जब भी खुद को हम शीशे में देखते हैं तो यह सवाल मन में आता है कि हमारा शरीर आखिर किससे बना है? तो हम आपको बताते हैं, कि मानव शरीर असंख्य छोटी-छोटी इकाईयों से मिलकर बना होता है, जिन्हें कोशिका कहा जाता है। कोशिकाएं हमारे शरीर की मूल इकाई होती हैं। प्रत्येक मानव मूल रूप से 10 खरब (ट्रिलियन/Trillion) कोशिकाओं की एक अनूठी संरचना है, जिसे मानव माइक्रोस्कोप (Microscope) के बिना नहीं देख सकता है। अब यह प्रशन उठता है कि इन कोशिकाओं के अंदर क्या होता है और ये हमारे शरीर के लिए किस काम आती हैं?
कोशिकाएं किस प्रकार काम करती हैं इस बात को पूरी तरह समझने के लिए हम सबसे सरल कोशिका अर्थात जीवाणु कोशिका के बारे में अध्ययन कर के समझ सकते हैं। यदि हम ये समझ गए कि जीवाणु कोशिकाएं कैसे काम करती हैं, तो हमें शरीर में उपस्थित सभी कोशिकाओं को समझने में आसानी होगी। जीवाणु में एक बाहरी आवरण कोशिका झिल्ली होती है, और उस झिल्ली के अंदर एक तरल पदार्थ कोशिकाद्रव्य पाया जाता है। कोशिकाद्रव्य लगभग 70% पानी का बना होता है तथा शेष 30% किण्वक/एंजाइम (Enzyme) नामक प्रोटीन से। जिसे कोशिकाओं द्वारा अमीनो एसिड (Amino Acid), ग्लूकोज़ (Glucose) और एटीपी जैसे छोटे अणुओं के साथ निर्मित किया जाता है। वहीं कोशिका के केंद्र में डीऑक्सीराइबो न्यूक्लिक एसिड (Deoxyribonucleic acid/डीएनए) उपस्थित रहता है।
1838 में मैथीयस श्लेइडन (Matthias Schleiden) और थियोडोर श्वान (Theodor Schwann) एक दिन रात के खाने के बाद अपने अध्ययन के बारे में बात कर रहे थे, तभी जब श्लेइडन ने पौधों की कोशिकाओं के वर्णन में केन्द्रक मौजूद होने का ज़िक्र किया तो श्वान को वे कोशिकाएं उनके द्वारा जानवरों के ऊतकों में देखी गई कोशिकाओं के समान लगी। उसके बाद श्लेइडन और श्वान ने संयुक्त रूप से कोशिका सिद्धान्त को प्रतिपादित किया। श्वान ने 1839 में पशु और पौधों की कोशिकाओं पर किताब प्रकाशित की और तीन निष्कर्षों को निम्न रूप से सारांशित किया:
• कोशिका जीवित चीजों में संरचना, शरीर विज्ञान और संगठन की इकाई है।
• कोशिका जीवों के निर्माण में एक विशिष्ट इकाई और एक खंड निर्माण के रूप में एक दोहरी अस्तित्व को बरकरार रखती है।
• स्वतंत्र कोशिकाओं के गठन द्वारा बनाई गयी कोशिकाएं, क्रिस्टल (Crystal) के गठन के समान होती है।
यद्यपि इनका सिद्धांत यह बताने में असफल रहा कि नई कोशिकाओं का निर्माण कैसे होता है, जिसे पहली बार रुडॉल्फ विर्चो (Rudolph Virchow) द्वारा बताया गया, उनके द्वारा कोशिकाओं के विभाजन से ही नई कोशिकाओं के निर्माण के बारे में बताया गया।
आधुनिक कोशिका सिद्धांत
• सभी ज्ञात जीवित चीजें कोशिकाओं से बनी होती हैं।
• कोशिकाएं सभी जीवित चीजों की संरचनात्मक और कार्यात्मक इकाई हैं।
• सभी नयी कोशिकाएं विभाजन से पूर्व मौजूदा कोशिकाओं से निर्मित होती हैं।
• कोशिकाओं में वंशानुगत सूचना होती है जो कोशिका विभाजन के दौरान एक कोशिका से दूसरी कोशिका में पारित होती है।
• सभी कोशिकाएं मूल रूप से रासायनिक संरचना में समान होती हैं।
• जीवन के सभी ऊर्जा प्रवाह (चयापचय और जैव रसायन) कोशिकाओं के भीतर होते हैं।
आविष्कार एवं अनुसंधान का इतिहास
1595 – जेन्सन (Jansen) ने पहले संयुक्त माइक्रोस्कोप का आविष्कार किया।
1655 – रॉबर्ट हूक (Robert Hooke) द्वारा बोतल की कॉर्क (cork) में ‘कोशिकाओं’ का वर्णन किया गया।
1674 – एंटोनी वैन ल्यूवेन्हॉक (Antonie Van leeuwenhoek) ने प्रोटोज़ोआ (Protozoa) की खोज की और इसके 9 साल बाद उन्होंने जीवाणु पर अध्ययन किया।
1833 – ब्राउन (Brown) ने आर्किड (Orchid) की कोशिकाओं में कोशिका नाभिक का वर्णन किया।
1838 – श्लेइडन और श्वान ने कोशिका सिद्धांत प्रस्तावित किया।
1840 – अल्ब्रेक्ट वॉन रोलिकर (Albrecht Von Roelliker) ने पाया कि शुक्राणु और अंडे भी कोशिकाएं हैं।
1856 – एन. प्रिंगशाइम (N. Pringsheim) ने देखा कि एक शुक्राणु कोशिका कैसे एक अंडे की कोशिका में प्रवेश करती है।
1857 – कोलिकर (Kolliker) द्वारा माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria) का वर्णन किया गया।
1858 – रुडॉल्फ विर्चो द्वारा बताया गया कि पुरानी कोशिकाओं के विभाजन से ही नई कोशिकाओं का निर्माण होता है।
1879 – फ्लैमिंग (Flemming) ने समसूत्रण के दौरान गुणसूत्र के व्यवहार का वर्णन किया।
1883 – आनुवंशिकता के गुणसूत्र सिद्धांत के अनुसार रोगाणु कोशिकाएं अगुणित होती हैं।
1898 – गोल्गी (Golgi) ने गोल्गी तंत्र का वर्णन किया।
1938 – बेहरेन्स (Behrens) ने अपकेंद्रित्र का इस्तेमाल कोशिकाद्रव्य से केन्द्रक को अलग करने में किया।
1939 – सीमेंस (Siemens) ने पहला वाणिज्यिक ट्रांसमिशन इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप (Transmission electron microscope) बनाया।
1952 – गे (Gey) और सहकर्मियों ने एक निरंतर मानव कोशिका रेखा की स्थापना की।
1955 – ईगल (Eagle) ने व्यवस्थित रूप से कोशिकाओं की वृद्धि में पशु कोशिकाओं की पोषण संबंधी आवश्यकताओं को परिभाषित किया।
1965 – हैम (Ham) द्वारा एक परिभाषित सीरम (Serum) मुक्त माध्यम पेश किया गया। कैम्ब्रिज इंस्ट्रूमेंट्स (Cambridge Instruments) ने पहला वाणिज्यिक स्कैनिंग इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप (Scanning electron microscope) बनाया।
1976 – सैतो (Sato) और सहयोगियों ने पत्रों में प्रकाशित किया कि विभिन्न कोशिकाओं की रेखाओं को सीरम मुक्त माध्यम में हार्मोन (Harmones) के विभिन्न मिश्रण और विकास कारकों की आवश्यकता होती है।
1981 – ट्रांसजेनिक (Transgenic) चूहों और फल मक्खियों का उत्पादन हुआ। चूहे के भ्रूण स्टेम (Stem) कोशिका रेखा की स्थापना की गयी।
1995 – सियेन (Tsien) ने जी.एफ.पी. के उत्परिवर्ती के साथ बढ़े हुए वर्णक्रमीय गुणों की पहचान की।
1998 – चूहों को दैहिक कोशिकाओं से प्रतिरूप किया गया।
1999 – हैमिल्टन (Hamilton) और बाउलकोम्ब (Baulcombe) ने पौधों में पोस्ट-ट्रांसक्रिप्शन जीन साइलेंसिंग (PTGS/Post-transcriptional gene silencing) के रूप में एसआईआरएनए (siRNA) की खोज की।
संदर्भ:
1.https://science.howstuffworks.com/life/cellular-microscopic/cell.htm
2.https://science.howstuffworks.com/life/cellular-microscopic/cell1.htm
3.https://science.howstuffworks.com/life/cellular-microscopic/cell2.htm
4.https://bitesizebio.com/166/history-of-cell-biology/
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