क्या कभी सूंघने की क्षमता भी खो सकती है?

मेरठ

 07-12-2018 12:03 PM
गंध- ख़ुशबू व इत्र

अक्सर किसी बगीचे से गुजरते समय हमें वहां के फूलों की खुशबू अपनी ओर आकर्षित करती हैं और साथ ही कहीं बन रहे भोजन की खुशबू आते ही हमें भी भूख लगने लग जाती है। लेकिन सोचिए यदि हमारी गंध को महसूस करने की शक्ति में कोई विकार आ जाए तो हमारा जीवन कैसा हो जाएगा। हमारे द्वारा गैस रिसाव, खराब भोजन और आग जैसे खतरों को भी महसूस करने में परेशानी होने लगेगी। वहीं अब सवाल उठता है कि क्या सच में गंध में कोई विकार होता है? जी हां कई कारणों से हमारी गंध में विकार होने लगता है।

उत्तरी अमेरिका में एक से दो प्रतिशत लोग गंध को महसूस न कर पाने की समस्या का सामना करते हैं। गंध को महसूस न कर पाने की समस्या बढ़ती उम्र के साथ बढ़ जाती है और औरतों की तुलना में पुरुषों में ज्यादा देखने को मिलती है। एक अध्ययन के मुताबिक लगभग एक चौथाई 60-69 उम्र के पुरुषों में और 11 प्रतिशत महिलाओं में गंध विकार की समस्या पायी गयी। वहीं जिन लोगों ने गंध विकार की समस्या बताई है, उन्होंने अपने स्वाद में भी समस्या का अनुभव किया है।

वहीं हमारी गंध महसूस करने की क्षमता हमारे विशेष संवेदी कोशिकाओं से आती है, जिसे घर्षण संवेदी न्यूरॉन्स कहा जाता है, जो नाक के अंदर ऊतक के एक छोटे भाग में पाई जाती हैं। ये कोशिकाएं सीधे मस्तिष्क से जुड़ी होती हैं और प्रत्येक घर्षण न्यूरॉन में एक गंध प्रापक मौजूद होता है। हमारे आस-पास के सूक्ष्मदर्शी अणु इन प्रापक को उत्तेजित करते हैं। जब न्यूरॉन इन अणुओं को भांप लेता है, तो ये मस्तिष्क में संदेश भेजता है जो इस गंध को पहचान लेता है। गंध घ्राण संवेदी न्यूरॉन्स तक दो रास्तों से जाती है, एक हमारी नाक से और दूसरी कंठ के पृष्ठ को नाक से जोड़ने वाली प्रणाली से जाती है। इसलिए सर्दी या बुखार में जब आप खाना खाते हैं तो उसके स्वाद का पता नहीं लगा पाते हैं। घ्राण संवेदी न्यूरॉन्स के बिना कॉफ़ी या संतरे जैसे परिचित स्वादों को अलग करना मुश्किल होता है।

गंध विकार से ग्रस्त लोगों को गंध को समझने और उसमें अंतर करने की क्षमता में कमी होने लगती है। कुछ विकार इस प्रकार हैं :-

1. हाइपोस्मिया (Hyposmia):
गंध का पता लगाने की क्षमता में कमी।

2. एनोस्मिया (Anosmia):
गंध का पता लगाने में पूरी तरह से अक्षम हो जाना। ऐसे काफी दुर्लभ मामले आते हैं, वहीं जन्म से ही गंध को ना महसूस करने वाले को जन्मजात एनोस्मिया नामक स्थिति कहते हैं।

3. परोस्मिया (Parosmia):
इसमें सामान्य धारणा में बदलाव आ जाता है, जैसे परिचित गंध अपरिचित लगने लगती है और सुगंधित गंध खराब गंध लगने लगती है।

4. फैंटोस्मिया (Phantosmia):
उस गंध का महसूस होना जो कि वहां है ही नहीं।

निम्नलिखित स्वाद और गंध विकार के सबसे सामान्य कारण हैं:
• उम्र बढ़ने से
• साइनस और अन्य ऊपरी श्वसन संक्रमण से
• धूम्रपान से
• नाक छिद्रों में वृद्धि से
• सिर पर चोट लगने से
• हार्मोन में गड़बड़ी से
• दंत की समस्याओं से
• कीटनाशकों और द्रावकों के संपर्क में आने से
• एंटीबायोटिक दवाओं और एंटीथिस्टेमाइंस के उपयोग से
• सिर और गर्दन के कैंसर के उपचार के लिए विकिरण के जोखिम से
• ऐसी स्थिति जो तंत्रिका तंत्र (the nervous system) को प्रभावित करती हैं, जैसे पार्किंसंस रोग या अल्जाइमर रोग।

गंध विकार का इलाज ओटोलरैंगोलोजिस्ट (otolaryngologist) डॉक्टरों द्वारा किया जाता है। डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने गंध विकार का विस्तार और स्वरूप जानने के लिए कई परीक्षण बनाए हैं। एक आसानी से प्रशासित "सक्रेच और स्नीफ" (Scratch and sniff) परीक्षण, जिसमें एक कागज का टुकड़ा दिया जाता है और उसे खरोंच कर सुंघने और सारी सूची से प्रत्येक गंध को पहचानने के लिए कहा जाता है। इस से डॉक्टर आसानी से निर्धारित कर सकते हैं कि मरीजों में हाइपोस्पिया, एनोस्मिया आदि में से कौन सा गंध विकार है।

गंध विकार हमारे लिए घातक सिद्ध हो सकता है, क्योंकि गंध से हम कई खतरों को महसूस कर सकते हैं और साथ ही गंध विकार से कई लोग ज्यादा खाना खाने लगते हैं तो कई खाने में रुचि ना आने से कम खाने लगते हैं। साथ ही ये अन्य कई बीमारियों का कारण भी बन सकता है, जैसे कि मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कुपोषण, पार्किंसंस रोग, अल्जाइमर रोग, आदि।

संदर्भ:
1.https://www.nidcd.nih.gov/health/smell-disorders
2.https://www.medicinenet.com/smell_disorders/article.htm#what_research_is_being_done

RECENT POST

  • अपने युग से कहीं आगे थी विंध्य नवपाषाण संस्कृति
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:28 AM


  • चोपता में देखने को मिलती है प्राकृतिक सुंदरता एवं आध्यात्मिकता का अनोखा समावेश
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:29 AM


  • आइए जानें, क़ुतुब मीनार में पाए जाने वाले विभिन्न भाषाओं के शिलालेखों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:22 AM


  • जानें, बेतवा और यमुना नदियों के संगम पर स्थित, हमीरपुर शहर के बारे में
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:31 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस के मौके पर दौरा करें, हार्वर्ड विश्वविद्यालय का
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:30 AM


  • जानिए, कौन से जानवर, अपने बच्चों के लिए, बनते हैं बेहतरीन शिक्षक
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, उदासियों के ज़रिए, कैसे फैलाया, गुरु नानक ने प्रेम, करुणा और सच्चाई का संदेश
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:27 AM


  • जानें कैसे, शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के बीच अंतर को पाटने का प्रयास चल रहा है
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:20 AM


  • जानिए क्यों, मेरठ में गन्ने से निकला बगास, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए है अहम
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:22 AM


  • हमारे सौर मंडल में, एक बौने ग्रह के रूप में, प्लूटो का क्या है महत्त्व ?
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:29 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id