मानव के विषय में अक्सर यह कहा जाता है की वह एक सामाजिक प्राणी है। यदि ध्यान लगाया जाए तो पशुओं और मनवों में काफी समानताएं देखी जा सकती हैं। आज हम आपके सामने दो विडियो के माध्यम से एक ऐसा ही नज़ारा प्रस्तुत करने जा रहे हैं।
ऊपर दिए गए विडियो की शुरुआत होती है एक बाघिन से जो कि अपने 10 दिन की उम्र के शिशु को चाटती हुई नज़र आती है। अधिकतर छोटे शिशु शुरुआती 6 हफ्ते तक बिना उजाला देखे अपनी गुफा में ही छिपे रहते हैं, इसलिए कहा जा सकता है कि विडियो में दिखाए गए शिशु काफी असामान्य गतिविधि कर रहे हैं। अभी इनकी आँखें भी ढंग से नहीं खुली हैं इसलिए ये ठीक से देख भी नहीं सकते। इन्हें इधर से उधर ले जाने के लिए इनकी माँ इन्हें गले से अपने जबड़े में दबोचती है। परन्तु इसके लिए काफी सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है क्योंकि इनका जबड़ा करीब 500 किलो की क्षमता के साथ काट सकता है और बच्चों के गले अभी भी काफी नाज़ुक हैं।
अधिकतर बाघ एक बार में दो से तीन बच्चों को जन्म देते हैं क्योंकि इससे अधिक मात्रा में उन्हें संभालना काफी मुश्किल हो जाता है जैसा की आप विडियो में देख सकते हैं। विडियो देखकर यह प्रतीत होता है की यह बाघिन बेशक एक बेहतरीन माँ साबित होगी परन्तु इसे अभी भी काफी कुछ सीखना बाकी है।
बच्चों का शिकार प्रशिक्षण:
ऊपर दिया गए विडियो में हम देख सकते हैं कि बच्चे अब बड़े हो चुके हैं और शिकार करने के लिए तैयार हैं। माँ को एक हिरण नज़र आता है। परन्तु एक बच्चा मूर्खता में दहाड़ लगाने की कोशिश कर बैठता है। हिरण को तुरंत आभास हो जाता है कि कुछ गड़बड़ चल रही है। माँ बच्चे को गुस्से में देखती है और बच्चे को शिकार का पहला सबक मिल जाता है। अब वे चुपचाप बैठकर अपनी माँ को शिकार करते देखते हैं। बाघिन रास्ता बदल बदलकर शिकार की और बढ़ती है। कैमरा ऑपरेटर (Camera Operator) के हाथी से सिर्फ 2 मीटर की दूरी पर वह अपने शिकार को दबोच लेती है। बाघ भी तेंदुओं की भाँती कई बार अपने शिकार को खाने से पहले उनके शरीर से सभी बाल हटाते हैं। बच्चे अपनी माँ को देख, यह भी तुरंत सीख जाते हैं।
तो इंतज़ार किस बात का, तुरंत विडियो पर क्लीक कीजिये और बनाइये इस रविवार को और भी रोमांचक।
1.https://www.youtube.com/watch?v=kXmqwRj0o4E
2.https://www.youtube.com/watch?v=5ThQLGbt8bM
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