हम सभी पक्षियों को हर मौसम उड़ते हुए देखते हैं लेकिन हम पक्षियों की उड़ान के बारे में कभी नहीं जान पाते हैं। हम इस बात का पता नहीं लगा पाते हैं जो पक्षी हमारे घरों के ऊपर से उड़कर जा रहे हैं वे अपनी सामान्य दिनचर्या के लिये चक्कर काट रहे हैं या भोजन की तलाश में एक स्थान को छोड़ नये की खोज में यात्रा कर रहे हैं। पक्षियों की सामान्य और प्रवास यात्रा के दौरान गति काफी अलग-अलग होती है। यह हम सभी जानते हैं सभी पक्षियों की उड़ान की गति अलग-अलग होती है। उनकी गति को कई कारक प्रभावित करते हैं।
पक्षियों की सामान्य गति और प्रवास गति में काफी अंतर होता है। सामान्य गति की अपेक्षा प्रवास की गति अधिक होती है। इन दोनों गतियों में होने वाले अंतर को अच्छे से समझा जा सकता है। प्रवास यात्रा के दौरान पक्षी को निश्चित समय के भीतर निश्चित दूरी तय करनी होती है, इसके लिये उसे मार्ग में आने वाले कई चुनौतियों से होकर गुजरना होता है। प्रवास यात्रा के दौरान मौसम की मार, दुश्मन, मार्ग की दूरी, भोजन और विश्राम आदि कारक उनकी गति को प्रभावित करते हैं। उड़ान के दौरान पक्षियों को अपने वज़न को हवा में संभाले रखने, अपने शरीर के घर्षण को निरस्त करने, पंखों को फड़फड़ाने तथा शारारिक क्रियाएं जैसे उपापचयन, रक्त संचरण और फेफड़ा संवातन आदि में काफ़ी ऊर्जा की ज़रूरत होती है।
इन सभी कारकों पर ही उड़ान की गति निर्भर करती है। दूसरे शब्दों में कहें तो पक्षियों का वज़न, उनके पंखों का विस्तार भी उनकी गति को प्रभावित करता है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि जो पक्षी जितना हल्का होगा उसके पंखों का विस्तार भी उतना ही अधिक और उसकी गति भी उतनी ही अधिक होगी। प्रकृति ने पक्षियों को विशेष गुण दिये हैं जिनसे वे प्रत्येक प्राकृतिक साधनों का समुचित उपयोग कर सकते हैं। पक्षी दिन में गर्मी के कारण पड़ने वाले गर्मी के झोकों का भी बेहतर तरीके से उपयोग करते हैं।
दिन के वक़्त ज़मीन के एक समान न होने पर वायु के झोंके बुलबुलों की तरह एक-दो कि.मी. ऊपर उठ जाते हैं और पंक्षी भी इनके साथ ऊपर उठ जाते हैं और एक झोंके से दूसरे झोंके में तैरते हुए काफी दूरी तय कर लेते हैं। इस प्रकार कम ऊर्जा खर्च कर ये लम्बी दूरी तय करते हैं। पक्षी लम्बी दूरी तय करते वक़्त यात्रा के दौरान खर्च होने वाली वसा को जमा कर लेते हैं। प्रवासी पक्षी लम्बी दूरी के दौरान इन सब चीज़ो का ख्याल रखते हैं।
आईये कुछ पक्षियों की प्रवास यात्रा और सामान्य यात्रा के दौरान गति देखते हैं।
संदर्भ:
1.https://stanford.io/2QFm7e1
2.https://khabar.ndtv.com/news/faith/navratri-2018-importance-of-jau-or-jwara-pujan-1930872
3.https://www.patrika.com/lucknow-news/navratri-vrat-and-jau-pujan-vidhi-1264907/
4.https://www.quora.com/How-many-Navratri-comes-in-a-year
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