
समय - सीमा 265
मानव और उनकी इंद्रियाँ 1047
मानव और उनके आविष्कार 811
भूगोल 260
जीव-जंतु 313
कृषि पर निर्भर देश होने के नाते सिंचाई भारत की रीढ़ की हड्डी है। देश में सिंचाई कुओं, जलाशयों, आप्लावन और बारहमासी नहरों तथा बहु-उद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं के जरिए की जाती है। रामपुर जिले का कुल भौगोलिक क्षेत्र 2,35,360 हैक्टर है और कुल खेती योग्य भूमि का क्षेत्र 1,11,190 हैक्टर है और इसकी सिंचाई यहां की नहर प्रणाली द्वारा की जाती है। रामपुर जिले की नहर प्रणाली 100 साल से अधिक पुरानी है। यहां की सभी नहर प्रणालियों का निर्माण नहरों पर छोटे नियामक, बैराज और अर्थ बांधों का निर्माण करके किया गया है।
जिले में 18 नहर प्रणालीएं (Canal systems) हैं जिन्हें मुख्य रूप से कोसी, पीलाखार, भाखड़ा, सैजनी, धीमरी, बहल्ला, नाहल किछिया, डकरा, कल्याणी, कलैया आदि नदियों से पोषित होती है तथा नहरों में पानी की उपलब्धता पर निर्भर है। जिले में नहर प्रणाली निम्नानुसार हैं:
विभिन्न जलाशयों से 72 नहरें एवं सीधे नदियों से 21 नहरें पोषित होती है। रामपुर में कोसी नहर प्रणाली के विस्तार, रिमोडलिंग एवं आधुनिकीकरण के अन्तर्गत कोसी नदी पर रामपुर बैराज के निर्माण की परियोजना की घोषणा दिनांक 19 अक्टूबर, 2013 को माननीय मुख्यमंत्री द्वारा लैपटॉप (Laptop) वितरण के लिए रामपुर आगमन के समय की गयी थी। इस कार्य हेतु दिनांक 12.11.14 को प्रमुख सचिव (वित्त) उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ की अध्यक्षता में सम्पन्न व्यय वित्त समिति की बैठक में उक्त परियोजना रू. 21635.90 लाख के लिये अनुमोदित की गयी थी और अनुबंध के अनुसार कार्य 2018 तक संम्पन्न हो जाएगा।
जैसा कि हम सभी को पता है कि जल का गुणवत्ता समाज के स्वास्थ्य और कल्याण का एक सूचकांक है। परंतु औद्योगिकीकरण (Industrialization), शहरीकरण (Urbanization) और आधुनिक कृषि प्रथाओं का जल संसाधनों पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है। ये कारक मात्रात्मक और गुणात्मक रूप से जल संसाधनों को प्रभावित करते हैं। हाल में ही रामपुर रज़ा(पी.जी.) कॉलेज के रसायन विज्ञान विभाग द्वारा कोसी नदी के जल में तापमान, पी.एच (pH), कुल कठोरता, क्षारीयता, BOD (जैविक ऑक्सीजन माँग), COD (रासायनिक ऑक्सीजन माँग), क्लोराइड (Chloride), नाइट्रेट (Nitrate) तथा फॉस्फेट (phosphate) और फ्लोराइड (fluoride) पदार्थ जैसे भौतिक-रासायनिक मानकों का अध्ययन किया गया ताकि रामपुर में पेय तथा घरेलू और सिंचाई जल आपूर्ति सुनिश्चित हो सके। ‘पेलागिया रिसर्च लाइब्रेरी’ के “रामपुर जिले में कोसी नदी की जल गुणवत्ता की निगरानी, उत्तर प्रदेश, भारत” (Monitoring Water quality of Kosi River in Rampur District, Uttar Pradesh, India) रिपोर्ट के अनुसार अध्ययन में कोसी नदी की जल गुणवत्ता को देखते हुए पाया गया की नदी का पानी गंभीर रूप से प्रदूषित है।
यह आंकड़े उनके रिपोर्ट को दर्शाता है :
उपरोक्त आँकड़ों से स्पष्ट है कि सभी पैरामीटर विभिन्न एजेंसियों द्वारा निर्धारित मानक मानों की सीमा के भीतर नहीं होते हैं। सभी स्टेशनों पर कोसी नदी का पानी अत्यधिक दूषित है और यह उपभोग, घरेलू और सिंचाई उद्देश्यों के लिए अनुपयुक्त है। आज हमें कोसी नदी की गुणवत्ता में सुधार के लिए तत्काल कुछ कदमों की आवश्यकता है। क्योंकि कोसी नदी का जल रामपुर शहर ही नही अपितु जिले के आस-पास के क्षेत्रों के सभी प्रयोजनों के लिए पीने जल आपूर्ति का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
1. http://idup.gov.in/pages/en/ce-ii-eastern-ganga/en-eastern-ganga-about
2. http://www.imedpub.com/articles/monitoring-water-quality-of-kosi-river-in-rampur-districtuttar-pradesh-india.pdf
3. https://www.researchgate.net/publication/268330626_Monitoring_Water_quality_of_Kosi_River_in_Rampur_District_Uttar_Pradesh_India