कितनी खूबसूरत चीज़ है ना प्रकृति। हमें इतना कुछ दे जाती है और बदले में कुछ मांगती भी नहीं। आज हम मानवों ने जितनी भी प्रगति की है, उसमें शायद सबसे बड़ा योगदान प्रकृति का ही होगा। परन्तु हमने इसे बदले में क्या दिया, सिर्फ कूड़ा-कचरा और शोषण?
आज हम आपके सामने एक वीडियो प्रस्तुत करने जा रहे हैं जो इसी मुद्दे को छूता है। वीडियो की शुरुआत होती है आज से 5 लाख वर्ष पहले के समय से। मानव एक-एक करके प्रकृति के सभी पहलुओं का इस्तेमाल अपने फ़ायदे ही नहीं, बल्कि अपने शौकों के लिए करने लगता है। फिर चाहे वह वनस्पति हो या फिर जीव-जंतु। वीडियो में सिर्फ एक ही मनुष्य को दिखाया गया है जो हमारी पूरी मानव जाती को दर्शाता है।
वीडियो के मध्य तक ही आपको इसमें दिखाए गए मनुष्य से नफरत होने लगेगी। परन्तु यह सिर्फ एक वीडियो है, असल में यह मनुष्य और कोई नहीं बल्कि हम और हमारे आस-पास के लोग ही हैं। ज़रूर प्रकृति काफी निःस्वार्थ है, परन्तु प्रकृति का ही नियम है कि हर चीज़ संतुलित होनी चाहिए और कुछ भी हो जाये, प्रकृति के इस नियम का उल्लंघन नहीं हो सकता। इस प्रकार प्रकृति का शोषण बिना किसी बुरे परिणाम को झेले संभव नहीं है।
वीडियो के अंत में एक रोचक मोड़ आता है जब इस मनुष्य द्वारा प्रकृति पर किये गए अत्याचार का हर्जाना उसे एक अप्रत्याशित तरीके से चुकाना पड़ता है। वीडियो को देखकर आप में प्रकृति के प्रति एक ज़िम्मेदारी की भावना ज़रूर उजागर होगी, तो तुरंत क्लिक कीजिये ऊपर दिए गए वीडियो पर और बनायें अपने रविवार को उपयोगी।
संदर्भ:
1.https://www.youtube.com/watch?v=WfGMYdalClU
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