गणेश चतुर्थी या विनायक चतुर्थी हिन्दुओं द्वारा मनाया जाने वाला एक बड़ा त्यौहार है। इस त्यौहार को हिन्दू धर्म के लोग गणेश जी के जन्म का समारोह मानते हैं। यह त्यौहार कुल 10 दिन तक मनाया जाता है और इसकी शुरुआत भाद्रपद माह के चौथे दिन से की जाती है। इस त्यौहार में गणेश जी की मूर्तियाँ घरों, पंडालों एवं मंदिरों में स्थापित की जाती हैं और गणपति उपनिषद् का पाठ भी किया जाता है। मोदक लड्डू को प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है। गणेश चतुर्थी शुरू होने के दसवें दिन गणेश जी की मूर्तियों को नदियों में विसर्जित कर दिया जाता है।
गणेश चतुर्थी सबसे धूम धाम से महाराष्ट्रा में मनाई जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं, कि यह त्यौहार थाईलैंड, नेपाल, कंबोडिया, इंडोनेशिया, अफ़ग़ानिस्तान व चीन में भी मनाया जाता है। इस त्यौहार की शुरुआत कब से हुई, यह तो अब तक स्पष्ट नहीं है। लेकिन इस त्यौहार को सार्वजनिक रूप से मनाये जाने की प्रथा छत्रपति शिवाजी के समय से है। अंग्रेज़ी शासन के समय भारतियों को किसी भी सामाजिक या राजनीतिक मुद्दे के लिए एकत्रित होने की अनुमति नहीं थी। उस समय लोकमान्य तिलक ने इस पर रौशनी डालने का और इसे फिर से उजागर करने का निर्णय लिया। साथ ही इसके ज़रिये वे राजनीतिक सक्रियता, नाटकों, सनीत कार्यक्रम और लोक नृत्य आदि को भी बढ़ावा देते थे। उन्होंने इस त्यौहार को सार्वजनिक तौर से मनाये जाने में एक अहम भूमिका निभाई।
सन 2004 में मद्रास उच्च न्यायलय ने गणेश जी की मूर्तियों को नदियों में विसर्जित करने पर प्रतिबन्ध लगा दिया। इसका कारण मूर्तियों में पाए जाने वाले हानिकारक रसायन थे, जो कि नदियों के पानी को प्रदूषित करते हैं। इसी कारण गणेश विसर्जन के दौरान विसर्जित किये जाने वाली मूर्तियाँ अब परम्परागत चिकनी मिट्टी से बनायीं जाने लगी हैं।
गणेश विसर्जन का त्यौहार एक तरीके से हमें संसार के नियमों और जन्म-मरण के चक्र का ज्ञान भी देता है। जैसे बप्पा की मूर्ती मिट्टी से बनाई जाती है और अपने 10 दिन की आयु पूर्ण कर वह फिर उसी मिट्टी में मिल जाती है, ठीक वैसा ही भाग्य मनुष्यों समेत सभी जीवित प्राणियों का भी है। क्योंकि जीवन क्षणिक होता है और एक बार जब आत्मा हमारे शरीर से निकलती है, तो हमारा भौतिक रूप तब नष्ट होकर प्राकृतिक तत्वों में मिल जाता है और बाद के जीवन चक्र में किसी अन्य शरीर में पुनर्निर्मित होता है।
संदर्भ:
1.https://en.wikipedia.org/wiki/Ganesh_Chaturthi
2.https://www.indiatoday.in/who-is-what-is/story/what-is-ganesh-chaturthi-why-is-it-celebrated-263324-2015-09-16
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