भारतियों के सबसे बड़े त्यौहारों में से एक दिवाली जल्द ही आने वाली है और दिवाली के साथ ही घरों में पटाखों और मिठाईयों की एक कतार सी लग जाती है। लेकिन आज कल हर चीज़ इतनी उत्साह पूर्वक नहीं होती, क्योंकि कई चीजों में मिलावट होने लगी है। समय के साथ-साथ हर साल मिठाईयों में मिलावट भी बढ़ती जा रही है। इसमें सबसे पहले जानने वाली बात यह है कि दुकानदार ऐसा क्यों करते हैं? और इससे आप अपने परिवार के सदस्यों को सुरक्षित कैसे रख सकते हैं।
दिवाली पर ही बाज़ार में मिठाईयों की सबसे ज्यादा खपत होती है, भले ही ब्रांडेड गिफ्ट पैक (Branded Gift Pack) इस मिठाई की जगह ले चुके हों, लेकिन बहुत बड़े सामाजिक वर्ग में अभी भी खुली मिठाई का चलन है। जिसके कारण लोभी दुकानदार कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए मिठाईयों में मिलावट करते हैं। ऐसे ही मेरठ की सरधना तहसील में मिठाईयों की मिलावट का धंधा काफी तेजी से पनप रहा है। ये मिलावटी मिठाई शुद्ध मिठाई के मुकाबले तीन गुना तक सस्ती होती हैं। रसगुल्ला और मिल्क केक थोक में लगभग 75 रुपये, सोनपापड़ी लगभग 60 रुपये और मावा मात्र 100 रुपये किलो में सप्लाई किया जाता है। जिस कारण मेरठ के अलावा आस-पास के जिलों और दिल्ली में भी इसकी काफी मांग है। हरियाणा में भी यहां से तैयार मिठाई और मावा को सप्लाई किया जाता है।
वे मिठाईयाँ जिनमें सबसे ज्यादा मिलावट की जाती है:
1. खोये की बर्फी
अधिकांश मिठाईयाँ खोये से बनती हैं और इसलिए खोये में सबसे ज्यादा मिलावट की जाती है। ऐसा माना जाता है कि कुछ लोभी विक्रेता इसकी मात्रा बढ़ाने के लिए इसमें गेहूं या चावल के आटे को मिला देते हैं। यदि आप भले ही घर में खोये से मिठाई बना रहें हो, तो पहले इसकी शुद्धता की जांच करें।
2. मोतीचूर के लड्डू
अधिकांश उपभोक्ता अच्छे स्वाद और रंग की मिठाईयाँ लेना पसंद करते हैं। यही कारण है कि विक्रेता उज्ज्वल और हानिकारक रंगों का उपयोग करते हैं। ये रंग कम महंगे, अधिक स्थिर और लंबे समय तक चलने वाले होते हैं और उत्पाद को आकर्षक और चमकदार रंग देते हैं। इसलिए मोतिचूर लड्डू को विश्वसनीय विक्रेताओं से ही खरीदना चाहिए।
3. काजू कतली
काजू कतली में चांदी का वरक़, इसे लोकप्रिय पारंपरिक मिठाई बनाता है। भारतीय नियमों के अनुसार, अगर खाद्य पदार्थ के रूप में चांदी का उपयोग किया जाता है तो चांदी 99.9% शुद्ध होनी चाहिए। हालांकि, चांदी एक महंगी धातु है तो विक्रेता इसके बदले पतले एल्यूमीनियम फोइल (Aluminium Foil) का उपयोग करते हैं जो चांदी के वरक़ की तरह दिखती है।
4. काजू पिस्ता रोल
यदि आपको लगता है कि आप वास्तविक पिस्ता और काजू का उपयोग करके मिठाई खा रहे हैं, तो आप गलत सोच रहे हैं। मिठाइयों में असली मेवा का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, उसमें ज्यादातर कृत्रिम या बनावटी फ्लेवर का इस्तेमाल किया जाता है। चूंकि पिस्ता और काजु काफी महंगे होते हैं, इसलिए विक्रेता लागत में कटौती करने और मिठाई को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए इनका इस्तेमाल करते है।
5. पनीर बर्फी
पनीर बर्फी बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले पनीर में दूध के स्थान पर अत्यधिक कॉर्न स्टार्च (Corn Starch) का इस्तेमाल किया जाता है। कुछ मामलों में, हानिकारक रसायनों और यूरिया को भी मिश्रित किया जाता है। इसलिए इसे किसी विश्वसनीय विक्रेता से खरीदना या घर में बनाना उचित रहेगा।
मिठाई (या उनकी कच्ची सामग्री) में मिलावट का पता लगाने के लिए कुछ वैज्ञानिक तरीके:
कैसे मिश्रित दूध का पता लगाया जा सकता है?
I. पानी :- दूध की कुछ बूंदें लें और उन्हें एक पतली, चिकनी सतह पर रखें। शुद्ध दूध धीरे-धीरे एक निशान पीछे की ओर छोड़ते हुए गिरेगा, जबकि मिश्रित दूध बहुत तेजी से बिना निशान छोड़े तेजी से गिर जाएगा।
II. यूरिया :- मिलावट करने में सबसे ज्यादा उपयोग की जाने वाली वस्तु यूरिया है। एक कप में दो चम्मच दूध लें और दूध में एक चम्मच सोया पाउडर या तुअर दाल पाउडर मिलाएं, और पूरी तरह मिश्रित होने तक हिलाएं। फिर इसमें लिटमस पेपर (Litmus Paper) डालें। यदि पेपर लाल से नीले रंग में बदल जाता है, तो दूध में यूरिया की उपस्थिति को इंगित किया जा सकता है।
III. डिटर्जेंट :- थोड़े से दूध को एक बोतल में लें और उसे जोर से हिलाएं, यदि इसमें झाग बनता है तो इसमें डिटर्जेंट मिश्रित है। यदि ऐसा होता है तो स्थानीय एफ.डी.ए. में इसकी शिकायत करें।
कैसे मिश्रित मावा की जांच कर सकते हैं?
स्टार्च: थोड़े से मावे को उबालें, फिर उसे ठंडा होने दें, उसके बाद इसमें आयोडीन की कुछ बूंदें डालें। यदि यह नीला रंग का हो जाता है, तो यह नीला रंग स्टार्च की उपस्थिति को इंगित करता है।
एक सरल उपाय से भी आप इसका पता लगा सकते हैं। थोड़ा सा खोया लें और उसे हाथ में रगड़ें। यदि वो हाथ में चिकनाई छोड़ता और थोड़ा सा मीठा स्वाद देता है, तभी उसे खरीदें।
कैसे करें वरक़ की जांच?
शुद्ध वरक़ मिठाई की सतह पर असानी से फैल जाता है। इसकी पुष्टि करने के लिए अपनी उंगलियों के बीच इसे थोड़ा सा रगड़ें, यदि वह घुल जाता है तो वह शुद्ध है अन्यथा यदि वह दाने के रूप में घूमने लगता है तो वह एल्यूमीनियम है।
कैसे मिलावटी घी का पता लगाया जा सकता है?
घी में थोड़ी सी चीनी और थोड़ा हाइड्रोक्लोरिक एसिड (Hydrochloric Acid) मिलाएं। यदि ये गहरा लाल रंग का हो जाता है तो यह शुद्ध नहीं है।
संदर्भ:
1.https://food.ndtv.com/food-drinks/diwali-2017-5-diwali-sweets-that-may-be-adulterated-1762668
2.https://fit.thequint.com/health-news/enjoy-mawa-and-mithai-without-milawat-this-diwali-adulteration-vark-milk-fda-ghee-sweets-2
3.https://www.amarujala.com/uttar-pradesh/meerut/synthetic-desserts-preparation-for-deepawali-is-going-to-spoil-health?pageId=1
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