मेरठ दो पवित्र नदियों गंगा और यमुना के बीच बसा हुआ है और वैदिक काल से ही मानवीय क्रियाकलापों का महत्वपूर्ण केन्द्र रहा है। यहां के कोने-कोने में बसते हैं कलाकार। यहां आपको कलाकारों की विविध विधाओं का अनूठा संगम देखने को मिलेगा, वो कलाकार, जिन्होंने भगवान को आकृति दी। जी हाँ! आज जो आप पने घरों की दीवारों पर धार्मिक चित्रों के कैलेंडर लटकाते हैं, संभावना है कि उनमें से कई मेरठ के नामचीन धार्मिक चित्रकला के कलाकारों द्वारा बनाए गए हों।
धार्मिक कैलेंडर चित्रकला के रूप में जिन कलाकारों ने अपनी पहचान बनाई, वे हैं- योगेंद्र रस्तोगी, एच.आर. राजा, जे.पी. सिंघल, एस.एम. पंडित आदि जिनमें से कुछ मेरठ सरज़मीं से उभर कर आये हैं। आइए जानते हैं इन सभी की कला का एक संक्षिप्त वर्णन:
1. योगेंद्र रस्तोगी:
मेरठ के योगेंद्र रस्तोगी उत्तर भारत के सबसे प्रसिद्ध कैलेंडर चित्रकला के चित्रकारों में से एक हैं। वह हिंदू देवताओं के चित्रों के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी मृत्यु 29 अगस्त, 2015 को 76 वर्ष की आयु में हो गई। परंतु उनके द्वारा बनाई गई तस्वीर आज भी सभी घरों मे देखने को मिलती है। 76 साल के योगेंद्र सभी धर्मों की तस्वीर बनाने में निपुण थे। यही नहीं, साल 1964 में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने उन्हें प्रशस्ति पत्र और ट्रॉफी देकर सम्मानित किया था। 1963 में जब चीन युद्ध चल रहा था, तो उन्होंने एक चित्र बनाया 'लैंड टू डिफेंड'। इस चित्र के लिए उन्हें त्रिमूर्ति भवन, दिल्ली बुलाया गया, वहां पं. जवाहर लाल नेहरू ने यह चित्र 5000 रुपये में खरीदा, जो कोलोनेशन लिथोप्रेस शिवकाशी से प्रकाशित हुआ।
उन्हें बचपन से चित्रकारी का शौक था। उन्होंने 1959 में महात्मा गांधी का पहला चित्र बनाया था। शुरुआती दौर में वे ऑयल (Oil), वाटर कलर (Water Colour) और एक्रेलिक (Acrylic) माध्यम से चित्र बनाते थे। आज भी कई बड़ी कंपनियां अपने कैलेंडर में योगेंद्र की तस्वीरों का इस्तेमाल करती हैं। योगेंद्र रस्तोगी का मेरठ में बुढ़ाना गेट पुलिस चौकी के पास स्टूडियो भी था। उनकी ख्याति देश में ही नहीं वरन् विदेश में भी थी, 2005 में इंग्लैंड के गोलका बुक्स प्रकाशन में उनके चित्र छपे। इसके प्रकाशक उन्हें इंग्लैंड से दिल्ली और दिल्ली से खोजते-खोजते मेरठ आ गये थे। वे एक किताब के चित्र बनवाने के संदर्भ में रस्तोगी जी के पास आए थे।
2. एच.आर. राजा:
ये भी मेरठ के प्रसिद्ध चित्रकारों में से एक हैं। एच.आर. राजा और योगेंद्र रस्तोगी काफी लंबे समय से मित्र रहे, उन्होंने साइन पेंटर्स के रूप में मिलकर काम किया था। जब योगेंद्र रस्तोगी ने कैलेंडर कलाकार के रूप में सार्वजनिक प्रशंसा हासिल कर ली थी, उसके कुछ समय बाद उन्होंने राजा को सहायक के रूप में काम पर रख लिया, राजा ने उनके लिए पृष्ठभूमि के रंगों को तैयार किया। राजा के कामों में ज्यादातर धार्मिक डिज़ाइन (महावीर, गुरु नानक, और कृष्णा उनकी विशेषताओं में से हैं) देखने को मिलते हैं।
3. जे.पी. सिंघल:
जयंती प्रसाद सिंघल का जन्म 24 अक्टूबर 1934 को मेरठ (यूपी) में हुआ था। उनका नाम भारत में कैलेंडर आर्ट के प्रसिद्ध नामों में से एक है। लोगों के समक्ष उनका शानदार कार्य तब सामाने आया जब उन्होंने 20 वर्ष की आयु में धर्मयुग में पहली बार एक पेंटिंग की थी। इसके चार साल बाद, उनका पहला कैलेंडर प्रकाशित हुआ। उनके कैलेंडर की सफलता ने उन्हें मुंबई आने के लिए मजबूर कर दिया। और फिर उन्होंने 35 से अधिक वर्षों के लिए कैलेंडर डिज़ाइन की दुनिया पर शासन किया। वे अपने काम में उत्कृष्टता के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्तकर्ता भी रहे हैं।
राज कपूर हमेशा से जेपी सिंघल की पेंटिंग, विशेष रूप से आदिवासियों और मनमोहक सौंदर्य तराशे हुए जो पेंटिंग्स हैं, के प्रशंसक थे। यहाँ तक कि राज कपूर ने उन्हें ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ में ज़ीनत अमान को एक आदिवासी रूप देने के लिए आमंत्रित किया। कैलेंडर की दुनिया में नाम बनाने के बाद, सिंघल ने अपना ध्यान फोटोग्राफी (Photography) में स्थानांतरित किया और संजय दत्त, सनी देओल, अनिल कपूर, राज बब्बर और माधुरी दीक्षित सहित कई सितारों के फोटो को लॉन्च (Launch) किया। मकबूल फिदा हुसैन ने उन्हें फिर से पेंटिंग करने के लिए प्रेरित किया और इस बार, उन्होंने भावनात्मक कला पर अपना ध्यान केंद्रित किया। जहांगीर आर्ट गैलरी में उनकी पहली प्रदर्शनी ने एक बड़ी सफलता भी प्राप्त की थी।
4. एस.एम. पंडित:
डॉ एस.एम. पंडित (सम्बानंद मोनप्पा पंडित, 25 मार्च 1916 - 30 मार्च 1993 (कर्नाटक)) अपने समय के सबसे लोकप्रिय चित्रकारों में से एक थे। उनके अधिकांश विषय शास्त्रीय भारतीय साहित्य की घटनाओं और रामायण, महाभारत, पुराण, और उनके समय के समकालीन सिनेमा जगत पर आधारित थे। उन्होंने राधा-कृष्णा, नल-दमयन्ती, और विश्वमित्र-मेनका जैसे पात्रों के साथ-साथ हिंदी सिनेमा के कई नायकों और नायिकाओं का चित्रण भी किया था।
साथ-साथ उन्होंने कई लोकप्रिय फिल्म पोस्टर (Film Poster), फिल्म पत्रिकाएं और कई अन्य प्रकाशनों को भी चित्रित किया जो सामूहिक रूप से कैलेंडर कला के रूप में ही माना जाता है। आज भी उनके काम बेहद लोकप्रिय हैं। उनकी पौराणिक चित्रकला और हिंदू पौराणिक कथाओं के विषयों के यथार्थवादी चित्रण के लिए उन्हें भारतीय कैलेंडर वर्ल्ड में भी व्यापक रूप से माना जाता है।
संदर्भ:
1.https://en.wikipedia.org/wiki/Yogendra_Rastogi
2.https://www.bhaskar.com/uttar-pradesh/meerut/news/up-meer-famous-calendar-art-painter-yogendra-rastogi-died-in-meerut-5101689-pho.html
3.http://adhan-anhad.blogspot.com/2011/09/blog-post_9816.html
4.https://sites.google.com/site/javedhashmi786/biography
5.https://goo.gl/ow7nAV
6.http://jpsinghal.com/jpsinghal.html
7.https://www.indiapages.in/jp-singhal-remembered-7277.html
8.https://en.wikipedia.org/wiki/S._M._Pandit
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