मशरूम पौष्टिक और प्रोटीन से भरपूर कवक होते हैं, इसे एक सब्जी के रूप में हमारी भोजन श्रृंखला में स्थान प्राप्त हुआ है। परंतु इसे देखकर क्या आपके दिमाग में कभी ये आया है की ना तो इनमें कोई बीज दिखाई देता है और ना ही कोई प्रकंद, जिसके माध्यम से ये अपनी पीढ़ियों को लगातार आगे बड़ा सके। इनमें तो तना या पत्ती भी नही होते है जो कलम लगाना, ग्राफ्टिंग (Grafting) या कायिक प्रवर्धन के द्वारा नयी पीढ़ी तैयार की जा सके। कई बीजहीन पौधों अपनी संख्या बढ़ाने के लिए अत्यधिक विशिष्ट प्रजनन विधियों का उपयोग करती है। कई बीजहीन पौधे लैंगिक रूप से पुनरुत्पादन करते हैं तथा कई अलैंगिक रूप से पुनरुत्पादित करते हैं और कुछ दोनों विधियों का उपयोग करते हैं। इन्ही में से एक है मशरूम, जिसमें दोनों लैगिंग व अलैगिंग प्रजनन पाया जाता है।
यदि आप मशरूम की खेती करना चाहते है तो आपको इसके जीवन चक्र और पुनरुत्पादन के बारे में जानना अत्यंत आवश्यक है। आप इस ज्ञान का उपयोग न केवल अपनी मशरूम की खेती बढ़ाने के लिए सर्वोत्तम स्थितियां प्रदान कर सकते हैं बल्कि मशरूम की गुणवत्ता में सुधार भी कर सकते हैं। जैसे की हम आपको पहले बता चुके है मशरूम एक कवक है और कवकों में प्रजनन विशेष रूप से अलैंगिक और लैंगिक दोनों विधियों से होता है। मशरूम में, अलैंगिक और लैंगिक प्रजननांग के निर्माण प्रतिकूल पर्यावरणीय परिस्थितियों पर निर्भर करता है। किंतु अधिकांश कवकों में इनमें से केवल एक ही विधि से होता है। जिन प्रजातियों में प्रत्यक्ष लैंगिक चक्र की कमी है उन्हें "डीयूटरोमायकोटा" (Deuteromycota) कहा जाता है। अलैंगिक प्रजनन के परिणाम स्वरूप क्लोन का उत्पादन होता है, और इनकी वृद्धि लैंगिक प्रजनन की तुलना अधिक तेज़ी से होती है। हालांकि, पर्यावरण के अनुकूल होने के लिए आनुवांशिक भिन्नता (लैंगिक प्रजनन द्वारा) भी आवश्यक है।
लैंगिक और अलैंगिक दोनों प्रजनन में, कवक बीजाणु का उत्पादन करते हैं जो या तो हवा के माध्यम से प्रजननांग तक फैलते है। इन दोनों प्रजनन का एक संक्षिप्त विवरण निम्नवत है:
अलैंगिक प्रजनन (Asexual Reproduction):
अलैंगिक प्रजनन ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें नये जीव एकल जनक से बनता है और इसमें जनन कोशिकाओं की कोई भूमिका नहीं होती। कवकों में अलैंगिक प्रजनन विखंडन, मुकुलन, खंडन, बीजाणु का बनना आदि के माध्यम से होता है। खंडन के दौरान कवक के तंतुओं के खंड नई संतति को जन्म देते है तो माइसीलिअल विखंडन तब होता है जब कवक माइसीलियम (Mycelium) खंडों में अलग-अलग हो जाता है और प्रत्येक खंड एक नये माइसीलियम के रूप में विकसित होता है।
अलैंगिक प्रजनन अधिकांशता: बीजाणुओं के निर्माण द्वारा होता है। बीजाणु निर्माण में, जनक पौधा हजारों प्रजनन इकाईयाँ पैदा करता है, जिन्हें ‘बीजाणु’ कहते हैं। ये बीजाणु जनक थैलस में या बीजाणुधानी में होते है और जब पौधों का यह बीजाणु कोष फटता है, तो ये बीजाणु हवा, जमीन या मिट्टी पर बिखर जाते हैं। यहीं ये उगते हैं और नए पौधे को जन्म देते हैं। ये नए पौधे अपने जनक के समान होते हैं।
लैंगिक प्रजनन (Sexual Reproduction):
प्रजनन की वह क्रिया जिसमें दो युग्मकों के मिलने से युग्मज बनते है और इनके द्वारा नये जीव की उत्पत्ति होती है, लैंगिक जनन कहलाती है। प्रक्रिया द्वारा उत्पन्न नयी संतति में अनुवांशिक भिन्नता देखी जा सकती है। कवक में, प्रतिकूल पर्यावरणीय परिस्थितियों में लैंगिक प्रजनन अक्सर देखा जाता है। यह दो प्रकार से होता है:
1. जब दोनों प्रकार के संगम प्ररूप एक ही माइसीलियम (Mycelium) में मौजूद होते हैं, तो इसे होमोथैलिक (Homothallic) या स्वयं प्रजनन कहा जाता है;लैंगिक प्रजनन की विधि में तीन अवस्थाएँ होती हैं-
1. प्लाज्मोगैमी (Plasmogamy): इस क्रिया से दो अगुणित कोशिकाएं परस्पर मिलती हैं। जोकि द्वि केंद्रकी अवस्था की ओर अग्रसर होती हैं, जहां एक ही कोशिका में दो अगुणित केंद्रक सह-अस्तित्व में होते हैं।उपरोक्त विवरण से आप समझ ही गये होंगे की मशरूम की नई संतति किस प्रकार जन्म लेती है। हालांकि मशरूम अपना भोजन सड़े गले म्रृत कार्बनिक पदार्थों से प्राप्त करते हैं, फिर भी उसे मनुष्यों द्वारा बड़े चाव से खाया जाता है।
संदर्भ:
1. https://courses.lumenlearning.com/boundless-biology/chapter/characteristics-of-fungi/© - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.