साहित्य के अमेरिकी प्रोफेसर जोसफ कैम्पबेल ने अपना पूरा जीवन विश्व के समस्त धर्मों और पुरातन संस्कृतियों के मिथकों और किंवदंतियों तथा पौराणिक कथाओं के अध्ययन को समर्पित कर उन पर कई किताबें लिखी हैं जिनमें 'द मास्क्स ऑफ़ गॉड' (The Masks of God), 'द हीरो विद ए थाउजेंड फेसेस' (The Hero With A Thousand Faces) और 'द पॉवर ऑफ़ मिथ' (The Power of Myth) प्रमुख है। उन्होंने जीवन के अंत में यह निष्कर्ष निकाला कि प्राचीन काल में विचारों और कहानियों के बहुत सारे तथ्यों का आदान-प्रदान हुआ था, इन सभी सभ्यताओं में, एक ‘एकल-कल्पित कथा’ या किसी एक हीरो/ईश्वर के जीवन की एक आधारभूत पौराणिक कथा थी, जिसे वर्षों से कई छोटी-छोटी पौराणिक कथाओं के साथ जोड़ कर बनाया गया था।
यदि हम यूनानी पौराणिक कथाएं पढ़ें तो हमें ज्ञात होगा कि इनमें और भारतीय कथाओं में काफी समानताएं हैं। महाभारत और प्राचीन यूनानी शास्त्रीय महाकाव्य इलियड, दोनों ही युद्धों के बारे में हैं जो मुख्य रूप से राजाओं या राजकुमारों और उनके दोषपूर्ण पात्रों के कारण शुरू हुए थे। वहीं महाभारत में पांडवों के वनवास की भांति ओडिसी में भी ट्राय के पतन के बाद ईथाका के राजा ओडिसियस (जिसे यूलिसीज़ नाम से भी जाना जाता) की उस यात्रा का वर्णन है जिसमें वह अनेक कठिनाइयों का सामना करते हुए, 10 वर्ष बाद अपने घर पहुँचता है। आइए इन पौराणिक कथाओं की समानताओं पर एक नज़र डालें:
1. इलियड यूरोप के आदिकवि होमर की रचना मानी जाती है। इसमें ट्रोजन युद्ध का वर्णन है जिसमें ट्राय के एक राजकुमार पेरिस ने स्पार्टा के राजा मेनेलॉस की पत्नी हेलेन का अपहरण कर लिया था। वहीँ, महाभारत का युद्ध पांडवों और दुर्योधन के बीच ईर्ष्या के कारण शुरू हुआ था।
2. महाभारत और इलियड दोनों में धार्मिक तत्व हैं। दोनों कहानियों में, देवताओं को मनुष्यों के साथ वार्तालाप करते दिखाया है। इलियड में, उदाहरण के लिए, अकीलीज़ एक देवी और एक प्राणघातक राजा का पुत्र है। जब वह आगामेम्नन को मारना चाहता है, तो उसे सीधे युद्ध की देवी एथेना द्वारा रोक दिया जाता है। महाभारत में, राधेय (कर्ण) कुंती और सूर्य देव के पुत्र है।
3. साहित्य के दोनों काव्यों में यह विचार शामिल है कि कई देवता और भगवान न्याय की रक्षा के लिये कुछ प्राणियों का पक्ष लेते हैं और उनकी रक्षा करते हैं। इन तथ्यों को महाभारत और इलियड दोनों में चित्रित किया गया है।
4. इलियड में पेरिस ने अकीलीज़ को मारने के लिए उनकी एड़ी में एक तीर मारा था। एड़ी उनका एकमात्र कमज़ोर बिंदु था, जिससे एकिलीज खत्म हो गया था। महाभारत में, जंगल में ध्यान करते समय श्री कृष्ण भी एक ऐसी ही घटना से मर जाते है। एक शिकारी का तीर हिरण का शिकार करते समय उनके पैर में गलती से लग जाता है जिस कारण श्री कृष्ण की मृत्यु हो जाती है। हालांकि, वह शिकारी पिछले जन्म में बाली (सर्व शक्तिशाली वानर राजा) का पुनर्जन्म है। बाली की मौत कृष्ण के पिछले अवतार राम की वजह से हुई थी। इस प्रकार, कृष्ण उस तीर से मरने का फैसला करते हैं जिसे महाभारत में कर्म या जीवन का चक्र बताया गया है।
5. इलियड एवं महाभारत, दोनों के ही मुख्य पात्र, अकीलीज़ और अर्जुन शुरुआत में युद्ध करने के विरुद्ध होते हैं। हालांकि दोनों के युद्ध ना करने के कारण भिन्न हैं। जहाँ अकीलीज़ के युद्ध ना करने का कारण उसका अहंकार है, वहीं अर्जुन का युद्ध ना करने का कारण काफी दार्शनिक है (श्री कृष्ण द्वारा उन्हें समझाना और सही दिशा में प्रोत्साहन देना, जिसे आज हम भगवत गीता के नाम से भी जानते हैं)।
6. महाभारत और इलियड के बीच एक दिलचस्प समानता यह भी है कि दुर्योधन और कर्ण के बीच दोस्ती अकीलीज़ और पाट्रोक्लस की भांति देखने को मिलती है।
पौराणिक कथाओं में समानताओं के साथ-साथ दो युगों के पात्रों में भी समानताएं मिलती हैं, उदाहरण के लिए रामायण और महाभारत के विभिन्न युगों में स्थापित होने के बावजूद भी दोनों में कुछ पात्र समान हैं। जैसे कि परशुराम, महाभारत में वे भीष्म पितामह, गुरु द्रोणाचार्य और कर्ण के गुरु थे और वहीं रामायण में उनका वर्णन सीता के स्वयंवर में राम द्वारा धनुष तोड़ते समय किया गया है। हनुमान जी का भी वर्णन हमें रामायण और महाभारत दोनों में देखने को मिलता है।
1. http://traciaoki.blogspot.com/2007/03/iliad-vs-mahabharata.html
2. https://www.quora.com/What-are-some-similarities-and-differences-between-The-Iliad-and-The-Mahabharata
3. https://coursewikis.fas.harvard.edu/aiu18/Mahabharata
4. http://www.rediff.com/getahead/report/7-links-between-the-ramayana-mahabharata/20170710.htm
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