जीवों का एक आनोखा खेल, छुपन-छुपाई अर्थात अनुकरण

मेरठ

 18-10-2018 04:21 PM
तितलियाँ व कीड़े

प्रकृति में विभिन्‍न रंग रूप आकार वाले अनेक जीव उपस्थित हैं। इनमें से कई जीव ऐसे भी होते हैं जो एक दूसरे के जैसे दिखते हैं। कई तो ऐसे होते हैं जो पेड़-पौधे, फूल, पत्तियों के अनुरूप लगते हैं या उनका रूप धारण कर लेते हैं, जिसे छद्मावरण या कामौफ्लाज (Camouflage) कहा जाता है। छद्मावरण विशेषकर कीट-पतंगों द्वारा किया जाता है। इसका उपयोग वे स्‍वयं को बचाने और अपने भोजन के लिए करते हैं। छद्मावरण करने वाले जीव अपने शिकारियों और शिकार को भ्रमित करने में माहिर होते हैं। ये जीव अपने आस पास के वातावरण या अपने शिकारी को अरूचिकर लगने वाले जीव का रूप धारण कर उसके अनुसार व्‍यवहार करते हैं। परिणामस्‍वरूप शिकारी उनसे ध्‍यान हटा देता है और वे बच जाते हैं।

अनुकरण को निम्न भागों में वर्गीकृत किया गया है:

रक्षात्मक अनुकरण:- रक्षात्मक या सुरक्षात्मक अनुकरण तब किया जाता है जब जीव दुश्मनों से छुप रहा हो या धोखा देकर खतरनाक मुठभेड़ से बच रहा हो।

आक्रमक अनुकरण:- आक्रमक अनुकरण तब किया जाता है जब शिकारी जीव अपने शिकार को भ्रमित करके उस पर एकदम से प्रहार करना चाहता हो।

प्रजनन अनुकरण:- यह तब होता है जब नकल की क्रिया प्रजनन में सहायता करती है। यह भ्रामक फूलों वाले पौधों में आम है।

ऑटो-अनुकरण:- इस तरह की नकल अनुकरण का ही एक रूप है जहां जीव के शरीर का एक हिस्सा दूसरे हिस्से की भांति दिखता है। उदाहरण के लिए, कुछ सांपों की पूंछ उनके सिर की तरह होती है।

छद्मावरण या अनुकरण करने वाले जीव अनुकृत जीवों के रूप, रंग, ध्‍वनि को ग्रहण कर लेते हैं, जिसे देख कोई भी जीव आसानी से भ्रमित हो जाता है। इसके कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं:

1. डेड लीफ मेंटिस (Dead Leaf Mantis)
यह लीफ मेंटिस देखने में ऐसा लगता है कि जैसे मृत पत्तियों से ही बना हो। इसका स्वरूप मृत पत्तियों से इतना मिलता है कि ये उन्हीं का एक हिस्सा नज़र आता है। ये अपने इस स्वरूप से शिकारियों से तो बचता ही है, साथ ही अपने शिकार को भ्रम में डाल कर उन पर प्रहार करने के लिये भी तैयार रहता है। डेड लीफ तितली में भी इसी प्रकार का छद्मावरण पाया जाता है, ये भी मृत पत्तियों की भांति ही दिखती हैं।

2. लीफ कैटीडिड (Leaf katydid)
लीफ कैटीडिड का छद्मावरण इतना प्रभावी होता है कि ये पत्ते की हर बारीकी की नकल कर लेता है। लीफ कैटीडिड को अक्सर ‘बुश क्रिकेट’ (Bush Cricket) भी कहा जाता है।

3. आर्किड मेंटिस (Orchid mantis)
ये आर्किड फूल के जैसा दिखने वाला चमकदार तथा शिकारी प्रवृत्ति का है। वे अपनी नक़ल का उपयोग कर के अपने शिकार से छुपने के लिए एक फूल पंखुड़ी की नकल करता है। जब मक्खियां और अन्य परागणक जीव फूल के संपर्क में आते हैं, तो ऑर्किड मेंटिस उन पर हमला कर देता है।

4. सैंड ग्रासहॉपर (Sand Grasshopper)
इन्हें ‘टिड्डा’ भी कहा जाता है। इनका ये नाम सिर्फ रेतीले आवास के कारण ही नहीं हैं। ये अक्सर अपने रूप से रेतीले मिट्टी के अनुकूल भूरे रंग की घास के बीच फुदका करते हैं।

संदर्भ:
1.https://en.wikipedia.org/wiki/Mimicry
2.http://www.brisbaneinsects.com/brisbane_insects/Mimicry.htm
3.https://www.mnn.com/earth-matters/animals/photos/11-amazing-examples-of-insect-camouflage/blending-in#top-desktop
4.https://explorable.com/camouflage-and-mimicry

RECENT POST

  • अपने युग से कहीं आगे थी विंध्य नवपाषाण संस्कृति
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:28 AM


  • चोपता में देखने को मिलती है प्राकृतिक सुंदरता एवं आध्यात्मिकता का अनोखा समावेश
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:29 AM


  • आइए जानें, क़ुतुब मीनार में पाए जाने वाले विभिन्न भाषाओं के शिलालेखों के बारे में
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     19-11-2024 09:22 AM


  • जानें, बेतवा और यमुना नदियों के संगम पर स्थित, हमीरपुर शहर के बारे में
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:31 AM


  • आइए, अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस के मौके पर दौरा करें, हार्वर्ड विश्वविद्यालय का
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:30 AM


  • जानिए, कौन से जानवर, अपने बच्चों के लिए, बनते हैं बेहतरीन शिक्षक
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, उदासियों के ज़रिए, कैसे फैलाया, गुरु नानक ने प्रेम, करुणा और सच्चाई का संदेश
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:27 AM


  • जानें कैसे, शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के बीच अंतर को पाटने का प्रयास चल रहा है
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:20 AM


  • जानिए क्यों, मेरठ में गन्ने से निकला बगास, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए है अहम
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:22 AM


  • हमारे सौर मंडल में, एक बौने ग्रह के रूप में, प्लूटो का क्या है महत्त्व ?
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:29 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id