आज आये दिन सोशल मिडिया पर लाखों तस्वीरें डाली जाती हैं, जिन पर देश दुनिया के लोग अपनी क्रिया प्रतिक्रिया देते हैं। एक ऐसी ही अनोखी डिजिटल तस्वीर मेरठ के शाहपीर मकबरे की कुछ समय पहले दिल्ली के प्रसिद्ध फोटोग्राफर अमित पसरीचा द्वारा अपने फेसबुक पेज ‘इंडिया लोस्ट एण्ड फाउंड’ में डाली गयी जिन्हें हज़ारों दर्शकों द्वारा सराहा गया।
17वीं सदी में बनाए गये इस मकबरे का निर्माण वास्तविकता में पूरा नहीं हुआ। जिसका इतिहास आप प्रारंग के एक पुराने लेख में पढ़ सकते हैं (http://meerut.prarang.in/180129828)। इस मकबरे तथा उसके आसपास का एक चित्र 1843 में फ्रेडरिक पीटर लेयर्ड द्वारा पेंसिल से तैयार किया गया। यह हाथ से बनाया गया चित्र उस समय के लिए काफी स्पष्ट था।
परन्तु आज टेक्नोलॉजी (Technology) में प्रगति होने के साथ इस मकबरे की छोटी से छोटी बारीकी को भी आसानी से चित्रों में कैद किया जा सकता है। नीचे दिए गए कुछ चित्र इस मकबरे की ऐसी ही बारीकियाँ दर्शाते हैं:
पिछले 167 साल से अपरिवर्तित रहे इस मकबरे में पहले की तुलना में आज अधिक पर्यटक घूमने आते हैं। जिस कारण यह अधिक प्रसिद्ध होता जा रहा है। निर्माण पूरा न होने के कारण शाह पीर की कब्र खुले आकाश के नीचे रह गयी। गुंबद विहीन यह मकबरा लाल पत्थरों से तैयार किया गया है। इसके आसपास की दीवारों में सुन्दर मेहराब भी बनाए गये हैं जो इसकी सुन्दरता को और अधिक बढ़ा देते हैं।
संदर्भ:
1.http://meerutup.tripod.com/p1-6.htm
2.http://www.bl.uk/onlinegallery/onlineex/apac/other/zoomify68438.html
3.http://www.bl.uk/onlinegallery/onlineex/apac/other/019wdz000004363u00000000.html
4.https://www.facebook.com/IndiaLostFound/photos/a.653506534832641/926056377577654/?type=3&theater
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