हाल ही में शुरू की गई यूपीआई भुगतान प्रणाली और इसके उपयोग

मेरठ

 09-01-2019 01:01 PM
संचार एवं संचार यन्त्र

आज लोग पैसे बचाने से ज्‍यादा समय बचाने की कोशिश करते हैं। जिसे तकनीकीकरण ने सरल बना दिया है, आज हम घर बैठे-बैठे दुनिया के किसी कोने से भी संपर्क साध सकते हैं। यदि बात की जाऐ पैसों से संबंधित लेन-देन की, तो यहां भी आज तकनीकीकरण अहम भूमिका निभा रहा है। आज लोग जेब में अपना बैंक लेकर घूमते हैं तथा पल भर में कहीं भी किसी को भी पैसे भेज सकते हैं या पैसे मंगा सकते हैं। जिसमें ऑनलाइन बैंकिंग ने सरल बना दिया है, पैसे भेजने के लिए NEFT, RTGS, IMPS तथा UPI प्रणाली का उपयोग किया जाता है।

यूपीआई या यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (Unified Payment Interface) अन्‍य भुगतान प्रणालियों में से ज्यादा विकसित तथा सरल तरीका है। इस भुगतान प्रणाली को इस तरह से तैयार किया गया है कि आम लोग भी इसे आसानी से उपयोग कर सकते हैं। आजकल सभी बैंक अपने ग्राहकों से उनका मोबाइल नंबर मांगते हैं। यही नंबर उनके खाते से लिंक किया जाता है। यूपीआई भुगतान प्रणाली आपके इसी लिंक्ड मोबाइल नंबर के जरिए आपके खाते की जानकारी जुटाता है। इसकी कुछ विशेषताएं इस प्रकार हैं:

स्मार्टफोन में काम करता है
दुनिया के 90% फोन एन्ड्रॉएड ऑपरेटिंग सिस्टम (Android operating system) या एप्पल का ऑपरेटिंग सिस्टम(IOS) का उपयोग करते हैं। यूपीआई सिस्टम इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले स्मार्टफोन में कार्य करता है, जो मोबाइल एप पर आधारित होता है। इसके उपयोग के लिए इंटरनेट का होना अनिवार्य है।

मोबाइल नंबर पर आधारित
जैसे की ऊपर हम बता ही चुके हैं यूपीआई पेमेंट सिस्टम मोबाइल नंबर के जरिए कार्य करता है। अतः यह उसी मोबाइल नंबर पर कार्य करेगा जो आपके बैंक खाते से लिंक हो। इतना ही नहीं अगर आप अपने स्मार्टफोन से अपना सिम निकाल लेंगे तो भी ये एप काम नहीं करेगा।

किसी भी खाते में पैसे भेजें यूपीआई के जरिए आप देश में किसी भी बैंक खाते में पैसे भेज सकते हैं। ऐसा नहीं है कि यदि आप स्टेट बैंक के ग्राहक हैं तो सिर्फ स्टेट बैंक के ग्राहकों को ही पैसे भेज पाएंगे।

ढेरों यूपीआई एप यूपीआई एक भुगतान प्रणाली है तथा इसे किसी भी एप में प्रयोग किया जा सकता है। इसको बनाने वाली संस्‍था राष्ट्रीय भुगतान निगम यूपीआई प्लेटफॉर्म का लाइसेंस देती है। बैंकों को ही यूपीआई सिस्टम का इस्तेमाल करने की इजाजत मिलती है। लचीले नियम के कारण अभी कई यूपीआई एप (भीम एप, गूगल पे, एसबीआई यूपीआई एप, आईसीआईसीआई बैंक यूपीआई एप आदि) उपलब्‍ध हैं, जिन्‍हें आप अपनी सुविधानुसार गूगल प्‍लेस्‍टोर (Google Playstore) से डाउनलोड कर सकते हैं। कुछ बैंकों ने अपने पुराने एप में ही यूपीआई सिस्टम को अपना लिया है। कुछ बैंक यूपीआई प्लेटफॉर्म वाला नया एप लेकर आए हैं। जैसे ICICI बैंक ने अपने पुराने एप iMobile में ही यूपीआई को मिला लिया है। वहीं एसबीआई ने नया एप एसबीआई पे (SBI Pay) लॉन्च किया है। बैंक चाहें तो अपने नाम पर कुछ और लोगों को यूपीआई का उपयोग करने दे सकते हैं। यूपीआई एप का बैंक से मतलब नहीं

अपने बैंक का यूपीआई एप इस्तेमाल करने की बाध्यता नहीं है, क्‍योंकि यूपीआई एप का किसी बैंक विशेष से कोई मतलब नहीं है। एक स्‍टेट बैंक का ग्राहक, पंजाब नेशनल बैंक के यूपीआई एप का उपयोग कर सकता है। यानी की किसी भी एप को इस्तेमाल करने की पूरी छूट है। आप किसी भी एप से अपने खाते को जोड़ सकते हैं।

खाता नंबर जानने की जरूरत नहीं इसे हम इसकी सबसे बड़ी विशेषता कह सकते हैं, क्‍योंकि इस प्रणाली से पैसे भेजने के लिए हमें बैंक खाता जानना जरूरी नहीं है। यूपीआई का प्रयोग करके हम किसी भी खाते में पैसे भेज सकते हैं। दरअसल ये एप बैंक खाते के अतिरिक्‍त यूपीआई एड्रेस (UPI address) के माध्‍यम से भी पैसा ट्रांसफर करता है। पैसा खाते में बना रहता है

आजकल मोबाइल वॉलेट (जैसे-पेटीएम) भी काफी लोकप्रिय हो रहे हैं, इन्‍हें भी पैसे भेजने के लिए प्रयोग किया जाता है। लेकिन इनके उपयोग के लिए इनमें अपने खाते से पैसा डालना पड़ता है, जबकि यूपीआई में सीधे आपके खाते से पैसा भेजता है। यानी आपको ब्याज का नुकसान नहीं होता है। जबकि मोबाइल वॉलेट में पैसा डालना पड़ता है।

यूपीआई के जरिए पैसा मांगें
यूपीआई के जरिए आप अपने किसी परिचित से पैसे मंगा भी सकते हैं। यूपीआई एप (UPI App) में कलेक्‍ट मनी (Collect Money) विकल्‍प होता है, जिसके जरिए आप अपने परिचित से पैसे मंगवा सकते हैं। आपके परिचित को यूपीआई के जरिए एक नोटिफिकेशन(notification) मिलेगा। इसे खोलने पर उनके पास आपकी रिक्‍वेस्‍ट (request ) को अप्रूव (Approve) या रिजेक्‍ट (Reject) करने का विकल्‍प होगा। इसी तरह से कोई भी व्यापारी अपने ग्राहकों से पैसा मांग सकता है। ग्राहक को सिर्फ व्यापारी के रिक्वेस्ट को अप्रूव करने की जरूरत होगी।

यूपीआई की सुरक्षा व्यवस्था
ऑनलाइन धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों के कारण अधिकांश लोग ऑनलाइन लेनदेन करने से घबराते हैं। हालांकि ज्यादातर मामलों में ग्राहकों की लापरवाही होती है। वैसे यूपीआई में तीन स्तरों की सुरक्षा की गई है।
1. यूपीआई एप तभी आपके खाते से जुड़ पाएगा जब स्मार्टफोन में वही नंबर होगा जो आपके बैंक खाते में रजिस्टर है। यानी आपके फोन से ही ट्रांजैक्शन हो सकेगा।
2. यूपीआई एप को खोलने के लिए भी एक पासवर्ड लगता है, ये पासवर्ड सिर्फ आपको पता होना चाहिए।
3. आप जब किसी को पैसे भेजेंगे तो चार अंकों का यूपीआई पिन डालना होगा, जो सिर्फ यूपीआई एप में इस्तेमाल होता है। ध्यान रहे ये ATM पिन नहीं है।

यूपीआई का चार्ज
अभी यूपीआई लेनदेन पूरी तरह से निशुल्‍क है। UPI ट्रांजैक्शन पर कोई शुल्‍क नहीं लग रहा है। यदि भविष्य में कोई चार्ज लगता भी है तो यह मात्र पचास पैसे के करीब ही होगा।

यूपीआई एप कैसे इस्तेमाल करें
यूपीआई एप इस्तेमाल करने के लिए आपके पास स्मार्टफोन तथा इंटरनेट कनेक्शन होना अनिवार्य है। यूपीआई एप का उपयोग करने लिए इन चरणों से गुजरना होगा।
1. गूगल प्लेस्टोर(Google Playstore) में यूपीआई सर्च कीजिए। अपनी पसंद के अनुसार कोई भी एप डाउनलोड करें।
2. एप को पहली बार खोलने पर इसमें रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को पूरा करना होता है। जिसमें सर्वप्रथम आपको एक पासवर्ड या पिन सेट करना होगा तथा आप इसमें अपने मनचाहे बैंक अकाउंट को चुन सकते हैं।
3. चुने गए एकाउंट से जुड़ने वाला एक वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (Virtual payment address) बनाएं, जो अपने चुने गए खाते में पैसा पहुंचाएगा।
4. बैंक अकाउंट से पैसा निकालने के लिए MPIN की जरूरत होती है। यदि आपने पहले कभी MPIN सेट किया है, तो यहां उसका इस्तेमाल कर सकते हैं नहीं तो MPIN सेट करना होगा।
5. MPIN सेट करने के लिए आपको अपने डेबिट कार्ड की जानकारी देनी होगी।
6. अब आप पैसे को भेज सकते हैं और मंगा भी सकते हैं।
7. यूपीआई एप में अपनी आवश्यकता अनुसार विकल्‍प चुनें और पैसे भेजें या मंगवाएं।
आप प्रारंग के मेरठ पोर्टल के पेज (https://meerut.prarang.in/smart.php) की स्मार्ट सुविधाओं के बैंकिंग भाग से भी यूपीआई एप (जैसे भीम एप) डाउनलोड कर सकते हैं।

संदर्भ:

1.https://upipayments.co.in/upi/

RECENT POST

  • मेरठ की ऐतिहासिक गंगा नहर प्रणाली, शहर को रौशन और पोषित कर रही है!
    नदियाँ

     18-09-2024 09:18 AM


  • क्यों होती हैं एक ही पौधे में विविध रंगों या पैटर्नों की पत्तियां ?
    कोशिका के आधार पर

     17-09-2024 09:16 AM


  • आइए जानें, स्थलीय ग्रहों एवं इनके और हमारी पृथ्वी के बीच की समानताओं के बारे में
    पर्वत, चोटी व पठार

     16-09-2024 09:34 AM


  • आइए, जानें महासागरों से जुड़े कुछ सबसे बड़े रहस्यों को
    समुद्र

     15-09-2024 09:27 AM


  • हिंदी दिवस विशेष: प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण पर आधारित, ज्ञानी.ए आई है, अत्यंत उपयुक्त
    संचार एवं संचार यन्त्र

     14-09-2024 09:21 AM


  • एस आई जैसी मानक प्रणाली के बिना, मेरठ की दुकानों के तराज़ू, किसी काम के नहीं रहते!
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     13-09-2024 09:10 AM


  • वर्षामापी से होता है, मेरठ में होने वाली, 795 मिलीमीटर वार्षिक वर्षा का मापन
    जलवायु व ऋतु

     12-09-2024 09:25 AM


  • परफ़्यूमों में इस्तेमाल होने वाले हानिकारक रसायन डाल सकते हैं मानव शरीर पर दुष्प्रभाव
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     11-09-2024 09:17 AM


  • मध्यकालीन युग से लेकर आधुनिक युग तक, कैसा रहा भूमि पर फ़सल उगाने का सफ़र ?
    मध्यकाल 1450 ईस्वी से 1780 ईस्वी तक

     10-09-2024 09:32 AM


  • पेट्रोलियम के महत्वपूर्ण स्रोत हैं नमक के गुंबद
    खनिज

     09-09-2024 09:43 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id