म्यांमार की कालागा कढ़ाई हो सकती है रामपुर के लिए फायदेमंद

मेरठ

 22-11-2018 12:38 PM
स्पर्शः रचना व कपड़े

एक वस्त्र उद्योग क्षेत्र होने के नाते रामपुर में वस्त्रों की विभिन्नता देखने को मिलती है। जिसमें हस्तनिर्मित एवं मशीन निर्मित वस्त्र शामिल हैं। जहाँ एक ओर मशीन निर्मित वस्त्र अधिक मात्रा में कम समय में बनाये जा सकते हैं, वहीं दूसरी ओर हस्तनिर्मित वस्त्रों में हर वस्त्र की अपनी एक अलग पहचान होती है तथा उनकी गुणवत्ता भी मशीन निर्मित वस्त्रों से अधिक होती है। रामपुर के हस्तनिर्मित वस्त्रों को एक नया स्वरूप देने तथा आकर्षक बनाने के लिए यहाँ के कारीगर विभिन्न विश्वव्यापी हस्तनिर्मित वस्त्र तकनिकों का अध्ययन कर सकते हैं, जिनमें से एक है म्यांमार में प्रचलित कालागा (Kalaga) कढ़ाई, जो कि ज़रदोज़ी कढ़ाई का एक स्वरूप है।

‘कालागा’ म्यांमार (बर्मा) की एक टेपेस्ट्री (Tapestry, ऐसी कढ़ाई जिसमें चित्र शामिल हों) कढ़ाई का पारंपरिक नाम है। इनका मूल म्यांमार की ‘श्वे ची टो’ (Shwe Chi Toe) तकनीक में है जिसमें धागे के रूप में सोने के धागे का इस्तेमाल किया जाता था और सजावट के लिए जवाहरात का। कालागा तकनीक म्यांमार में बागान (Bagan) युग के दौरान जन्म लेने वाली दस ‘पैन सेह म्यो’ (Pan Seh Myo) या परंपरागत कला रूपों में से एक के रूप में उभरी थी। कालागा तकनीकों का इस्तेमाल पहले शाही परिवार द्वारा मंदिरों और पोशाक को सजाने के लिए किया जाता था। वहीं आज मैंडेले (म्यांमार की सांस्कृतिक राजधानी) में 50 से अधिक टेपेस्ट्री कार्यशालाएं और कालागा उत्पादन के पारंपरिक केंद्र मौजूद हैं।

कालागा टेपेस्ट्री आमतौर पर एक छोटे समूह के साथ ज़मीन पर बैठकर क्षैतिज लकड़ी के ढ़ांचे पर ज्यादातर रेशम और मखमल के कपड़े पर की जाती है। कपड़े को ढ़ांचे में कसकर बांधा जाता है, ताकि ये एप्लिक (Applique) और कढ़ाई के लिए चित्रफलक का काम कर सके। यह ढांचा कपड़े के नीचे की ओर आसानी से पहुंचने में मदद करता है। इसमें डिज़ाइन (Design) को पहले चाक (Chalk) की मदद से कपड़े पर बनाया जाता है। ये डिज़ाइन या तो परंपरागत हो सकते हैं जैसे, बर्मा के ब्रह्माण्ड विज्ञान, लोकगीत और कविता (जैसे कि जातक और रामायण) पर आधारित, या आधुनिक, समकालीन रूपों (जैसे हाथी) के अनुरूप होते हैं। रामपुर के कारीगरों के लिए यह तकनीक जानना इसलिए फायदेमंद हो सकता है क्योंकि इसमें प्रयोग होने वाले चित्रों जैसे जातक कथाओं और रामायण से रामपुर निवासी पहले ही वाकिफ़ हैं।

अंत में इसमें मोती और चमकीले कांच, कांच के पत्थरों और मोतियों की मोटी परत को सोने और चांदी के धागे की मदद से सिला जाता है। वहीं कुछ चित्रों में त्रि-आयामी दृश्य को दिखाने के लिए सावधानी पूर्वक रुई डाली जाती है। इसका उदाहरण नीचे दिए गए वीडियो में है, जिसमें कालागा टेपेस्ट्री से डिज़ाइन किए गए कपड़े दिखाए गये हैं। कुछ महिलाएं जो एक समूह में ज़मीन पर बैठकर कपड़े पर कालागा डिजाइन का निर्माण कर रही हैं और उनके द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली सारी प्रक्रियाओं को बारीकी से दर्शाया गया है:


अधिकांश कालागा आमतौर पर अच्छे फ्रेम (Frame) पर लगाकर लटकाए जाते हैं, लेकिन इन्हें कांच के नीचे नहीं लगाया जाता, क्योंकि उससे उसके विस्तार और बनावट की पूरी तरह से सराहना नहीं की जा सकती। उन्हें फ्रेम के बिना भी लटकाया जा सकता है। इसका इस्तेमाल सिर्फ वॉल हैंगिंग (Wall hanging) के लिए ही नहीं वरन् कमरे के विभाजन के रूप में और यहां तक कि ताबूत कवर (Cover) के रूप में भी किया जाता है।

संदर्भ:
1.
https://www.thetextileatlas.com/craft-stories/kalaga-tapestry-myanmar
2.http://www.siamtraders.com/html/burma/kalaga.html
3.https://feltmagnet.com/misc/kalagas-burmese-bead-embroidered-tapestries

RECENT POST

  • आइए जानें, उदासियों के ज़रिए, कैसे फैलाया, गुरु नानक ने प्रेम, करुणा और सच्चाई का संदेश
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:27 AM


  • जानें कैसे, शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के बीच अंतर को पाटने का प्रयास चल रहा है
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:20 AM


  • जानिए क्यों, मेरठ में गन्ने से निकला बगास, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए है अहम
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:22 AM


  • हमारे सौर मंडल में, एक बौने ग्रह के रूप में, प्लूटो का क्या है महत्त्व ?
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:29 AM


  • आइए जानें, यूपी बोर्ड से लेकर आई बी तक, कौन सा विकल्प है छात्रों के लिए बेहतरीन अवसर?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     11-11-2024 09:35 AM


  • आइए, आनंद लें, काबुकी नाट्य कला से संबंधित कुछ चलचित्रों का
    द्रिश्य 2- अभिनय कला

     10-11-2024 09:32 AM


  • एक प्रमुख व्यावसायिक फ़सल के रूप में, भारत में उज्जवल है भविष्य, गन्ने का
    साग-सब्जियाँ

     09-11-2024 09:30 AM


  • पारिस्थितिकी तंत्र के लिए, अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, 'रामसर सूची' में नामित आर्द्रभूमियाँ
    जंगल

     08-11-2024 09:26 AM


  • प्रोटॉन बीम थेरेपी व ट्रूबीम थेरेपी हैं, आधुनिक कैंसर उपचारों के नाम
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     07-11-2024 09:23 AM


  • आइए जानें, धरती पर क्या कारनामे कर रहा है, प्लूटोनियम
    खनिज

     06-11-2024 09:15 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id