हर साल 25 दिसंबर को पूरी दुनिया में क्रिसमस का त्योहार बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। ईसाई धर्म के अनुसार, इसी दिन यीशु (ईसा मसीह) का जन्म हुआ था। लेकिन क्या यीशु का जन्म सचमुच दिसंबर में हुआ था? क्या आपको पता है कि किसी को भी मसीह के जन्म की सही-सही तारीख नहीं पता है यहां तक कि बाइबल में भी किसी भी तारीख का कोई भी ज़िक्र नहीं है। फिर भी, पूरी दुनिया में लाखों लोग, हर साल 25 दिसंबर को यीशु का जन्मदिन मनाते हैं। जबकि देखा जाए तो यह तारीख बाइबल में कहीं नहीं दी गयी है। यहां तक कि मैथ्यू और ल्यूक के सुसमाचार में भी यीशु के जन्म की किसी भी तारीख का कोई उल्लेख नहीं है।
माना जाता है कि मरियम को एक शुरुआती ईसाई परंपरा ने कहा गया कि जिस दिन मरियम को बताया गया था कि उसके पास एक बहुत ही खास बच्चा होगा वो दिन 25 मार्च था और उस तारीख के नौ महीने बाद 25 दिसंबर आता है तो इसलिये इस दिन यीशु का जन्मदिन मनाते हैं। अलेक्जेंडर मुरे के अनुसार रोमन लोग उस काल में अपने शनि देवता (सैटर्न- शनि ग्रह) के नाम पर सैटर्नालिया (Saturnalia) नाम के त्योहार को उत्तरायण (winter solstice) के मौके पर मनाते थे जो कि सर्दी संक्रांति से जुड़ा हुआ था और 17 दिसंबर से 23 दिसंबर तक कई उत्सवों के साथ मनाया जाता था। इस त्योहार में सार्वजनिक भोज, निजी उपहार देना, निरंतर पार्टी आदि गतिविधियां होती थी और ऐसा लगता है कि इस तरह त्योहार को मूर्तिपूजा पर विजय के लिए चुना गया था। यह भी कहा जा सकता है कि इस त्योहार को यीशु के जन्मदिन के नाम पर मनाया जाता था। इसके आलावा यहूदी कैलेंडर में, यीशु का जन्म 25 चिस्लेव में बताया गया है और चिस्लेव (हमारे कैलेंडर के मुताबिक नवंबर और दिसंबर के बीच का समय) ठंड और बारिश का महीना होता है।
परंतु इन सब के आलावा ऐसे कई साक्ष्य है जो ये दर्शाते हैं कि यीशु का जन्म दिसंबर में नहीं हुआ था, और ऐसा मानने के भी कई महत्वपूर्ण कारण हैं:
बाइबल की सुसमाचार की पुस्तक, लूका के अनुसार “यीशु के जन्म के समय गड़रिये अपनी भेड़ों को घास के मैदानों में चरा रहे थे” (लूका 2:7-8)। मगर क्या ऐसा हो सकता है कि दिसंबर में जब कड़ाके की ठंड पड़ती है, तब चरवाहे अपने झुंडों के साथ मैदान में हों? जिससे पता चलता है कि यह घटना जाड़ों में नहीं हो सकती है, जहां तक है यीशु का जन्म वसंत ऋतु में हुआ होगा। लूका 2:1 के अनुसार उन दिनों में अगस्तुस की ओर से आज्ञा निकली कि सभी लोगों की जनगणना की जाए। रोमन जनगणना में पंजीकरण करने के लिए यीशु के माता-पिता बेथलहम आए थे। परंतु इस तरह की जनगणना सर्दियों के मौसम में नहीं ली जाती थी। मरियम उन दिनों की गर्भवती थी, उनके लिये ठंडी के मौसम में नासरत से बेथलेहेम (लगभग 70 मील) का लंबा सफर तय बहुत मुश्किल था।
अब प्रश्न यह उठता है कि यदि यीशु का का जन्म 25 दिसंबर को नहीं हुआ था तो बाइबल के अनुसार उनका जन्म कब हुआ होगा?
बाइबल के अनुसार बपतिस्मा-दाता जॉन के जन्म के आधार पर यीशु के जन्म का सबसे संभावित समय पतझड़ को इंगित किया गया है। चूंकि एलिजाबेथ (जॉन की मां) गर्भावस्था के अपने छठे माह में थीं जब मरियम का गर्भधारण हुआ था, जॉन के जन्म के आधार से यीशु के जन्म का अनुमान लगाया जा सकता है। जॉन के पिता, जकरिया, अबीजाह के दौरान यरूशलेम के मंदिर में सेवा करने वाले पुजारी थे। ऐतिहासिक गणना से पता चलता है कि यह सेवा उस वर्ष जून 13-19 होती थी। इस सेवा के दौरान उन्हें पता चलता है कि उनकी पत्नी एलिजाबेथ गर्भवती हैं। अपनी सेवा पुर्ण करने के बाद जब जकरिया घर लौटा तो एलिजाबेथ ने एक पुत्र को जन्म दिया। मान लीजिए कि जॉन का गर्भधारण जून के अंत में हुआ था, तो जून में नौ महिने जोड़कर मार्च के अंत में जॉन के जन्म का संभावित समय मिलता है। अब इसमें छः महीने और जोड़ने पर सितंबर के अंत में यीशु के जन्म की संभावना हो सकती है।
यीशु के जन्म माह का विषय प्रारंभ से ही विवाद में रहा है। 2008 में, खगोलविद डेव रेनेके ने तर्क दिया कि यीशु गर्मी में पैदा हुऐ थे। धर्मशास्त्रियों के अनुसार यीशु का जन्म वसंत ऋतु में हुआ था। बाइबिल में कहीं भी यीशु के शरद ऋतु में पैदा होने का वर्णन नहीं किया गया है। नये नियम के लेखकों का उद्देश्य यह जानना बिल्कुल नहीं है कि यीशु का जन्म कब हुआ वरन् वे इस बात से संतुष्ट हैं कि ईश्वर ने इतिहास में अपने वादे को पूरा करने के लिए सही समय पर अपनी संतान को भेजा।
संदर्भ:
1.https://bit.ly/2EKaPCg
2.https://en.wikipedia.org/wiki/Date_of_birth_of_Jesus
3.https://bit.ly/2gm5nct
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