हम सभी को अच्छी खुशबू में रहना व काम करना पसंद है। फिर चाहे आप ऑफिस में हो या अपने घरों में या फिर कार चला रहे हो, खुशबू से भरा माहौल सभी को भाता है। वर्तमान में लोग खुशबू को हमेशा बरकरार रखेने के लिये एयर फ्रेशनर (Room Air Fresheners) आदि का प्रयोग करते हैं। परंतु क्या आपने कभी ये सोचा है कि एयर फ्रेशनर क्या है और ये खुशबू के अलावा किन-किन पदार्थों से मिल कर बने होते है? क्या ये हमारे स्वास्थ्य के लिये हानिकारक हो सकते हैं? आज हम आपको इन्हीं प्रश्नों से जुड़े जवाबों के बारे में बताएँगे।
वातावरण के प्रदूषित होने से हमारे आस पास कई तरह की अरूचिकर गंध फैली हुई रहती है, जिसके कारण कभी-कभी सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है। यदि गंध आपके घर या ऑफिस में भी रहे तो उसे सहन करना भी बहुत मुश्किल हो जाता है। 1948 की दशक में कुछ लोगों ने इस समस्या का हल एयर फ्रेशनर (पहला आधुनिक एयर फ्रेशनर) के रूप में निकला। हालांकि उस समय ये कीटनाशकों के फैलने वाली एक सैन्य तकनीक पर आधारित था और इसमें क्लोरोफ्लोरोकार्बन (chlorofluorocarbon) प्रणोदक का उपयोग करके एक दबाव वाले स्प्रे के रूप में बनाया गया था। इसमें मौजूद सुगंधित यौगिकों की गंध लंबे समय तक हवा में बनी रहती थी। इस प्रकार एयर फ्रेशनर की बिक्री में भारी वृद्धि होनी शुरू हो गई। 1950 के दशक में, कई कंपनियों ने इसका उत्पादन करना प्रारंभ किया और समय के साथ साथ इसमें कई परिवर्तन भी किये गए। आज हम दुर्गंध को हटा कर और अपनी मन चाही खुशबू को हवा में फैला सकतें हैं, जिन्हें प्राय: एयर फ्रेशनर (Air Freshener) के नाम से जाना जाता हैं।
इसमें अवशोषक पदार्थों के साथ साथ ऑक्सीडाइज़र (oxidizers), आर्द्रक, और कीटाणुशोधक होते है, इनके आलावा एयर फ्रेशनर में एरोसॉल नोदक (aerosol), परिरक्षक पदार्थ विलायक जैसे कि खनिज तेल या 2-ब्यूटॉक्सीएथेनॉल (2-butoxyethanol), ग्लाइकोल ईथर (glycol ethers),टरपीन (terpenes), बेंजीन (benzene), फॉर्मल्डेहाइड (formaldehyde), थैलेट एस्टर (phthalate esters), वाष्पशील कार्बनिक यौगिक आदि शामिल हो सकते हैं। साथ साथ इनमें कई सारे हानिकारक और कैंसरजनक पदार्थ भी शामिल होते है, जोकि न सिर्फ हमें बल्कि हमारे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।
एयर फ्रेशनर से हमारे पर्यावरण और स्वास्थ्य को निम्न लिखित नुकसान हो सकते है:
1. एयर फ्रेशनर में क्लोरोफ्लोरोकार्बन (सीएफसी- एक कार्बनिक यौगिक) नामक खतरनाक रसायन होता है। इस रसायन का उपयोग एयर फ्रेशनर में इस लिये किया गया था क्योंकि ये नॉनटॉक्सिक (nontoxic) होती है और अन्य अवयवों के साथ प्रतिक्रिया भी नहीं करती है। परंतु दो रसायन शास्त्रियों ने 1974 में एक पेपर प्रकाशित किया जिसमें बताया गया था कि सीएफसी ओजोन परत को नष्ट कर सकता है, जो हमें पराबैंगनी किरणों (Ultraviolet Rays) से बचाती है। ओजोन ह्रास का एक प्रमुख स्रोत क्लोरोफ्लोरोकार्बन है।
2. एयर फ्रेशनर में थेलेट्स एस्टर उपस्थित होता है, जोकि एलर्जी और विषाक्त वायु प्रदूषक उत्सर्जित करता है। ये हमारी सांस के माध्यम से शरीर में अवशोषित हो जाते है और हमें नुकसान पहुचाते है। ये कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण भी बनता है।
3. कुछ एयर फ्रेशनर जो जैविक नहीं होते, वे रसायनों से युक्त होते है। जो हमारे अंदर जाकर फेफड़ों, गुर्दों और शरीर के अन्य नाजुक भागों को प्रभावित करते है। और इन रसायनों के प्रयोग से एलर्जी, अस्थमा, कैंसर, फेफड़ों की गंभीर बीमारी, और ट्यूमर जैसी बीमारियां हो सकती है।
4. इसके सुगंध के लिये आमतौर पर इथेनॉल, फॉर्मल्डेहाइड, फेनॉल, अल्कोहल आदि मिलाए जाते है जोकि हमारे लिये हानिकारक होते है। क्योंकि ये विषैले पदार्थ होते है और तरह तरह की गंभीर समस्याएं और हॉर्मोन्स (Hormones) को असंतुलित करते है। कुछ में तो कैंसरजनक पदार्थ भी शामिल होते है। हालांकि इस रसायनों की मात्रा एयर फ्रेशनर में कम होती है, परंतु इनका ज्यादा इस्तेमाल हानिकारक हो सकता है। हालांकि इथेनॉल जैसे रसायन कीटाणुनाशकों का कार्य करते है। ये वातावरण में मौजूद पैथोजनस् और सूक्ष्म जीवाणुओं को नष्ट कर देता है, परंतु फिर भी इनका ज्यादा इस्तेमाल हानिकारक है।
5. इसमें मौजूद वाष्पशील कार्बनिक यौगिक (volatile organic compounds - VOCs) पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य दोनों के लिए खतरनाक होता हैं। एसीटैल्डिहाइड (acetaldehyde) जोकि एक वाष्पशील कार्बनिक यौगिक है, का प्रयोग कई एयर फ्रेशनर में होता है। यह एक खतरनाक वायु प्रदूषक है जो पर्यावरण और मानव दोनों पर अपना हानिकारक प्रभाव डालता है, ये बच्चों के लिए खतरनाक होता है। एसीटैल्डिहाइड व अन्य वीओसी से आंख और श्वसन पथ में जलन, सिरदर्द, चक्कर आना, दृश्य दोष, थकान, एलर्जी, मतली, और स्मृति हानि आदि समस्याएं हो सकती है। साथ ही साथ ये कैंसरजनक भी होते है।
हर कोई चाहता है कि उसका घर खुशबू से महकता रहे। परंतु आप भी नहीं चाहेंगे कि बाजार से खरीदे गये एयर फ्रेशनर के रसायन से आपके घर में बीमारियां पैदा हो, यदि आप चाहे तो प्राकृतिक तरीकों से भी एयर फ्रेशनर बना सकते है। आप आवश्यक तेलों, जड़ी बूटियों, फूलों जैसे प्राकृतिक अवयवों का उपयोग करके, अपने घर पर ही प्राकृतिक एयर फ्रेशनर बना सकते हैं।
1. अगरबत्तियां जड़ी बूटियों और प्राकृतिक सुगंधित तेलों से बनी होती है, इनके माध्यम से भी आप अपने घर को सुगंधित कर सकते है।
2. सुगंधित मोमबत्तियों में मोम के साथ शुद्ध सुगंधित तेल और प्राकृतिक तत्व होते हैं जो उन्हें लंबे समय तक जलने और सुगंध फैलाने में मदद करते हैं। ये कृत्रिम मोमबत्तियों से कहीं अधिक सुरक्षित होती हैं।
3. कॉफी पाउडर (Coffee Powder) द्वारा प्याज और लहसुन जैसी गंध भी अवशोषित कर ली जाती है। कॉफी को पीसकर आप रसोई में या अन्य स्थानों से दुर्गंध को दूर कर सकते है।
4. आप चाहे तो अपने घर को सुगंधित करने के लिए किसी भी विषाक्त पदार्थ से रहित, एलर्जी से सुरक्षित वायु एयर फ्रेशनर जैल का उपयोग भी कर सकते है।
5. प्राकृतिक सुगंधित तेल (जिसे एसेंशियल ऑइल कहते है) को घरों में छिडकर या किसी सूती कपड़े को इसमें भिगो कर कहीं भी रख सकते है। ऐसा करने से भी आपका घर फ्रैश रहेगा।
6. पुराने समय में जड़ी बूटी या फलों को उबाल कर घरों में रख दिया जाता था, इससे इनकी सुगंध पूरे घर में फैल जाती थी। यदि आप चाहे तो दालचीनी, लौंग या अन्य कोई जड़ी बूटी, नींबू नारंगी के छिलके आदि को उबाल कर अपने घर में रख सकते है।
7. यदि आपको कोई भी सुगंध नही चाहिए और आप केवल अरूचिकर गंध को हटाना चाहते है तो आप बेकिंग सोडा का इस्तेमाल कर सकते है, ये गंध को अवशोषित लेता है।
संदर्भ:
1.https://en.wikipedia.org/wiki/Air_freshener
2.https://slate.com/technology/2010/09/are-air-fresheners-bad-for-the-environment.html
3.http://ackermancancercenter.com/blog/the-dangers-of-air-fresheners
4.https://www.poison.org/articles/air-freshener-171
5.https://bit.ly/2UU6phU
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