 
                                            समय - सीमा 276
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                                            भगवान की बनाई हुई इस सृष्टि में कई अद्भुत रचनाएं शामिल हैं। जिनमें सबसे अद्भुत रचनाएं जीवित चीजें (जानवर, मानव और पौधे) हैं। इन सबको जीवित रहने के लिए खाने के साथ-साथ पानी की अधिक आवश्यकता होती है। जैसे मनुष्य और जानवर को गर्मी में अधिक प्यास लगती है वैसे ही पेड़-पौधों को भी गर्मी में अधिक प्यास लगती है। हालांकि, पौधों को कई जीवित चीजों की तुलना में अधिक पानी की आवश्यकता होती है, क्योंकि उनमें लगभग 90% पानी होता है, जिसमें से 80-95% तक पानी पौधों के प्रोटोप्लाज्म (Protoplasm) में उपस्थित होता है।
यदि पौधों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है तो वे सिकुड़ने लग जाते हैं, जो कि तब होता है जब कोशिकाओं में कम पानी के परिणामस्वरूप कोशिकाओं में उपस्थित टर्गर (Turgor) का दबाव कम होने लगता है। पानी पौधे के तने के माध्यम से उसकी पत्तियों में प्रवेश करता है। वैसे तो हम जान चुकें हैं कि पौधे अधिकतम पानी से ही बने होते हैं, लेकिन इसके अतिरिक्त उन्हें पानी निम्न गतिविधियों को करने के लिए भी चाहिए होता है।
अंकुरण :-
अंकुरण वो गतिविधि है जिसमें बीज का पौधे में रूपांतरण होता है। बीज के एंजाइमों (Enzymes) को सक्रिय करने के लिए पानी की आवश्यकता होती है जो अंकुरण प्रक्रिया को व्यवस्थित करती है। अवशोषित पानी बीज को नरम बनाता है और बीज से पौधे को बाहर आने की मदद करता है।
प्रकाश संश्लेषण :-
पौधों को पानी की आवश्यकता सिर्फ खुद को मज़बूत बनाने के लिए नहीं होती है। इसे प्रकाश संश्लेषण के लिए भी पानी की अवश्यकता होती है। प्रकाश संश्लेषण पौधे के विकास के लिए प्रकाश ऊर्जा, कार्बन डाइऑक्साइड और पानी के संयोजन से पौधे के लिए भोजन बनाता है।
पोषक स्थानांतरण :-
मिट्टी से पोषक तत्वों को जड़ों तक स्थानांतरित करने के लिए पानी एक आवश्यक संवाहक है। इसके बिना, मिट्टी के पोषक तत्वों को पौधों द्वारा अवशोषित नहीं किया जा सकता।
वाष्पोत्सर्जन :-
मिट्टी से जिस जल का अवशोषण पौधे करते हैं, उसके केवल थोड़े से अंश का ही पौधे के शरीर में उपयोग होता है, शेष जल को वे वाष्प के रूप में शरीर से बाहर निकाल देते हैं। जो उसे हवा से कार्बन डाइऑक्साइड का सेवन और ठंडा करने में मदद करता है।
यदि आप शुष्क जगह में सूखे मटर गेहूं के बीज को एक अनिश्चित काल तक एक पैकेट में रखते हैं तो इन परिस्थितियों में न तो मटर और न ही गेहूं के अनाज अंकुरित होंगे। वहीं यदि आप इन्हें मिट्टी में उगाते हैं तो ये अंकुरित हो जाएंगे, जिसकी प्रक्रिया को आप जान ही चुके हैं।
संदर्भ:
1.http://www.growinganything.com/why-do-plants-need-water.html
2.http://scienceline.ucsb.edu/getkey.php?key=3551
 
                                         
                                         
                                         
                                         
                                        