथा 1991 तक कैसेट को पछाड़ दिया।

1999 में जहाँ सहस्त्राब्दी और इंटरनेट का आगमन हो रहा था तो वहीं नैप्स्टर(Napster) का वेब जगत में आगमन होने से कई बदलाव आ गए। नैप्स्टर की मदद से संगीत को खोजना आसान हो गया और साथ ही इसने लोगों को एमपी 3 फाइलों को अन्य प्रतिभागियों के साथ शेयर करने की सुविधा प्रदान की। यह साइट रिकॉर्डिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन ऑफ अमेरिका और अन्य प्रमुख उद्योग संगठनों की तरह काफी प्रसिद्ध हो गई। नैप्स्टर के अपनी बुलंदी के दौरान ही लगभग 8 करोड़ उपयोगकर्ता हो गए थे और साथ ही इसने लाइमवायर, यूटोरेंट जैसी साइटों के लिए एक मार्ग प्रशस्त किया था। जबकि नैप्स्टर को अंततः 2001 में बंद कर दिया गया था। धीरे-धीरे सीडी की बिक्री में भी कमी आने लग गयी।

अक्टूबर 2001 में, स्टीव जॉब्स(Steve Jobs) द्वारा सबसे छोटा एमपी 3(MP3) प्लेयर "आईपॉड" का आविष्कार करके सीडी को गंभीर रूप से प्रभावित किया। 2005 में आईटयुन्स(iTunes) द्वारा पहली बार सीडी की बिक्री से अधिक बिक्री कर सीडी को पीछे छोड़ दिया था। जनवरी 2000 में पेंडोरा की स्थापना संगीत जीनोम प्रोजेक्ट (एक "इंटरनेट रेडियो" सेवा जो एक एल्गोरिथ्म(Algorithm) का अनुसरण करती है) से हुई। इसमें सैकड़ों विशेषताओं के साथ संगीत को वर्गीकृत किया गया, ताकि वे श्रोताओं को संगीत की सेवा प्रदान कर सकें। पहली प्रमुख ऑन-डिमांड(On Demand) सेवा, स्पोटीफाई(spotify), आठ साल बाद आई, और पेंडोरा के साथ मिलकर इन्होंने संगीत की प्लेबुक को फिर से लिखा। इनके द्वारा ऑनलाइन मुफ्त संगीत की पेशकश की गयी। 2014 में, स्ट्रीमिंग(Streaming) राजस्व ने पहली बार सीडी की बिक्री को गंभीर रूप से प्रभावित किया। तथा अंततः सीडी अपने पतन की ओर बढ़ने लगी।

संदर्भ:

1.https://bit.ly/2QFqBka
2.https://bit.ly/2BM9NF4
3.https://en.wikipedia.org/wiki/Cassette_tape
4.https://en.wikipedia.org/wiki/Compact_disc

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