महाभारत पर आधारित थी ये 1929 की फिल्म

मेरठ

 16-09-2018 01:51 PM
द्रिश्य 1 लेंस/तस्वीर उतारना

महान लोग हमेशा वे नहीं होते जो व्यवस्था और तंत्र के विरूद्ध जाते हैं तथा बाकी सबके लिए पथ बनाते हैं, कई बार वे ऐसे भी लोग होते हैं जो अपने पीछे एक छाप छोड़ जाते हैं जो समय के साथ धुंधली तो हो जाती है पर उसका प्रभाव आम हो जाता है। उन्हीं में से एक थे जर्मनी के फ्रान्ज़ ऑस्टेन। उनके द्वारा किया गया भिन्न संस्कृतियों का जोड़ आज दुनिया भुला चुकी है परन्तु आपको ये भी बता दें कि उनके बिना भारत का सिनेमा जगत वर्तमान स्थिति से बिलकुल अलग हो सकता था।

सही मायने में फ्रान्ज़ हिंदी फिल्मों के खोजकर्ता थे जिन्होंने सन 1940, 1950 और कुछ हद तक 1960 की सबसे बड़ी और मशहूर फ़िल्में निर्मित की थीं। सन 1924 में फ्रान्ज़ एक लन्दन में रहने वाले भारतीय वकील से मिले जिनका नाम था हिमांशु राय। उस समय राय फ्रान्ज़ की जन्मभूमि म्युनिक आये हुए थे। उनके म्युनिक आने का लक्ष्य था विश्व के धर्मों पर आधारित अपनी फिल्मों की एक श्रृंखला के लिए कुछ साथी ढूंढना और वहाँ उन्होंने साथी के रूप में हाथ मिलाया फ्रान्ज़ के भाई पीटर की कंपनी के साथ।

इसके बाद फ्रान्ज़ द्वारा फ़िल्में बनाने का सिलसिला शुरू हुआ। ऑस्टेन ने शुरुआत की ‘लाइट ऑफ़ एशिया’ (1925) की शूटिंग से। उस समय इसके जैसी काफी और भी फ़िल्में भिन्न निर्माताओं द्वारा बनाई जा रही थीं पर एक विशेषता जो इस फिल्म को सबसे अलग बनाती थी वह ये थी कि ‘लाइट ऑफ़ एशिया’ की शूटिंग भारत में हुई थी जिससे फिल्म और भी वास्तविक लगती थी। यह फिल्म यूरोप में काफी प्रसिद्ध हुई तथा इसके बाद ऑस्टेन और राय की जोड़ी ने ऐसी दो और फ़िल्में बनाईं, ‘शिराज़’ (1928) जो ताज महल की कहानी पर आधारित थी और ‘प्रपंच पाश’ (1929) जो महाभारत पर आधारित थी। प्रपंच पाश को अंग्रेजी में ‘अ थ्रो ऑफ़ डाइस’ के नाम से जाना जाता था जिसका अर्थ हुआ पासा फेंकना जो महाभारत का मुख्य हादसा था। इस फिल्म की शूटिंग उदयपुर के सुन्दर शहर में हुई थी तथा आप इसे ऊपर दिए गए विडियो में देख सकते हैं।

सिनेमा में मौन से आवाज़ों के तकनीकी सफ़र की वजह से ऑस्टेन और राय की साझेदारी थम गयी क्योंकि जर्मन बोलते हुए भारतीय फिल्मों में अटपटे लगते। परन्तु ये उनकी साझेदारी का अंत नहीं था। 1934 में बॉम्बे टॉकीज़ की नींव रखने के बाद राय ने फ्रान्ज़ को दोबारा संपर्क किया और इसके बाद इन्होंने काफी फ़िल्में साथ बनाईं जिनमें से एक थी ‘अछूत कन्या’ (1937) जिसने मशहूर भारतीय अभिनेता अशोक कुमार को प्रसिद्धी की सीढ़ी पर चढ़ाया। यह पूरी फिल्म आप ऊपर दिए गए विडियो में देख सकते हैं।

हालांकि ऑस्टेन को हिंदी का एक शब्द भी समझ नहीं आता था, फिर भी उन्होंने इतनी ख़ास फिल्मों का निर्माण किया जिन्हें आज तक फिल्म जगत की सबसे बेहतरीन रचनाओं में गिना जाता है, इससे समझ आता है कि फ्रान्ज़ को अपनी कला की पूरी पूरी समझ थी तथा शायद वे ना होते तो आज भारतीय सिनेमा जगत इतनी प्रगति न कर पाता।

संदर्भ:
1.https://swarajyamag.com/culture/the-many-ways-cinema-forgot-franz-osten
2.https://en.wikipedia.org/wiki/Franz_Osten

RECENT POST

  • आइए नजर डालें उत्तर भारतीय शादियों के कुछ रोमांचक दृश्यों पर
    सिद्धान्त 2 व्यक्ति की पहचान

     03-12-2023 09:30 AM


  • फायदेमंद होकर भी हानिकारक क्यों है, रैट-होल खनन
    खदान

     02-12-2023 09:56 AM


  • हिंदू व जैन धर्म अपनाने वाले चालुक्य राजा कुमारपाल के साम्राज्य का विवरण,अपभ्रंश भाषा में
    ध्वनि 2- भाषायें

     01-12-2023 12:01 PM


  • फ्लोरा एन स्टील: ब्रिटिश शासित भारत में एक विपुल लेखिका जो समझती थीं भारत व् भारतीयों को
    उपनिवेश व विश्वयुद्ध 1780 ईस्वी से 1947 ईस्वी तक

     30-11-2023 10:36 AM


  • आधुनिक चित्रकला की स्वदेशी शैली ‘समीक्षावाद’ पर, मेरठ में छपी,रामचन्द्र शुक्ला की पुस्तक
    द्रिश्य 3 कला व सौन्दर्य

     29-11-2023 09:52 AM


  • सरला ठकराल: बाधाओं को मात देकर आसमान छूने वाली एक भारतीय महिला
    सिद्धान्त 2 व्यक्ति की पहचान

     28-11-2023 10:20 AM


  • गुरु नानक जी के अयोध्या यात्रा वर्णनों की राम जन्म भूमि विवाद को सुलझाने में अहम भूमिका
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     27-11-2023 10:01 AM


  • सुनें, स्वामी विवेकानन्द द्वारा 1893 में शिकागो विश्व धर्म सम्मेलन में दिए गए भाषण को
    उपनिवेश व विश्वयुद्ध 1780 ईस्वी से 1947 ईस्वी तक

     26-11-2023 09:32 AM


  • मेरठ के निकटवर्ती गढ़मुक्तेश्वर के गंगा तट पर महाभारत काल से लगता आया है कार्तिक मेला
    नदियाँ

     25-11-2023 10:01 AM


  • जीवन का वृक्ष: ब्रह्माण्ड के सभी जीव आपस में किस प्रकार जुड़े हुए हैं?
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     24-11-2023 10:35 AM






  • © - 2017 All content on this website, such as text, graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id